काम की बात

नियमों का पालन कर ऐसे बच सकते हैं हादसों से

इंडिया न्यूज, Tips For Safe Driving: गाड़ी चलाने का तजुर्बा अलग ही होता है। यही वजह है कि लोग भीड़-भाड़ भरे ट्रैफिक से बचने के लिए अक्सर हाईवे का रूख करते हैं लेकिन कभी-कभी हाईवे पर गाड़ी चलान मुसीबतों भरा भी हो जाता है। देश में हर घंटे 53 सड़क दुर्घटनएं हो रही हैं और हर 4 मिनट में 1 मौत होती है। सड़क पर यातायात के समय कुछ छोटी-छोटी गलतियां जानलेवा साबित होती हैं और जिन्हें हम रोक सकते हैं। ताकि अगली बार गाड़ी चलते हुए सावधानी बरतें और इनसे बच सकें। आइए जानते हैं इसके बारे में।

बिना आराम किए गाड़ी न चलाएं

ड्राइविंग एक जिम्मेदारी का काम है और किसी भी जिम्मेदारी को ठीक से तभी निभा सकते हैं, जब हम होशोहवास में हों। हमारा मस्तिष्क पूरी तरह से जाग्रत अवस्था में हो। कई बार लोग थकान को नजरअंदाज करके ड्राइविंग करने लगते हैं, नतीजतन एक्सीडेंट जैसी घटनएं होती हैं। गाड़ी चलाते समय दिमाग ताजा होन चाहिए। अगर किसी बात का तनव हो, गुस्से में हों, मन ठीक न हो तो गाड़ी न ही चलाएं तो बेहतर होगा। आपके लिए भी और सड़क पर चल रहे दूसरे लोगों के लिए भी।

कार के रखरखाव का रखें ध्यान

आमतौर पर यह देखा जाता है कि जो लोग रोड पर लापरवाही से ड्राइविंग करते हैं, वे अपनी गाड़ी की देखभाल को लेकर भी उतने ही लापरवाह होते हैं। अगर गाड़ी की फिटनेस यानी स्थिति ठीक नहीं है तो गाड़ी बीच सफर में या कहें सड़क पर धोखा दे सकती है। लॉन्ग ड्राइव पर जाते समय सबसे पहले बोनट खोलकर फ्लुइड लेवल चेक कर लें। गाड़ी के लाइट्स, वाइपर्स और टायर्स की स्थिति का आकलन बहुत जरूरी है। उसी तरह क्लच और ब्रेक्स की स्थिति भी अच्छी होनी चाहिए।

तेज रफ्तार से गाड़ी न चलाएं

कई लोग दूसरी गाड़ी से आगे निकलने के चक्कर में गलत तरीके से ओवरटेक करते हुए आगे बढ़ते हैं। तेज रफ़्तार ड्राइविंग की सबसे बुरी बात यह है कि इससे अमूमन वे लोग अस्पताल पहुंचते हैं जिनकी कोई गलती भी नहीं होती। आपको स्पीड के नियमों का अनिवार्य तौर पर पालन करन सीखन होगा जैसे-शहर में स्पीड 40 से अधिक न हो, स्कूल, हॉस्पिटल के निकट स्पीड कम कर लें और स्पीड ब्रेकर का भी सम्मान करें।

गाड़ी चलाते समय फोन पर न दें ध्यान

मोबाइल पर बात करते हुए गाड़ी चलान दुर्घटन को निमंत्रण देने जैसा है। जब आप गाड़ी चला रहे हों तो आपका पूरा ध्यान ट्रैफिक और रोड पर होन चाहिए। मोबाइल पर बात करने से ड्राइवर का ध्यान भटक सकता है। आए दिन फोन पर बात करते समय या मैसेज करते समय होने वाली दुर्घटनएं इस बात की पुष्टि करती हैं कि गाड़ी चलाते वक़्त मोबाइल का प्रयोग कितन खतरनक साबित हो सकता है। वैसे तो इससे बचन चाहिए पर जरूरी हो तो हैंड फ्री डिवाइसेस इस्तेमाल करें। गाड़ी में संगीत सुनन भी है तो धीमी आवाज में सुन जा सकता है। इससे ध्यान नहीं भटकेगा।

ये सावधानियां बरतना जरूरी

पीछे बैठे व्यक्ति का भी हेलमेट पहने रहन जरूरी है। हेलमेट अच्छी गुणवत्ता का हो, महज ट्रैफिक पुलिस के चालान से बचने के लिए कामचलाऊ हेलमेट न लें, बल्कि आईएसआई प्रमाणित ही इस्तेमाल करें। आगे निकलने की होड़ में लगातार हॉर्न न बजाएं। ऐसा करने से आगे वाला वाहन चालक हड़बड़ा सकता है। इससे दुर्घटन की आशंका बढ़ सकती है। कार के विंड शील्ड पर स्टिकर न लगवाएं, इससे पीछे का दृश्य देखने में बाधा हो सकती है।

ट्रैफिक लाइट्स पर सबसे आगे खड़े होने या जल्दी निकलने के चक्कर में बाईं तरफ के ट्रैफिक को बाधित न करें। कतार में ही बने रहें। अगर आप चार पहिया वाहन चला रहे हैं तो सीट बेल्ट बांधने में लापरवाही न बरतें। वहीं दो पहिया वाहन चालकों को यही सावधानी हेलमेट को लेकर बरतनी चाहिए।

सड़क पर बायीं तरफ से चलें, ताकि अगर कोई वाहन चालक आपको ओवरटेक करन चाह रहा हो तो दाहिनी ओर से आगे बढ़ जाए। जब कोई वाहन आपको ओवरटेक कर रहा हो तो आप अपनी स्पीड न बढ़ाएं। इंडिकेटर्स का इस्तेमाल करने में आलस न करें, क्योंकि इससे आपके पीछे आ रहे वाहनों को पता चलता है कि आप किस दिशा में मुड़न चाह रहे हैं। अगर आपकी गाड़ी के इंडिकेटर्स खराब हो गए हों, तो आप गाड़ी को मोड़ने से पहले हाथों से इशारा जरूर करें।

एम्बुलेंस और फायरब्रिगेड जैसे आपातकालीन वाहनों को रास्ता देन भी एक कुशल ड्राइवर की जिÞम्मेदारी होती है। ट्रैफिक लाइट्स और सिगनल्स की अनदेखी न करें। सिग्नल जम्प करने में कोई बहादुरी नहीं है। गाड़ी को स्टॉप लाइन्स के पहले रोकें। अपने से आगे वाले वाहन से निश्चित दूरी बनकर चलाएं, ताकि अगर आगे वाली गाड़ी अचानक ब्रेक लगाए तो आपके पास रुकने के लिए पर्याप्त समय और जगह हो।

दुर्घटना से बचाव के लिए सुझाव क्या?

शासन और प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है कि शहर में गाड़ी की स्पीड शासन द्वारा 40 किमी प्रति घंटे पर लॉक करवाएं। जब शहर से बाहर जान हो तो अपनी सुविधानुसार गाड़ी चालक स्पीड का लॉक खुलवा सकते हैं।

स्कूल, हॉस्पिटल जैसी जगहों पर भीड़भाड़ होती है, इसलिए इनके मोड़ पर स्पीड ब्रेकर होन आवश्यक है। हॉर्न तेज बजाने, हेडफोन सुनते हुए या मोबाइल पर बात करते हुए गाड़ी चलाने वालों पर भी एक बड़ी राशि का जुमार्न लगाया जान चाहिए।

गलत जगह गाड़ी पार्क करने, ओवरटेक करते हुए तेज रफ़्तार से गाड़ी चलाने जैसे यातायात के नियमों का उल्लंघन करने पर अधिक राशि का जुमार्न लगाने की आवश्यकता है।

Sameer Saini

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