कैलाश विजयवर्गीय
राष्ट्रीय महासचिव
भाजपा
खेल प्रेमी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में खेल संस्कृति विकसित करने में अभूतपूर्व भूमिका निभाई है। मोदी सरकार में भारत के खिलाड़ियों ने भी सुविधाएं और सम्मान मिलने पर शानदार प्रदर्शन करके देश का नाम चमकाया है। मोदी सरकार की खेल नीतियों से देश के निचले स्तर से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी प्रोत्साहन और प्रेरणा के कारण शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत को एक खेल महाशक्ति बनाने के लिए बुनियादी स्तर पर तैयार किया गया है।
प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों और उनके हितों को दूरदृष्टि नीति योजना केंद्र में रखा है। प्रधाननंत्री ने कहा है पिछले सात वर्षों में हमने भारत की खेल अधिसंरचना को पुन: तैयार किया है और उसका विस्तार किया है। आज उच्चतम स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए सर्वोत्तम सुविधाएं और व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करते हुए छोटे शहरों से उभरती प्रतिभाओं को देखा और पोषित किया जा रहा है। हम देश में खेल संस्कृति के सृजन की दिशा में एक नया दृष्टिकोण भी लाए हैं।
उनकी पहल पर नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में खेल को एक्सट्रा करिकुलम की जगह मेनस्ट्रीम पढ़ाई का हिस्सा बनाया गया है। उनका मानना है कि जीवन में आगे बढ़ाने के खेल भी प्रभावी माध्यम है। जीवन में संपूर्णता के लिए खेलों की महत्वपूर्ण भूमिका है। मोदीजी की प्रेरणा से देश में खेलों को बढ़ावा देने के कारण एक नया वातावरण तैयार हुआ है। एक समय था जब खेल-कूद को कैरियर बनाने में मुख्यधारा नहीं समझा जाता था। मां-बाप भी बच्चों से कहते थे कि खेलते ही रहोगे तो जीवन बर्बाद कर लोगे। अब देश में फिटनेस और स्पोर्ट्स को लेकर एक जागरूकता आई है। इस बार ओलंपिक खेलों के दौरान सबने यह अनुभव भी किया है।
ये बदलाव हमारे देश के लिए एक बहुत बड़ा टर्निंग प्वाइंट है। बेहद लोकप्रिय कार्यक्रम ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री ने अनेक बार खेल और खिलाड़ियों की चर्चा कर जताया है कि वे देश में खेलों के विकास में नई और लंबी लकीर खींचने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। प्रधानमंत्री ने योग और फिटनेस को बढ़ावा दिया। इन अभियानों से खिलाड़ी भी जुड़े और इसका उन्हें खेलों में भी लाभ मिला। अब प्रधानमंत्री ने सभी को फिट रखने के लिए बच्चों में कुपोषण को दूर करने का अभियान चलाया है और आने वाले समय में जब देश के बच्चे कुपोषण से मुक्त होंगे तो हमें निश्चित रूप से अधिक स्वस्थ और फिट खिलाड़ी मिलेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी सरकार के सात साल में चार खेल मंत्री बदले और छह सांसदों को खेल मंत्री बनाया है। इस बार तो निशीथ प्रमाणिक की भी नियुक्ति कर एक खेल राज्य मंत्री भी दे दिया है। युवा नेता अनुराग ठाकुर को कैबिनेट रैंक देकर खेल मंत्री बनाया गया। अनुराग हिमाचल प्रदेश ओलंपिक संघ के अध्यक्ष हैं और पूर्व में हिमाचल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष और भारतीय क्रिकेट बोर्ड के सचिव और अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्हें खेल प्रशासन का अच्छा खासा अनुभव है। जिसका लाभ उन्हें खेल मंत्रालय चलाने में मिल रहा है। मोदीजी के नेतृत्व में हर खेल मंत्री को बड़ी मेहनत करनी पड़ी और खिलाड़ियों की समस्याओं को दूर करने, उन्हें बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने तथा पदक जीतने पर उनका मान-सम्मान करने में दिन-रात एक करना पड़ा है। खिलाड़ियों के लगातार चमकने के पीछे सरकार की खेलो इंडिया और टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम का बहुत बड़ा योगदान रहा है। खेलो इंडिया के तहत स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर के खिलाड़ियों को भरपूर खेल सुविधाओं के साथ-साथ आर्थिक सहायता भी उपलब्ध कराई जा रही है। ओलंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन से इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।
2016 के रियो ओलंपिक में भारत ने केवल दो पदक जीते थे पर टोक्यो ओलंपिक 2020 में सात पदक जीत कर अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। पहली बार एथलेटिक्स में जेवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण पदक दिलाया। बैडमिंटन की खिलाड़ी पी वी सिंधु लगातार दूसरे ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं। कांस्य हासिल कर भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 41 साल के बाद ओलंपिक पदक जीता। पहली बार पुरुष और महिला हॉकी टीमें ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंचीं।
पैरालंपिक खेलों में रियो ओलंपिक 2016 में भारत ने चार पदक जीते थे जबकि इस बार 19 पदक जीतकर खेलों की दुनिया में सशक्त भारत की तस्वीर पेश की है। निशानेबाजों अवनि लेखारा और सिंहराज अधाना ने तो इस बार एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने का अनूठा करिश्मा किया। प्रधानमंत्री ने सभी एथलीटों में सामान्य लक्षणों यानी साहस, आत्मविश्वास और सकारात्मकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा है कि सभी एथलीटों में अनुशासन, समर्पण और दृढ़ संकल्प के समान गुण होते हैं।
प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों में प्रतिबद्धता और प्रतिस्पर्धा की भावनाओं का उल्लेख किया। नए भारत में भी यही सारे गुण पाए जाते हैं। सभी एथलीट नए भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं और वे देश के भविष्य का प्रतीक हैं।
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