Why Cryptocurrency Reached Below 57
इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली
बिटकॉइन करेंसी ने शनिवार को कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई है। पिछले 2 हफ्ते में बिटकॉइन के भाव में 20% की गिरवाट हुई है। इस यह बाजार में 57 हजार डॉलर के नीचे कारोबार कर रही है। इसकी कीमतों में भारी गिरवाट से साफ पता चलता है कि क्रिप्टो में निवेश की पहचान ज्यादा अस्थिरता वाली ही बनी हुई है। हालांकि उसके बाद भी बिटकॉइन दुनिया में ज्यादा लोकप्रिया बनी हुई है।
अगर बात हम दूसरे ट्रेडिशनल बाजार की करें तो जब भी कोई यहां उतार चढ़ाव होता है तो उसके संकेत मिल जाते हैं। जिससे निवेशों को नुकसान नहीं होता। वहीं एक वित्तीय सलाहकार ने कहा बताया कि वर्ष 2016-17 में जब ब्याज की दरें बढ़ रही थीं व लिक्विडिटी समाप्त हो रही थी। उस दौरान क्रिप्टो करेंजी तेजी से बाजार में आगे बढ़ रही थी। आगे उन्होंने बताया कि इस करेंसी में 20 प्रतिशत या उससे अधिक कीमतों में उतार-चढ़ाव असामान्य नहीं है। इस करेंसी अप्रैल माह में करीब 65 हजार डॉलर का रिकॉर्ड छूआ था। हालांकि बिटकॉइन का भाव जून के अंत तक 50% से अधिक गिर गया था।
पिछले 24 घंटों के भीतर भी बिटकॉइन का भाव लगभग 3% गिरा है, जबकि सितंबर की शुरुआती माह में लगभग 53,000 डॉलर तक पहुंच गई थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक बिटकॉइन में यह गिरावट ऊपरी स्तरों से मुनाफावसूली की वजह से देखी गई है।
बिटकॉइन की कीमतों में पिछले एक हफ्ते से लगातार भारी गिरावट दर्ज हो रही है। शुक्रवार को लंदन के शुरुआती कारोबार में सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी 0.5% गिरकर लगभग 56,280 डॉलर हो गई। वहीं, कुछ बिजनेस विश्लेषकों का कहना है कि अक्टूबर में कीमतों में 40% की बढ़ोतरी के बाद तेज गिरावट सामान्य है।
आगामी संसद के शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार क्रिप्टो कानून लाने पर विचार कर रही है। इस कानून होने वाले आगामी संसद सत्र में पेश किया जा सकता है। जबकि इस सेक्टर की कई भारतीय एक्सचेंज ने अपने पब्लिक-आउटरीच ऑपरेशंस को रोकने का फैसला किया है। ऐसा अनुमान है कि क्रिप्टो को एक असेट क्लास के रूप में रेगुलेट किया जाएगा। शायद इसके लेनदेन के उपयोग की जल्दी ही अनुमति मिल जाए। क्रिप्टोकरेंसी का अगर कुल मार्केट की बात करें तो यह 2.7 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच गया है।
Also Read : Priyanka Gandhi ने लिखा पीएम मोदी को पत्र, लखीमपुर हिंसा के पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग