India News (इंडिया न्यूज़), Laxmi Vilas Palace Owner: वडोदरा, गुजरात में स्थित लक्ष्मी विलास पैलेस को दुनिया का सबसे बड़ा और महंगा निजी आवास माना जाता है। इस महल की भव्यता और महंगी संरचना ऐसी है कि मुकेश अंबानी के प्रसिद्ध एंटीलिया जैसी आलीशान इमारतें भी इसके सामने फीकी नजर आती हैं। 700 एकड़ में फैला ये महल न सिर्फ अपने आकार बल्कि अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए भी प्रसिद्ध है।
लक्ष्मी विलास पैलेस का निर्माण वडोदरा के गायकवाड़ राजघराने के महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ ने 1875 में करवाया था। महल के निर्माण में लगभग 12 साल का समय लगा था और इसकी डिजाइन प्रसिद्ध ब्रिटिश आर्किटेक्ट चार्ल्स फेलो चिशोल्म ने की थी। 3,04,92,000 वर्ग फुट में फैले इस महल में 170 कमरे, एक शानदार गार्डन, हॉर्स राइडिंग पैलेस, स्विमिंग पूल और गोल्फ कोर्स जैसी सुविधाएं शामिल हैं। इतना ही नहीं, महल में सोने से सजी दीवारें भी हैं, जो इसकी भव्यता को और बढ़ाती हैं।
लक्ष्मी विलास पैलेस की कीमत लगभग 24,000 करोड़ रुपये के आसपास बताई जाती है। यह भारत का और शायद दुनिया का सबसे महंगा घर है, जिसे देखना वाकई एक अद्वितीय अनुभव है। महल के एक हिस्से में रॉयल फैमिली रहती है, जबकि दूसरे हिस्से को एक संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया गया है, जिससे आम लोग भी इस ऐतिहासिक धरोहर को देख सकें।
गायकवाड़ परिवार के मुखिया समरजीत सिंह गायकवाड़ अपनी पत्नी राधिकाराजे गायकवाड़ और परिवार के साथ इस महल में रहते हैं। समरजीत सिंह गायकवाड़ ने 2013 में इस महल में परिवार के साथ प्रवेश किया। गायकवाड़ परिवार का नेटवर्थ 20,000 करोड़ रुपये के आसपास है और उनके पास देशभर में कई संपत्तियां हैं। इसके अलावा, गायकवाड़ परिवार के पास कई ऐतिहासिक और कलात्मक धरोहरें भी हैं, जिनमें राजा रवि वर्मा की पेंटिंग और सोने-चांदी के आभूषण शामिल हैं। इसके अलावा, गायकवाड़ परिवार गुजरात और वाराणसी में 17 मंदिरों के ट्रस्ट का भी प्रबंधन करता है।
महल की भव्यता के बारे में बात करें तो इसकी वास्तुकला और सजावट ने इसे दुनिया भर में प्रसिद्ध किया है। इसमें सोने की नक्काशी और वास्तुशिल्प के अनोखे डिजाइन इसे और भी आकर्षक बनाते हैं। इस महल के आकार को देखकर किसी को भी यह विश्वास नहीं हो सकता कि यह महल भारत में है, क्योंकि इसका आकार और ऐश्वर्य कई प्रख्यात महलों को पीछे छोड़ देता है।
इस महल की विशेषता केवल इसके आकार और ऐश्वर्य में नहीं है, बल्कि इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता में भी है। यह महल एक प्रकार से भारत के इतिहास और संस्कृति का प्रतीक बन चुका है। यह गायकवाड़ परिवार की शाही विरासत को जीवित रखता है और उनके रॉयल जश्नों और परंपराओं का केंद्र बन चुका है। इतना ही नहीं, लक्ष्मी विलास पैलेस के रॉयल गायकवाड़ परिवार का योगदान भारतीय क्रिकेट में भी रहा है। समरजीत सिंह गायकवाड़, जो खुद एक पूर्व क्रिकेटर रहे हैं, बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे हैं और उन्होंने रणजी ट्रॉफी में बड़ौदा का प्रतिनिधित्व किया है। समरजीत सिंह के बारे में यह भी कहा जाता है कि वह भारतीय क्रिकेट के सबसे अमीर क्रिकेटरों में शुमार होते थे।
इस महल की भव्यता और रॉयलिटी देखकर यह साफ पता चलता है कि भारतीय रॉयल फैमिली के पास ऐश्वर्य और संपत्ति का कोई कमी नहीं है। यह महल न केवल भारतीय शाही परिवार की भव्यता का प्रतीक है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक धरोहर और ऐतिहासिक महत्व को भी दर्शाता है। लक्ष्मी विलास पैलेस को देखना किसी भी ऐतिहासिक स्थल पर यात्रा करने जैसा है, जहां आप न सिर्फ भारत की शाही धरोहर को देख सकते हैं, बल्कि इसकी भव्यता और इतिहास को भी महसूस कर सकते हैं।
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