India News (इंडिया न्यूज), Differences Between Cotton and Linen: गर्मियों में ज़्यादातर लोग कॉटन फ़ैब्रिक के कपड़े पहनना पसंद करते हैं। कॉटन फ़ैब्रिक प्राकृतिक फाइबर से बनता है, जो कॉटन के पौधे से प्राप्त होता है। इसे कॉटन क्लॉथ भी कहते हैं। कॉटन के कपड़े बहुत आरामदायक होते हैं। इससे पसीना कम आता है और त्वचा संबंधी समस्याओं की संभावना काफी हद तक कम हो सकती है। तीनों दोष यानी वात, पित्त और कफ वाले लोगों को इससे काफ़ी फ़ायदा हो सकता है। वहीं, लिनन फ़ाइबर फ्लैक्स प्लांट में पाया जाता है, जो कॉटन से ज़्यादा मज़बूत होता है। इसका इस्तेमाल सदियों से कपड़े बनाने में किया जाता रहा है। आइए इस लेख में कॉटन और लिनन इन दो प्राकृतिक फ़ैब्रिक के बारे में जानें और देखें कि आयुर्वेद के अनुसार कौन सा फ़ैब्रिक बेहतर है।

भीषण गर्मी से चमगादड़ों की मौत बनी चिंता का विषय, जानें कैस-IndiaNews

कॉटन और लिनन के फ़ायदे

  • गर्मियों में कॉटन और लिनन दोनों ही फ़ैब्रिक फ़ायदेमंद होते हैं। ऐसे में आप दोनों में से कोई भी चुन सकते हैं। कॉटन के कपड़े पहनने से शरीर को ठंडक मिलती है।
  • इससे त्वचा संबंधी समस्याएं नहीं होती हैं, क्योंकि ये पसीने को जल्दी सोख लेते हैं। कॉटन मुलायम होता है। लिनन के कपड़े वात और पित्त दोषों को संतुलित करने में काफ़ी मददगार साबित होते हैं।
  • इससे शरीर ठंडा भी रहता है। इसे पहनने से पसीना जल्दी सूख जाता है, जिससे त्वचा संबंधी समस्याएं नहीं होती हैं। इससे एलर्जी या जलन नहीं होती।
  • दोनों ही कपड़े गर्मियों में ठंडक देते हैं। साथ ही, पहनने में भी आरामदायक होते हैं।

हल्दी सेरेमनी से पहले सैलून के बाहर स्पॉट हुए Zaheer Iqbal, अपनी दुल्हन Sonakshi Sinha को लाने की तैयारी में -IndiaNews