India News (इंडिया न्यूज), Pree Diabetes: प्री-डायबिटीज एक स्वास्थ्य स्थिति है जिसमें ब्लड शुगर का स्तर सामान्य से उच्च होता है, लेकिन यह अभी तक डायबिटीज के स्तर तक नहीं पहुंचा है। यदि सही समय पर पहचान की जाए और उचित जीवनशैली में बदलाव किया जाए, तो प्री-डायबिटीज को पूरी तरह से नियंत्रित किया जा सकता है और इसके विकास को टाला जा सकता है। यहाँ पर प्री-डायबिटीज की पहचान और उसे ठीक करने के लिए आवश्यक जानकारी दी गई है:
प्री-डायबिटीज की पहचान
ब्लड शुगर परीक्षण:
फास्टिंग ग्लूकोज टेस्ट: 8 घंटे की उपवास के बाद किए गए ब्लड टेस्ट में अगर शुगर स्तर 100-125 mg/dL के बीच हो, तो यह प्री-डायबिटीज का संकेत हो सकता है।
OGTT (ओरल ग्लूकोज टोलरेंस टेस्ट): इस परीक्षण में, एक ग्लूकोज ड्रिंक पीने के बाद 2 घंटे के भीतर ब्लड शुगर स्तर की माप की जाती है। अगर यह 140-199 mg/dL के बीच हो, तो यह प्री-डायबिटीज को दर्शाता है।
HbA1c टेस्ट: यह टेस्ट आपके औसत ब्लड शुगर स्तर को पिछले 2-3 महीनों में मापता है। अगर HbA1c स्तर 5.7% से 6.4% के बीच हो, तो यह प्री-डायबिटीज का संकेत हो सकता है।
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लक्षण और संकेत:
अधिक प्यास लगना: पानी की अधिक प्यास लगना और लगातार पेशाब आना।
थकावट और कमजोरी: असामान्य थकावट और ऊर्जा की कमी।
अचानक वजन घटाना: बिना किसी स्पष्ट कारण के वजन का घटना।
धुंधला दृष्टि: आंखों की दृष्टि में बदलाव, जैसे धुंधला दिखना।
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प्री-डायबिटीज को ठीक करने के तरीके
स्वस्थ आहार:
कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) वाले खाद्य पदार्थ: जैसे साबुत अनाज, फल, सब्जियाँ, और दालें।
प्रोटीन और फाइबर: प्रोटीन स्रोत (जैसे मछली, चिकन, दालें) और फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ (जैसे फलों और सब्जियों) का सेवन करें।
शर्करा और परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट से परहेज: जैसे सोडा, मिठाई, और सफेद ब्रेड।
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नियमित शारीरिक गतिविधि:
व्यायाम: सप्ताह में कम से कम 150 मिनट मध्यम-intensity वाले व्यायाम (जैसे तेज चलना, साइकिल चलाना) करें।
वजन कम करना: अगर आप अधिक वजन से परेशान हैं, तो वजन कम करने से ब्लड शुगर नियंत्रण में मदद मिलती है।
वजन प्रबंधन:
स्वस्थ वजन बनाए रखें: शरीर के वजन को नियंत्रित रखना और आदर्श वजन सीमा में रहना आवश्यक है।
सामान्य स्वास्थ्य की निगरानी:
ब्लड शुगर निगरानी: नियमित रूप से ब्लड शुगर की जांच करवाएं और डॉक्टर के सलाह के अनुसार टेस्ट कराएं।
डॉक्टर से सलाह: किसी भी स्वास्थ्य स्थिति या परिवर्तनों के बारे में अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
तनाव प्रबंधन और नींद:
तनाव कम करना: योग, ध्यान और अन्य रिलैक्सेशन तकनीकों का अभ्यास करें।
अच्छी नींद: 7-8 घंटे की अच्छी नींद लेना महत्वपूर्ण है।
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।