Refined Oil: आज के समय में ज्यादातर लोग खाना पकाने के लिए रिफाइंड तेल का ही इस्तेमाल करते हैं। क्योंकि ये खाने में हल्का होता है और आसानी से कम कीमत में मिल जाता है। इसे रासायनिक तरीक़े से तैयार किया जाता है जिससे यह लंबे समय तक रिजर्व रहता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे तैयार करने की प्रक्रिया हमारी सेहत को नुकसान पहुंचाती है। ऐसे में ये जानना बहुत जरूरी हो जाता है आख़िर कौन-सा तेल सेहत के लिए सही है?
दरअसल, तेल को रिफाइंड करने के लिए 6-7 रसायन का इस्तेमाल होता है। जैसे आईएनएस 319/ टीबीएचक्यू, आईएनएस 900ए / ई 900ए / डीएमपीएस आदि। इसके बाद इसे दोबारा रिफाइंड किया जाता है, तब इन रसायनों की संख्या बढ़ाकर 12-13 कर दी जाती है। फिर जब तक रिफाइंड तेल नहीं निकल जाता तब तक तेल को 200 डिग्री से अधिक तापमान पर लगभग आधे घंटे तक गर्म किया जाता है। जिसकी की वजह से तेल में मौजूद पौष्टिक तत्व पूरी तरह से ख़त्म हो जाते हैं।
तेल निकालने के लिए अगली प्रक्रिया डेओडोरिज़ेशन है, जिसमें तेल को दो बार गर्म किया जाता है। इससे तेल का प्राकृतिक स्वाद और महक पूरी तरह से ख़त्म हो जाती है। यही नहीं, सुगंध और स्वाद लाने के लिए कुछ रिफाइंड तेल में अप्राकृतिक मिलाया जाता है। जिससे उसकी ख़ुशबू और स्वाद अलग हो जाता है। इतनी लंबी प्रक्रिया के बाद जो तेल तैयार होता है वह पूरी तरह से पोषण नष्ट हो जाता है और इसे ही रिफाइंड तेल कहते हैं।
मालूम हो तेल से हमारे शरीर को वसा के साथ-साथ प्रोटीन भी मिलता है। लेकिन तेल को रिफाइंड करने के बाद इसके पोषण निकल जाते है। इसमें इस्तेमाल होने वाले ख़तरनाक रासायनिक पदार्थ और लंबी प्रक्रिया शरीर नुक़सान पहुंचाती है। इसके नियमित सेवन से आप कई गंभीर बीमारियां का शिकार हो सकते हैंं, जैसे- हड्डियों और जोड़ों के दर्द की समस्या, सोचने-समझने की क्षमता प्रभावित होना, हृदय से संबंधित बीमारियां आदि।
आप इस बात का ध्यान रखें कि खाने को कभी भी दो तेल में पकाएं। कई बार लोग दो प्रकार के तेल जैसे सरसों और सोयाबीन को मिलाकर खाना बना लेते है। जो बिलकुल सही नहीं है। क्योंकि हर तेल का गुण अलग होता है। कुछ तेल जल्दी गर्म हो जाते हैं और कुछ ज़्यादा समय लेते हैं। अनुचित मिश्रण या फिर तेल को कई बार गर्म करने से उसमें फ्री रैडिकल्स बन जाते हैं, उसमे गंध ख़त्म हो जाती है, एंटी ऑक्सीडेंट्स भी नहीं बचते, जिसके चलते कई बीमारियां हो सकती हैं। नियमित खानपान में आप सरसों का तेल, तिल का तेल, मूंगफली का तेल, देसी घी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
आप चाहे तो नारियल तेल और कच्ची घानी मूंगफली तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं क्योंकि ये दोनों ही फ़ायदेमंद होते हैं। नारियल तेल एंटी-वायरल, एंटी-फंगल गुणों से भरपूर होता है, जो हृदय, मस्तिष्क और बालों के लिए फ़ायदेमंद होता है। वहीं मूंगफली के तेल में वो सभी पोषक तत्व पाए जाते हैं जिनकी शरीर को आवश्यकता होती है।
देसी घी में हमारे शरीर के लिए कई आवश्यक फैटी एसिड, कई विटामिन जैसे- विटामिन-ए, विटामिन-ई, विटामिन-के2, विटामिन-डी और कैल्शियम, सी एल ए और ओमेगा-3 जैसे तत्व भी अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। इनकी हमारे शरीर को अत्यंत आवश्कता होती है। इसलिए देसी घी आहार में ज़रूर शामिल करें।
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