India News(इंडिया न्यूज),Heat Stroke: तापमान की तेजी से बढ़ते होने के साथ-साथ, गर्मी से होने वाली बीमारियों का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में बढ़ते तापमान की संभावना के कारण लाल अलर्ट जारी किया है। साथ ही, लू के कारण स्थितियाँ और भी अत्यधिक बिगड़ रही हैं। इसलिए, इन बीमारियों से बचाव के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए और आपको बढ़ते हुए तापमान से सुरक्षित रखना चाहिए।
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क्या है हीट स्ट्रोक ?
हीट स्ट्रोक एक बेहद खतरनाक बीमारी है, जो अत्यधिक गर्म और अनियमित स्थितियों में हो सकती है, और यह मौत का भी कारण बन सकती है। हीट स्ट्रोक उस समय होता है जब शरीर का तापमान 105°F (40.6°C) तक पहुंचता है और हमारा शरीर तापमान को नियंत्रित करने की क्षमता खो देता है। ध्यान दें कि हमारे शरीर का सामान्य तापमान 98.4°F (37°C) होता है। अत्यधिक गर्मी में एक्सपोजर के कारण हीट स्ट्रोक हो सकता है, और इस स्थिति में शरीर का तापमान बढ़ता है, लेकिन यह बुखार के रूप में नहीं होता।
हीट स्ट्रोक कब हो सकता है ?
अक्सर ज्यादा देर तक गर्मी में रहने से हीट स्ट्रोक हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप, शरीर में पानी की कमी हो जाती है और हीट कंट्रोल करने की शरीर की क्षमता खत्म हो जाती है, जो कि सैंट्रल नर्वस सिस्टम में होने वाली जटिलताओं की वजह से होता है। इसलिए, लोगों को गर्मियों के दौरान अधिक सावधानी बरतने और अपने आपको सुरक्षित और हाइड्रेटेड रखने की सलाह दी जाती है।
ज्यादा खतरा हो सकता इन लोगो को
हृदय रोगियों और हाइपरटेंशन या डायबिटीज के मरीजों को गर्मी से होने वाली बीमारियों से बचने के लिए ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए। किडनी डिजीज से ग्रस्त लोगों को भी खतरा होता है। जैसे ही किसी के शरीर का तापमान बढ़ने, मितली आने, दौरे, तेज सिरदर्द या बेहोशी की शिकायत महसूस हो, उस व्यक्ति के शरीर का तापमान कम करने की कोशिश करनी चाहिए। साथ ही, हीट क्रैम्प्स और हीट एग्जॉस्शन को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये कंडीशन ही हीट स्ट्रोक में बदल सकती हैं। अगर किसी को हीट स्ट्रोक हो, तो तुरंत मरीज को आइस बाथ या ठंडे पानी में नहलाएं या कमरे में तेज कूलिंग कर लेटाएं।
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हीट स्ट्रोक के लक्षण
- घबराहट
- अत्यधिक कमजोरी,
- बेहोशी
- सिरदर्द
- पेट में मरोड
- मतली
- उलटी
- दस्त
- मांसपेशियों में क्रैम्प्स
बीमारी से बचने के लिए अपनाएं ये तरीके
- जब आप घर लौटते हैं, तो पहले आपको अपने शरीर को सामान्य तापमान पर लाना चाहिए। इसके लिए आप एक पंखा चला सकते हैं और थोड़ी देर बैठ सकते हैं। फिर आपको 20 से 30 मिनट के बाद नहाना चाहिए, ताकि आपका शरीर पूरी तरह से ठंडा हो सके।
- गर्मियों में, बच्चों और बूढ़ों को अधिक समय तक धूप में नहीं बाहर रहना चाहिए। यह इसलिए क्योंकि सूरज की गरम किरणें उनके शरीर को अत्यधिक गरमा सकती हैं, जिससे उन्हें डिहाइड्रेशन यानि तनाव हो सकता है और वे हीट स्ट्रोक के शिकार हो सकते हैं।
- खुले में खड़ी कारें बहुत ज्यादा गरम हो जाती हैं। इस स्थिति में पार्किंग में खड़ी कारों में बच्चों और पालतू जानवरों को छोड़ना सुरक्षित नहीं होता।
- हल्के और ढीले सूती कपड़े पहनें। ढीले कपड़ों को पहनने से शरीर जल्दी ठंडा होता है। इसलिए, गर्मी के मौसम में ढीले-ढाले कपड़े पहनने की सलाह दी जाती है।