इंडिया न्यूज़ (D Y Chandrachud Lifestyle): भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश हैं। 9 नवंबर, 2022 को कार्यभार संभालने वाले जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर, 2024 तक भारत के मुख्य न्यायाधीश बनें रहेंगे। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की दिनचर्या की वजह से उनके लाइफस्टाइल की अक्सर चर्चा होती है।

भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ अपने काम को मैनेज करने के लिए सुबह उठ जाने वाले लोगों में से हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में जज रहते हुए साल 2019 में मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान बताया था कि वह कैसे अपना वर्क लोड मैनेज करते हैं, साथ ही किस तरह अपने काम और रूचियों के बीच संतुलन बनाते हैं। उन्होंने बताया था कि सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर हमें हर हफ्ते करीब 250 केस पढ़ने पड़ते हैं। हमारे पास तरह-तरह के केस आते हैं, जिसमें मर्डर से लेकर कमर्शियल विवाद तक के केस शामिल रहते हैं।

सुबह 3.30 बजे उठते हैं सीजेआई
सवाल उठता है कि मैं अपने वर्क को मैनेज कैसे करता हूं? उन्होंने बताया कि सबसे पहले तो मैं लोगों से बहुत मिलता-जुलता नहीं हूं। मैं रोज सुबह 3.30 बजे उठता हूं और यह मेरे दिन का सबसे अच्छा हिस्सा होता है। इस समय मैं अपने ज्यादातर काम करता हूं। मैं सुबह 9.30 या 10 बजे तक काम खत्म करने की कोशिश करता हूं।

मुंबई में ही बातचीत करते हुए उन्होंने बताया था कि वह रात में 8 बजे एक या दो घंटे पढ़ने में बिताते हैं। जस्टिस चंद्रचूड़ को वेस्टर्न म्यूजिक सुनना पसंद है। उन्हें कोल्डप्ले और क्रिस मार्टिन जैसे सिंगर्स का गाना अच्छा लगता है। वह एक प्रकृति प्रेमी। उन्हें लंबी पैदल यात्रा पसंद है।

जस्टिस चंद्रचूड़ के पिता भी थे मुख्य न्यायाधीश
सीजेआई चंद्रचूड़ वकीलों और जजों की पारिवारिक पृष्ठभूमि से आते हैं। उनके पिता वाई वी चंद्रचूड़ भी भारत के 16वें मुख्य न्यायाधीश थें। उनका कार्यकाल 2 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक था। यह अब तक का सबसे लंबा कार्यकाल है।

जस्टिस चंद्रचूड़ की पत्नी का नाम कल्पना दास है। वह भी पेशे से वकील हैं। दोनों ने मिलकर दो बच्चियों को गोद लिया है। एक का नाम माही और दूसरे का नाम प्रियंका है। कल्पना दास जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की दूसरी पत्नी हैं। पहली पत्नी का नाम रश्मि था। उनकी मौत साल 2007 में कैंसर से हो गयी थी।
जस्टिस चंद्रचूड़ को पहली पत्नी से दो बेटे हैं। एक का नाम अभिनव और दूसरे का नाम चिंतन है। पिता और दादा की तरह दोनों बेटे भी कानून के पेशे से ही जुड़े हैं।