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Mussoorie History: आखिर मिल ही गई वो तस्वीरें जब अंग्रेजो के ज़माने में जन्नत दिखा करता था मसूरी

Prachi Jain • LAST UPDATED : July 23, 2024, 4:01 pm IST
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Mussoorie History: आखिर मिल ही गई वो तस्वीरें जब अंग्रेजो के ज़माने में जन्नत दिखा करता था मसूरी

India News (इंडिया न्यूज), History Of Mussoorie: मसूरी, जिसे “पहाड़ों की रानी” भी कहा जाता है, अंग्रेजों के जमाने में एक प्रमुख हिल स्टेशन था और यह जगह ब्रिटिश अधिकारियों और उनके परिवारों के लिए एक पसंदीदा ग्रीष्मकालीन स्थल थी। यहाँ की खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यावली और ठंडा मौसम अंग्रेजों को बहुत भाता था। आइए जानते हैं कि अंग्रेजों के समय में मसूरी कैसा दिखता था और इसकी क्या विशेषताएं थीं:

1. विक्टोरियन आर्किटेक्चर:

मसूरी में कई इमारतें और संरचनाएं विक्टोरियन आर्किटेक्चर शैली में बनाई गई थीं। इन इमारतों की छतें ऊँची होती थीं और खिड़कियों पर विस्तृत नक्काशी होती थी।

होटल, चर्च, और घरों की संरचना में ब्रिटिश आर्किटेक्चर का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता था।

2. चर्च और शैक्षणिक संस्थान:

मसूरी में कई चर्च बनाए गए थे, जिनमें से क्राइस्ट चर्च और सेंट पॉल्स चर्च प्रमुख थे। ये चर्च आज भी मसूरी की विरासत का हिस्सा हैं।

शैक्षणिक संस्थानों में वेल्हम गर्ल्स स्कूल और वुडस्टॉक स्कूल प्रमुख थे, जिन्हें अंग्रेजों ने स्थापित किया था और जो आज भी प्रसिद्ध हैं।

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3. मॉल रोड:

मॉल रोड मसूरी का मुख्य आकर्षण था और अंग्रेजों के समय में यह सड़क खरीदारी और सामाजिक मेलजोल के लिए केंद्र बिंदु थी। यहाँ अंग्रेजी शैली की दुकानें, कैफे और रेस्टोरेंट थे।

मॉल रोड पर शाम के समय टहलना और खरीदारी करना एक प्रमुख गतिविधि थी।

4. लाइब्रेरी और क्लब:

मसूरी में अंग्रेजों ने कई लाइब्रेरी और क्लब भी स्थापित किए थे, जैसे कि मसूरी लाइब्रेरी और क्लब हाउस। ये जगहें सामाजिक मेलजोल और सांस्कृतिक गतिविधियों के केंद्र थे।

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5. प्राकृतिक सौंदर्य:

मसूरी के चारों ओर हरियाली और प्राकृतिक सौंदर्य अंग्रेजों को आकर्षित करता था। केम्पटी फॉल्स और गन हिल जैसे पर्यटन स्थलों का अंग्रेजी शासनकाल में भी विशेष महत्व था।

यहाँ की घाटियाँ, जंगल और पर्वतारोहण के मार्ग अंग्रेजों के लिए ग्रीष्मकालीन गतिविधियों के लोकप्रिय स्थल थे।

6. सड़कें और यातायात:

मसूरी की सड़कें संकरी थीं और मुख्य रूप से घोड़ों और पालकियों के लिए बनाई गई थीं। बाद में यहाँ छोटी मोटरगाड़ियों का भी इस्तेमाल होने लगा।

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अंग्रेजों ने कई सड़कें और पुल भी बनाए, जो मसूरी को देहरादून और अन्य जगहों से जोड़ते थे।

7. सामाजिक जीवन:

अंग्रेजों का सामाजिक जीवन यहाँ की क्लबों और पार्टियों में केंद्रित था। नृत्य, संगीत और थिएटर उनके मनोरंजन के प्रमुख साधन थे।

वे यहाँ के ठंडे मौसम का आनंद लेने और स्वास्थ्य लाभ के लिए आते थे।

मसूरी का अंग्रेजों के समय का यह स्वरूप आज भी कई मायनों में देखा जा सकता है। यहाँ की ऐतिहासिक इमारतें और संरचनाएं उस युग की विरासत को संजोए हुए हैं और हमें उस समय के जीवन और संस्कृति की झलक दिखाती हैं।

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