India News (इंडिया न्यूज), Chhaava Controversy: फिल्म ‘छावा’, छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित है। यह फिल्म अब रिलीज से पहले ही विवादों में घिर गई है। विक्की कौशल, रश्मिका मंदाना, अक्षय खन्ना और आशुतोष राणा जैसे सितारों से सजी इस फिल्म का निर्देशन लक्ष्मण उतेकर ने किया है। फिल्म 14 फरवरी को रिलीज होने वाली है, लेकिन इसके ट्रेलर लॉन्च के बाद से ही महाराष्ट्र की राजनीति में गर्माहट आ गई है।
सीएम देवेंद्र फडणवीस की अपील
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने फिल्म पर हो रहे इस विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए फिल्म निर्माताओं से संवेदनशीलता और रचनात्मकता के बीच संतुलन बनाए रखने की गुजारिश की। उन्होंने कहा, “छत्रपति संभाजी महाराज का इतिहास सही तरीके से दिखाया जाना चाहिए। इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करना उचित नहीं है। संभाजी महाराज के प्रति सभी का गहरा सम्मान और प्यार है, जिसे ठेस नहीं पहुंचनी चाहिए।” सीएम का यह बयान महाराष्ट्र के मंत्री उदय सामंत के बाद आया है, जिन्होंने फिल्म में एक विवादास्पद सीन को लेकर आपत्ति जताई थी।
किस सीन से मचा विवाद?
मंत्री उदय सामंत ने फिल्म में एक सीन पर कड़ी नाराजगी जताई है, जिसमें छत्रपति संभाजी महाराज को नाचते हुए दिखाया गया है। उनका कहना है कि यह सीन ऐतिहासिक तथ्यों के खिलाफ है और महाराज की गरिमा को ठेस पहुंचाता है। सामंत ने कहा कि यह सीन हटाया जाना चाहिए और फिल्म को रिलीज से पहले इतिहासकारों और विद्वानों को दिखाया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि विवादित सीन नहीं हटाया गया तो फिल्म की रिलीज को रोकने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
निर्देशक का बयान
इस विवाद के बाद फिल्म के निर्देशक लक्ष्मण उतेकर ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे से मुलाकात की। उन्होंने आश्वासन दिया कि फिल्म से सभी आपत्तिजनक सीन्स को रिलीज से पहले ही हटा दिया जाएगा। उतेकर ने यह भी स्पष्ट किया कि वह नहीं चाहते कि फिल्म से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे।
क्या है फिल्म ‘छावा’?
‘छावा’ एक ऐतिहासिक ड्रामा है, जो छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित है। संभाजी महाराज, छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र और मराठा साम्राज्य के संस्थापक के उत्तराधिकारी थे। फिल्म में विक्की कौशल संभाजी महाराज की भूमिका निभा रहे हैं।
राजनीतिक विवाद का फिल्म पर असर
फिल्म का विरोध न केवल महाराष्ट्र की राजनीति में चर्चा का विषय बन गया है, बल्कि इसे सामाजिक संवेदनशीलता के दृष्टिकोण से भी देखा जा रहा है। इतिहास को सही तरीके से पेश करने की मांग और रचनात्मकता में संतुलन बनाए रखने की अपील के बीच, यह देखना दिलचस्प होगा कि फिल्म ‘छावा’ पर जनता की प्रतिक्रिया कैसी होगी।