India News (इंडिया न्यूज), Mind Think Just Before Death: मृत्यु के समय दिमाग में क्या होता है, यह अब भी वैज्ञानिकों के लिए एक रहस्य है, लेकिन हाल के अध्ययनों से कुछ दिलचस्प जानकारियाँ मिली हैं। बर्लिन की चेरिट यूनिवर्सिटी और ओहायो की सिनसिनाटी यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक शोध में मृत्यु के तंत्रिका-विज्ञान पर ध्यान केंद्रित किया गया।
मौत के समय दिमाग की प्रक्रिया:
- खून का प्रवाह रुकना: मौत के समय सबसे पहले शरीर में खून का प्रवाह बंद हो जाता है, जिससे दिमाग में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है।
- सेरेब्रल इस्किमया: जब ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है, तो दिमाग में ‘इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी’ धीरे-धीरे बंद हो जाती है। इस स्थिति में न्यूरॉन ऊर्जा को संरक्षित करने की कोशिश करते हैं, लेकिन अंततः मृत्यु की ओर बढ़ते हैं।
- विद्युत असंतुलन: न्यूरॉन आवेशित आयनों से खुद को भरकर विद्युत असंतुलन बनाए रखते हैं। जब शरीर में खून का प्रवाह बंद हो जाता है, तो ये कोशिकाएं शेष ऊर्जा और संसाधनों को खींचने की कोशिश करती हैं।
- सेरेब्रल सुनामी: इस पूरी प्रक्रिया के बाद ‘सेरब्रल सुनामी’ की स्थिति आती है, जहाँ न्यूरॉन और अन्य कोशिकाएं विद्युत असंतुलन के कारण नष्ट हो जाती हैं। इस समय एक बड़ी मात्रा में थर्मल ऊर्जा निकलती है, और यह मानव मृत्यु का अंतिम चरण होता है।
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संभावित बचाव:
इस अध्ययन का महत्वपूर्ण पहलू यह है कि मृत्यु का क्षण, यानी “सेरेब्रल सुनामी”, अपने आप में अपरिवर्तनीय नहीं होता। यदि ऊर्जा की आपूर्ति फिर से बहाल की जा सके, तो कोशिकाओं को बचाया जा सकता है। हालाँकि, इसे अमल में लाने के लिए अभी और शोध की आवश्यकता है।
इस प्रकार, मौत की प्रक्रिया को पूरी तरह से समझना अभी भी एक चुनौती है, लेकिन यह अध्ययन बताता है कि भविष्य में मृत्यु की अटलता को चुनौती देना संभव हो सकता है।
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