India News (इंडिया न्यूज),  Maratha Warriors Favorite Weapons: मुगलों और मराठाओं के बीच सदियों तक चले संघर्ष में कई महान योद्धा उभरे, लेकिन उनमें से एक नाम हमेशा स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा, छत्रपति संभाजी महाराज। शिवाजी महाराज के बाद मराठा साम्राज्य को कमजोर समझने वाली मुगल सेना को संभाजी महाराज ने अपने शौर्य और युद्ध कौशल से करारा जवाब दिया। यही वीरता अब बड़े पर्दे पर नजर आ रही है। फिल्म छावा में विक्की कौशल ने छत्रपति संभाजी महाराज की भूमिका निभाई है, और उनकी अदाकारी को जबरदस्त सराहना मिल रही है।

विक्की कौशल ने संभाजी महाराज की भूमिका में भरी जान

फिल्म में विक्की कौशल जिस तरह से मराठा योद्धा के रूप में नजर आए हैं, उसने दर्शकों को प्रभावित किया है। युद्ध के दृश्यों में उनकी तलवारबाजी और जोश साफ झलकता है। खासतौर पर जिस तरह से उन्होंने दांडपट्टा से युद्ध लड़ा, वह सीन रोमांच से भर देता है। मराठा योद्धाओं के इस प्रिय हथियार को फिल्म में बखूबी दर्शाया गया है, जिसने एक बार फिर इतिहास के उस स्वर्णिम अध्याय को जीवंत कर दिया है।

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क्या है दांडपट्टा जिसे संभाजी महाराज ने बनाया था हथियार?

मराठा योद्धाओं का पसंदीदा हथियार दांडपट्टा न केवल एक तलवार थी, बल्कि यह एक घातक युद्ध तकनीक का प्रतीक था। इसे पाटा भी कहा जाता था। इसकी खासियत थी कि इसका हैंडल पूरी तरह से ढका हुआ होता था, जिससे योद्धा के हाथ पर वार होने की संभावना कम हो जाती थी। इसकी अधिकतम लंबाई करीब 5 फीट होती थी, जबकि ब्लेड 4 फीट तक लंबा और लचीला होता था। छत्रपति शिवाजी महाराज इस हथियार के कुशल योद्धा थे, और इसे अपनी सेना में प्रमुखता से शामिल किया था। बाजी प्रभु देशपांडे सहित कई मराठा सेनानियों ने दांडपट्टा का इस्तेमाल करते हुए दुश्मनों को परास्त किया।

मराठाओं के लिए दांडपट्टा क्यों था खास?

मुगलों से लेकर राजपूतों तक, कई सेनाओं के पास यह हथियार मौजूद था, लेकिन इसे चलाने में मराठा योद्धाओं की निपुणता अद्वितीय थी। इसे चलाने वाले को पट्टेकरी कहा जाता था, जिसे 10 साधारण योद्धाओं के बराबर माना जाता था। मराठा योद्धा इसकी ब्लेड को घुमाने और मोड़ने में इतने दक्ष थे कि यह हथियार दुश्मन के लिए काल साबित होता था। इतिहास में प्रतापगढ़ की लड़ाई इसका बड़ा उदाहरण है, जब शिवाजी महाराज पर अफजल खान के अंगरक्षक बड़ा सैयद ने हमला किया था। तभी उनके प्रमुख अंगरक्षक जिवा महाला ने दांडपट्टा से सैयद का हाथ काटकर उसे वहीं ढेर कर दिया था।

महाराष्ट्र का आधिकारिक हथियार बना दांडपट्टा

मराठा इतिहास में अहम भूमिका निभाने वाले इस हथियार को महाराष्ट्र सरकार ने भी सम्मान दिया है। पिछले साल शिवाजी महाराज की जयंती पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इसे राज्य का आधिकारिक हथियार घोषित किया था। यह फैसला मराठा संस्कृति और इतिहास के प्रति सम्मान का प्रतीक बना।

‘छावा’ ने दिलाई मराठा योद्धाओं की गौरवगाथा की याद

फिल्म छावा ने मराठा शौर्य और वीरता की गाथा को फिर से जीवंत किया है। विक्की कौशल ने संभाजी महाराज के किरदार को जिस संजीदगी से निभाया है, उसने मराठा योद्धाओं के संघर्ष और बलिदान को जन-जन तक पहुंचाने का काम किया है। युद्ध के दौरान इस्तेमाल किए गए दांडपट्टा जैसे हथियारों को फिल्म में शानदार तरीके से दर्शाया गया है, जिसने मराठा युद्ध कौशल को एक बार फिर चर्चा में ला दिया है। इस फिल्म ने इतिहास को नए सिरे से समझने और उस पर गर्व करने का मौका दिया है। संभाजी महाराज के साहस और पराक्रम की कहानी हर भारतीय को गर्व महसूस कराती है और यह फिल्म उस गौरवगाथा को नई पीढ़ी तक पहुंचाने में सफल रही है।

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