India News(इंडिया न्यूज), Parenting Tips: अधिकांश पैरेंट्स अपने छोटे बच्चों को अपने साथ सुलाना पसंद करते हैं। बच्चे भी अपने माता-पिता के साथ सोने में अधिक सहज महसूस करते हैं। यह न केवल बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ाता है बल्कि उनके मानसिक विकास में भी सहायक होता है।
बच्चों को साथ सुलाने के फायदे:
एक रिपोर्ट के अनुसार, 3 से 4 साल तक के बच्चों को माता-पिता के साथ सुलाने से कई फायदे होते हैं:
- मनोबल में वृद्धि: बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है। वे सुरक्षित महसूस करते हैं और मानसिक रूप से मजबूत होते हैं।
- मनोवैज्ञानिक समस्याओं में कमी: माता-पिता के साथ सोने से बच्चे चिंता और डर जैसी समस्याओं से मुक्त रहते हैं।
- ओपन माइंडेड: बच्चे पैरेंट्स के साथ खुलकर अपनी भावनाएं साझा करते हैं, जिससे उनका सामाजिक और भावनात्मक विकास बेहतर होता है।
अमृत से कम नहीं है इस लिसलिसी सब्जी का पानी, मिलेंगे 5 ऐसे वरदान कि भगवान भी रह जाएंगे हैरान
लेकिन कब बदलें यह आदत?
हालांकि, एक उम्र के बाद बच्चों को अलग बैड पर सुलाने की आदत डालना जरूरी हो जाता है।
2 से 3 साल की उम्र है सही समय:
विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चों को 2 से 3 वर्ष की उम्र में अलग सोने की आदत डालनी शुरू करनी चाहिए। इस समय बच्चे नई चीजें सीखने और बदलाव को आसानी से स्वीकार करने में सक्षम होते हैं। अलग सोने की आदत से:
- स्वतंत्रता की भावना: बच्चे आत्मनिर्भर बनते हैं और छोटी उम्र से ही अपनी जिम्मेदारी समझने लगते हैं।
- स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव:
- मोटापे का खतरा कम होता है।
- ऊर्जा स्तर बेहतर रहता है।
- याददाश्त मजबूत होती है।
- पारिवारिक सामंजस्य: बच्चों के अलग सोने से माता-पिता को एक-दूसरे के साथ समय बिताने का अवसर मिलता है, जिससे रिश्ते में मजबूती आती है।
ज्यादा समय तक साथ सोने के नुकसान:
अगर बच्चे लंबे समय तक माता-पिता के साथ सोते हैं, तो इसका उनके और पैरेंट्स दोनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
- बच्चों में स्वास्थ्य समस्याएं:
- मोटापा।
- थकान और कम ऊर्जा।
- अवसाद और याददाश्त की कमजोरी।
- पारिवारिक समस्याएं:
- माता-पिता के बीच तनाव।
- लड़ाई-झगड़े और रिश्ते में दरार।
- डिवोर्स रेट में वृद्धि।
12 घंटे भिगोकर खाएं ये भूरी चीज, शरीर में समाएगी 10 हाथियों की ताकत, जानें सेवन का सही तरीका
अलग सोने की आदत कब तक डालनी चाहिए?
- 2 से 3 वर्ष: यह आदत डालने का आदर्श समय है।
- 8 से 12 वर्ष: इस उम्र तक ज्यादातर बच्चे अलग सोने की आदत अपना चुके होते हैं।
- 12 वर्ष से अधिक: इस उम्र में भी अगर बच्चे माता-पिता के साथ सोते हैं, तो यह उनके मानसिक और सामाजिक विकास में बाधा बन सकता है।
सर्वे का निष्कर्ष:
एक सर्वे के अनुसार:
- 45% माता-पिता ने 8 से 12 वर्ष की उम्र से पहले ही बच्चों को अलग सुलाना शुरू कर दिया।
- केवल 13% पैरेंट्स ने 12 वर्ष तक बच्चों को अलग बैड दिया।
बच्चों को माता-पिता के साथ सोने देना शुरुआती वर्षों में लाभदायक हो सकता है, लेकिन समय के साथ उन्हें अलग सोने की आदत डालना जरूरी है। यह न केवल उनके मानसिक और शारीरिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि माता-पिता के रिश्ते में सामंजस्य बनाए रखने में भी सहायक है। इसलिए, सही उम्र में यह बदलाव करना हर परिवार के लिए फायदेमंद हो सकता है।