लाइफस्टाइल एंड फैशन

तवायफों को जिंदगी में देनी पड़ती थीं ये 5 बड़ी कुर्बानियां, आखिरी वाले के बारे में सुनकर झलक पड़ेंगे आंसू

India News (इंडिया न्यूज), Life Of Tawaifs: भारतीय कला के संरक्षण में तवायफों का योगदान ऐतिहासिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण रहा है। संगीत, नृत्य, और कविता जैसी कलाओं के प्रसार में तवायफों और उनके कोठों की भूमिका केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं थी, बल्कि उनकी कला समाज के सांस्कृतिक और कलात्मक परंपराओं को जिंदा रखने का एक माध्यम थी। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अपने इस महत्वपूर्ण योगदान के बावजूद तवायफों को समाज ने सम्मान नहीं दिया और उनका जीवन कठिनाइयों और संघर्षों से भरा रहा।

किस दौर से गुज़रता था तवायफों का जीवन

तवायफों का जीवन, आम महिलाओं से काफी अलग था। जहां अन्य महिलाएं परिवार, पति और समाज से जुड़ी रहती थीं, वहीं तवायफें पर्दे से बाहर एक खुली जिंदगी जीती थीं। लेकिन इस खुली जिंदगी की कीमत उन्हें व्यक्तिगत सुखों का त्याग कर चुकानी पड़ती थी। तवायफों का जीवन कठोर अनुशासन और नियमों से बंधा होता था। कोठों पर, तवायफें कोठे की मालकिन की अनुमति के बिना बाहर नहीं जा सकती थीं, और उनकी कला प्रदर्शन के समय पर भी कोई स्वतंत्रता नहीं होती थी। उन्हें किसी भी परिस्थिति में अपने कद्रदानों के सामने मुजरा और संगीत पेश करना पड़ता था, चाहे उनकी अपनी स्थिति कैसी भी हो।

मुगल हरम में इस देश से लाई जाती थी वेश्याएं…नवाब तनख्वाह में देते थे ये चीज, आज ऐसा हो तो पिट जाएं ये करने वाले

कम उम्र में ही हो जाती थी जब शिकार

कम उम्र से ही लड़कियों को कोठों पर तैयार किया जाता था, जिसमें उन्हें घंटों तक संगीत और नृत्य का रियाज करना पड़ता था। यही कारण है कि तवायफें उच्च स्तर की कलात्मक योग्यता हासिल करती थीं, जो आम कलाकारों में कम देखने को मिलती थी। लेकिन इस कला साधना के पीछे उनका जीवन एकाकी और कठिनाइयों से भरा होता था। परिवार, विवाह, और सामान्य रिश्तों से दूर, तवायफों के पास केवल कोठा और उनके कद्रदानों का ही साथ होता था। कोठों पर ही रहने वाली कम खूबसूरत लड़कियों को तवायफों की सेवा में लगा दिया जाता था, जिसमें गजरा बनाना, काजल तैयार करना आदि शामिल होता था।

क्यों दिन ढलते ही मुगल हरम में बेचैन हो उठती थी रानियां? हड़बड़ी में कर बैठती थी ये हरकत!

छिन जाते थे जब सब अधिकार

इस तरह के जीवन में व्यक्तिगत स्वतंत्रता और संतोष की कमी होती थी, और इसने तवायफों को समाज में सम्मान और खुशी से दूर रखा। उनके जीवन में जो कला, साज-श्रृंगार, और भव्यता नजर आती है, उसके पीछे एक सूनी और दर्द भरी वास्तविकता भी थी। तवायफों ने समाज को कला का खजाना दिया, लेकिन बदले में उन्हें केवल त्याग, पीड़ा और सामाजिक बहिष्कार ही मिला।

पुरुष के इस अंग पर जा कर टिकती है औरतों की निगाहें, देखते ही जान जाती हैं वो काला राज, जो खुद मर्दों के भी नही होता पता!

Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Prachi Jain

Recent Posts

UP News: शरारती तत्वों ने मंदिर के चबूतरे पर फोड़ा अंडा, पुलिस को ‘शरारती’ की सरगर्मी से तलाश

India News (इंडिया न्यूज),UP News: चमनगंज क्षेत्र के तकिया पार्क के पास स्थित 1 मंदिर…

11 minutes ago

महिला और अति पिछड़ा वोटरों के साधने की कोशिश,अब JDU बताएगी CM का काम

India News (इंडिया न्यूज),JDU Leaders Flagged Off Chariot: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में अब मात्र…

26 minutes ago

पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कही ये बड़ी बात, अमित शाह पर निशाना साधा

India News (इंडिया न्यूज),Rajasthan News: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर कांग्रेस हमलावर नजर…

48 minutes ago

हिमाचल प्रदेश में भीषण ठंड का अटैक, 4 जिलों में ऑरेंज अलर्ट

India News (इंडिया न्यूज),Himachal Pradesh Weather: हिमाचल के निचले पहाड़ी इलाकों में कड़ाके की ठंड…

1 hour ago

नाथ संप्रदाय को लेकर क्या बोले CM मोहन यादव, ताजमहल नहीं सनातन धर्म के पवित्र ग्रंथ…

India News (इंडिया न्यूज),MP News: MP के CM डॉ. मोहन यादव रविवार (22 दिसंबर) को…

2 hours ago

UP News: लड़की ने प्यार में मिले धोखे का लिया खौफनाक बदला, काट दिया प्रेमी का प्राइवेट पार्ट

India News (इंडिया न्यूज),Muzaffarnagar News: यूपी के मुजफ्फरनगर से एक सनसनीखेज घटना सामने निकलकर आई…

2 hours ago