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आप भी बन सकते हैं अपने बच्चे के दोस्त, फॉलो करें ये रूल्स

Mukta • LAST UPDATED : September 6, 2021, 8:35 am IST

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
एक अच्छा अभिभावक वह होता है जो बच्चे के हित में कोई भी फैसला लेने की कोशिश करता है। एक अच्छे पेरेंट्स को परफेक्ट होने की जरूरत नहीं होती है। कोई भी परफेक्ट नहीं होता है। कोई भी बच्चा परफेक्ट नहीं है। इस बात को ध्यान में रखना बेहद महत्वपूर्ण है जब हम अपनी अपेक्षाओं को निर्धारित करते हैं।
सफल पेरेंटिंग परफेक्शन हासिल करने के बारे में नहीं है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हमें उस लक्ष्य के लिए काम नहीं करना चाहिए। पहले अपने लिए उच्च मानक सेट करें और फिर बच्चों के लिए दूसरा। बच्चो के लिए रोल मॉडल की तरह काम करें। अच्छे पेरेंटिंग स्किल सीखने के 10 टिप्स दिए हैं।
बेहतर पैरेंटिंग के चक्कर में अक्सर मां-बाप खुद और बच्चों के ऊपर परफेक्शन का बोझ डाल देते हैं। हालांकि परफेक्ट पैरेंट बनना किसी चुनौती से कम नहीं है, लेकिन बच्चे और खुद पर बोझ डालने से सारा मामला खराब हो जाता है। साथ ही खुशियां पास आने की जगह दूर होने लगती है। ऐसे में पैरेंट के लिए इस बात को जानना बहुत जरूरी है कि कोई भी हर चीज में परफेक्ट नहीं हो सकता। फिजिकली और इमोशनली थकने से अच्छा है कि आप जीवन में कुछ रूल्स को फॉलो करें। जानते हैं कुछ रूल्स के बारे में जिन्हें फॉलो कर खुशहाल पैरेंट बनने सकते हैं।
1) पैरेंटिंग में मल्टी-टास्कर होना पड़ता है। अपनी पुरानी जिम्मेदारियों के साथ-साथ बच्चों के लिए समय निकालना होता है। ऐसे में कम समय में काम निपटाने और बच्चों को समय देने की प्रेक्टिस आपको करनी चाहिए।
2) बहुत ज्यादा बिजी शेड्यूल में से बच्चे के लिए समय निकलना मुश्किल हो सकता है। लेकिन पूरे दिन में से थोड़ा समय बच्चे के साथ जरूर बिताएं। उस दौरान अपने बच्चे को पूरी तरह से अपना समय दें। उस दौरान सारा समय सिर्फ उन्हीं का होना चाहिए।
3)बच्चे को आत्म निर्भर बनाने के चक्कर में आप अपने बच्चे से दूर हो जाते हैं। ऐसे में बच्चे दूसरों से मदद लेना शुरू कर देते हैं और पैरेंट्स से मदद लेनें में हिचकिचाते हैं। ऐसे में पैरेंटिंग को एंजॉय करें।
4) बच्चों की मदद करने का अगर आपका तरीका अख्खड़ है, तो आपको अपने बर्ताव में सुधार करने की जरूरत है। बच्चों के साथ ज्यादा गुस्से और सख्ती से व्यवहार ना करें। अगर उन्हें कुछ समझाना है तो प्यार से समझाएं।
5) बच्चे की बातों को सुने और उन्हें जवाब दें। हां, ये आपके लिए मुश्किल हो सकता है क्योंकि बच्चों के सवाल खत्म नहीं होते। लेकिन कोशिश करें की आप उनके हर सवाल का जवाब दें।

 

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