India News (इंडिया न्यूज), Moody On India GDP Growth: भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओ में से एक है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक समेत कई वैश्विक एजेंसियों ने इसकी गति पर भरोसा जताया है। इस बीच, रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भी भारत के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान बढ़ा दिया है। मूडीज ने कहा है कि भारत कैलेंडर वर्ष 2024 में 7.1 प्रतिशत की दर से विकास करेगा। मूडीज ने भारत के जीडीपी वृद्धि के अनुमान को संशोधित कर 7.1 प्रतिशत कर दिया है। इससे पहले रेटिंग एजेंसी ने 6.8 प्रतिशत का अनुमान लगाया था। इसके साथ ही अपने नए एशिया-प्रशांत आउटलुक में वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए देश के विकास के अनुमान को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है। जबकि वित्त वर्ष 2025-26 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 6.6 प्रतिशत की तीव्र गति से बढ़ने की उम्मीद है।
महंगाई पर एजेंसी ने क्या कहा?
मूडीज एनालिटिक्स की नई रिपोर्ट में भारत में महंगाई दर का भी जिक्र किया गया है। मूडीज ने जहां देश की अर्थव्यवस्था के विकास के पूर्वानुमान में 30 आधार अंकों का संशोधन किया है। वहीं भारत के मुद्रास्फीति के पूर्वानुमान को पहले के 5 प्रतिशत से घटाकर 4.7 प्रतिशत कर दिया है। गौरतलब है कि भारत में खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई और अगस्त में आरबीआई द्वारा निर्धारित सीमा में 4 प्रतिशत से नीचे रही है। रेटिंग एजेंसी के अनुसार, 2025-26 में भारत में मुद्रास्फीति की दर अब क्रमशः 4.5 प्रतिशत और 4.1 प्रतिशत अनुमानित है। मूडीज ही नहीं बल्कि विश्व बैंक, आईएमएफ और अन्य वैश्विक एजेंसियों को भी भारतीय अर्थव्यवस्था पर भरोसा है और सभी ने देश के जीडीपी विकास पूर्वानुमान में वृद्धि की है।
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इस विदेशी एजेंसी को भी भारत पर भरोसा
बता दें कि, जहां एक ओर विश्व बैंक ने बुनियादी ढांचे पर सरकारी खर्च, रियल एस्टेट में घरेलू निवेश में वृद्धि और बेहतर मानसून का हवाला देते हुए वित्त वर्ष 25 में भारत के विकास पूर्वानुमान को 6.6 प्रतिशत से बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दिया था। वहीं अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी विकास पूर्वानुमान को 20 आधार अंकों से बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दिया है। आईएमएफ-विश्व बैंक के साथ-साथ वैश्विक रेटिंग एजेंसी एसएंडपी को भी भारत पर भरोसा जताया है। एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत की विकास दर का अनुमान 6.8 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। अमेरिकी नीतिगत दर में कटौती के बाद भारत में रेपो दर में कमी की भी भविष्यवाणी की है। एसएंडपी ने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक अक्टूबर में होने वाली एमपीसी बैठक में ब्याज दरों में कटौती शुरू कर सकता है।
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