India News (इंडिया न्यूज), Viral Video: बिहार के बरौनी जंक्शन पर एक दर्दनाक हादसा हुआ है। एक रेलवे कर्मचारी की दर्दनाक मौत हो गई है। हादसा उस वक्त हुआ जब ट्रेन को कपल किया जा रहा था। इस दौरान रेलवे कर्मचारी इंजन और बोगी के नीचे आ गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद बरौनी जंक्शन पर काफी देर तक अफरातफरी मची रही। हैरान करने वाली बात यह है कि इस घटना के बाद रेलवे कर्मचारी का शव करीब दो घंटे तक इंजन और बोगी के बीच फंसा रहा। काफी मशक्कत के बाद शव को निकाला जा सका। घटना उस वक्त हुई जब ट्रेन संख्या 15204 लखनऊ-बरौनी एक्सप्रेस बरौनी जंक्शन पहुंची। ट्रेन और इंजन को कपल करवा रहा रेलवे कर्मचारी बोगी और इंजन के बीच फंस गया।
घटना के बाद लोको पायलट ट्रेन छोड़कर हुआ फरार
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक घटना के बाद लोको पायलट ट्रेन छोड़कर भाग गया। इस घटना की जानकारी मिलने के बाद मृतक के परिवार में हाहाकार मचा हुआ है। इस घटना के बाद ये भी जानकारी सामने आ रही है कि, अब रेलवे कर्मचारियों ने अपनी आपत्ति जताते हुए कहा है कि रेलवे कर्मचारियों से रेलवे ज्यादा काम ले रहा है। इंजन और ट्रेन की कपलिंग के लिए चार कर्मचारियों की आवश्यकता होती है, लेकिन एक ही कर्मचारी से यह काम कराया जा रहा है, जिसके कारण यह हादसा हुआ। जब इंजन चालक इंजन को वापस ला रहा था, तब न तो सिग्नल स्टाफ मौजूद था और न ही कोई अन्य स्टाफ।
मृतक की पहचान बरौनी कॉलोनी निवासी करीब 40 वर्षीय अमर कुमार के रूप में हुई है। मृतक को अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिली थी। उसके पिता भी रेलवे कर्मचारी थे और चार-पांच साल पहले उनकी मौत हो गई थी। उनकी जगह मृतक अमर को नौकरी मिली थी।
इस वजह से हुई ये घटना
बताया जाता है कि इंजन और बोगी की कपलिंग के दौरान लोको पायलट ने इंजन को आगे बढ़ाने की बजाय पीछे की ओर कर दिया, जिससे बोगी और इंजन के बीच दबकर रेलवे कर्मचारी की मौत हो गई। प्लेटफार्म पर खड़े लोगों ने घटना की जानकारी लोको पायलट को दी। इंजन को आगे-पीछे करने की बजाय लोको पायलट रेलवे कर्मचारी को फंसा छोड़कर भाग गया। घटना की सूचना मिलते ही रेलवे के अधिकारी जीआरपी और आरपीएफ पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी। सोनपुर डीआरएम विवेक भूषण सूद ने भी घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने आश्वासन दिया है कि मामले की जांच की जा रही है और अगर स्टाफ की कमी के कारण यह घटना हुई है तो स्टाफ की कमी को पूरा किया जाएगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।