India News(इंडिया न्यूज),Sleep Divorce: आजकल के इस तनावपूर्ण जीवन में रिश्ते कई तरह से बदलने लगे हैं। एक के बाद एक नया चलन और हर दिन कोई न कोई नया शब्द सुनने को मिलता है। कभी-कभी सिचुएशनशिप जैसे शब्द सुनाई देते हैं और कोई सोलोगैमी की ओर बढ़ रहा है। जिसके बाद अब कपल्स के बीच एक नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है जिसे स्लीप तलाक कहते है। ये लगातार आजकल ट्रेंड में चल रहा है। इसमें नींद को प्राथमिकता देकर कपल्स सोते-सोते तलाक की ओर बढ़ रहे हैं।
क्या है इसका प्रभाव
जानकारी के लिए बता दें कि स्लीप तलाक का मतलब है कि पार्टनर अलग-अलग बिस्तर पर सोना शुरू कर दें ताकि उनकी नींद में खलल न पड़े और वे पूरी नींद ले सकें। लेकिन, कई लोग कपल्स के आपसी रिश्ते, सेक्स लाइफ और नजदीकियों को लेकर चिंता जाहिर करने लगे हैं कि इससे नजदीकियां कम हो सकती हैं। जब जोड़े एक ही कमरे में एक साथ होते हैं तो एक साथ सोते हैं और अगर दोनों अलग-अलग सोने लगें तो यह संदेह पैदा करता है कि शायद जोड़े के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा है।
क्या है स्लीप तलाक
वहीं बात अगर स्लीप तलाक की करें तो निंद में तलाक का मतलब असल में एक-दूसरे से अलग होना या तलाक नहीं है, इसका मतलब है कि पार्टनर अच्छी नींद पाने के लिए अलग-अलग सोना पसंद करते हैं। इसके अलावा अलग-अलग सोने के शेड्यूल के कारण, दूसरे साथी के नींद में हाथ-पैर हिलाने के कारण, खर्राटे लेने की आदत के कारण या नींद से संबंधित किसी विकार के कारण भी स्लीप तलाक की जरूरत पड़ सकती है। लेकिन, स्वस्थ रहने के लिए अच्छी नींद जरूरी है और इसीलिए कई पार्टनर्स का मानना है कि स्लीप डिवोर्स उनके लिए फायदेमंद है।
बिगड़ जाते है रिश्तें!
पर्याप्त नींद लेना निश्चित रूप से स्लीप तलाक का एक फायदा है, लेकिन कई विशेषज्ञों की राय है कि स्लीप तलाक जोड़ों के बीच दूरियां पैदा कर सकता है। यदि उन्हें अपने रिश्ते को बनाए रखने का कोई अन्य तरीका नहीं मिलता है तो स्लीप तलाक उनके रिश्ते में दूरी पैदा कर सकता है। स्लीप तलाक तभी अच्छी तरह से काम कर सकता है जब दोनों पार्टनर इसके लिए सहमत हों, एक-दूसरे के प्रति बहुत प्यार और विश्वास रखें। अगर ऐसा नहीं हुआ तो रिश्ते की नींव हिल सकती है।