India News ( इंडिया न्यूज़ ) :  पैरेंट्स अपने बच्‍चों को सही मानवता और समानता के साथ प्रेरित करके लिंग रूढ़िवादिता से बचने में मदद कर सकते हैं। यह बच्चों के जीवन में गहरा प्रभाव डालता है और उन्हें स्वतंत्रता का अनुभव करने में रोकता है। जब आप अपने घर में किचन से संबन्धित कोई भी काम करने के लिए अपने लड़के से बोलते हैं। तो आपने देखा होगा ज्यादातर लड़के यह बोलते हैं कि ये तो लड़कियों वाले काम हैं यह मैं क्यों करूं। आपको बता दूं ये एक लिंग रूढ़िवादिता सोच है यह एक व्यक्ति के लिए ही नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए गलत धारणा हैं। तो चलिए आज मैं आपको कुछ ऐसे टिप्स बताउंगी जिसे अपना कर आप आपने बच्चे को लिंग रूढ़िवादिता जैसी गलत सोच से बचा सकते हैं।

संवेदनशील वातावरण

घर में संस्कृति और संवेदनशील वातावरण बनाना बच्‍चों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। पैरेंट्स को अपने बच्‍चों के साथ खुले मन से बातचीत करनी चाहिए और उनकी भावनाओं को समझने का प्रयास करना चाहिए। उन्हें लड़के और लड़कियों के बीच कोई अंतर नहीं समझाना चाहिए। पैरेंट्स को बच्‍चों के सामने सकारात्मक उदाहरण प्रस्‍तुत करना चाहिए। उन्‍हें समझाना होगा कि एक समान रूप से किसी भी लिंग को गरिमा और सम्‍मान का पूर्ण अधिकार होता है।

जेंडर स्टीरियोटाइप को खत्‍म करें

बच्‍चों को लड़के-लड़कियों के लिए स्पष्ट भूमिकाएं निर्धारित न करें। पैरेंट्स को उनके रूपांतरण को समझने और समर्थन करने की आवश्‍यकता होती है। शिक्षा में समानता और समरसता के मूल्‍यों को बढ़ावा देना चाहिए। स्‍कूलों और संस्‍थानों में लिंगाधारित विभेद को दूर करने के लिए सक्रिय रूप से काम किया जाना चाहिए। बच्‍चों को लिंग रूढ़िवाद के खिलाफ जागरूकता प्रदान करने के लिए पैरेंट्स को उनके साथ बातचीत करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्‍हें शिक्षित बनाकर वे लिंग रूढ़िवाद को चुनौती दे सकेंगे। इन टिप्‍स को अपनाकर, पैरेंट्स अपने बच्‍चों को लिंग रूढ़िवादिता के प्रभाव से बचाने में सहायता कर सकते हैं और उन्‍हें समानता, समरसता, और सही मानवता के मूल्‍यों को समझने में सफल हो सकते हैं।

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