India News (इंडिया न्यूज), Heart Attack: क्या आप जानते हैं कि टॉयलेट में जोर लगाने से आपकी जान भी जा सकती है? हां, यह सुनने में हैरान करने वाला लग सकता है, लेकिन हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं ने एक महत्वपूर्ण खोज की है। उनकी रिसर्च के अनुसार, कब्ज और हार्ट अटैक के बीच एक गहरा संबंध हो सकता है। इस खोज ने स्वास्थ्य जगत में एक नई बहस को जन्म दिया है, जिसे समझना जरूरी है।
ऑस्ट्रेलिया में की गई इस स्टडी में 60 साल से अधिक उम्र के 540,000 से अधिक लोगों को शामिल किया गया, जो विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के कारण अस्पताल में भर्ती हुए थे। परिणामस्वरूप, यह पाया गया कि कब्ज वाले मरीजों में उच्च रक्तचाप, हार्ट अटैक, और स्ट्रोक का खतरा गैर-कब्ज वाले मरीजों की तुलना में काफी अधिक था। इसी तरह के निष्कर्ष डेनमार्क में किए गए एक अध्ययन में भी सामने आए हैं, जिसमें 900,000 से अधिक लोगों के डेटा का विश्लेषण किया गया।
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क्या कब्ज़ और दिल के दौरे के बीच हैं कोई सम्बन्ध?
इस अध्ययन में यह स्पष्ट नहीं हुआ कि कब्ज और दिल के दौरे के बीच संबंध अस्पताल के बाहर सामान्य लोगों पर भी लागू होता है या नहीं। विशेष रूप से, इस रिसर्च में उच्च रक्तचाप की दवाओं के प्रभाव को शामिल नहीं किया गया, जो कब्ज का कारण बन सकती हैं। हालांकि, कुछ अध्ययन इस दवा-प्रेरित कब्ज के परिणाम भी दर्शाते हैं।
मोनाश यूनिवर्सिटी के नेतृत्व में हाल ही में किए गए एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में कब्ज और दिल के दौरे, स्ट्रोक, और हार्ट फेल होने के बढ़ते जोखिम के बीच संबंध पाया गया है। यूके बायोबैंक के डेटा के विश्लेषण से पता चला कि कब्ज के मामलों में दिल का दौरा, स्ट्रोक, या हार्ट फेल होने का खतरा दोगुना था। विशेष रूप से, उच्च रक्तचाप और कब्ज के बीच एक मजबूत संबंध पाया गया; जिन लोगों को दोनों समस्याएं थीं, उनके हार्ट अटैक का खतरा 34% अधिक था।
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क्या कहता हैं जापानी अध्यन?
एक जापानी अध्ययन ने भी इसी तरह के निष्कर्ष पेश किए। इसमें पाया गया कि जो लोग हर दो से तीन दिन में मल त्याग करते हैं, उनमें हृदय रोग से मरने का जोखिम उन लोगों की तुलना में अधिक होता है जो दिन में कम से कम एक बार मल त्याग करते हैं। पुरानी कब्ज के कारण मल त्याग के समय जोर लगाने से सांस लेने में कठिनाई और रक्तचाप में वृद्धि हो सकती है, जिससे हृदय रोग का जोखिम बढ़ जाता है।
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कितने प्रतिशत लोग झुंझ रहे हैं कब्ज़ से?
विश्वभर में 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र की लगभग 19% आबादी कब्ज से प्रभावित है। इसलिए, आंत्र स्वास्थ्य के कारण हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है। कब्ज को प्रबंधित करने के लिए आहार में बदलाव, नियमित शारीरिक गतिविधि, पर्याप्त पानी पीना, और आवश्यक दवाओं का उपयोग किया जा सकता है। इन उपायों से आंत्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है और हृदय रोग के खतरे को कम किया जा सकता है।
इस प्रकार, कब्ज और हृदय स्वास्थ्य के बीच के संबंध को समझना और प्रबंधित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए इन शोध निष्कर्षों पर ध्यान देना और उचित कदम उठाना आवश्यक है।
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