India News (इंडिया न्यूज), Type-2 Diabetes Symtoms: टाइप-2 डायबिटीज एक क्रोनिक स्थिति है जिसमें शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति प्रतिरोधी हो जाती हैं या पैंक्रियाज पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है। यह कई लक्षणों से जुड़ा हो सकता है, जो हाथ-पैर से लेकर आंखों तक में दिख सकते हैं। यहां टाइप-2 डायबिटीज के कुछ प्रमुख लक्षण दिए गए हैं:

हाथ और पैर:

सुन्नपन और झुनझुनी:

पैरों और हाथों में सुन्नपन या झुनझुनी का अनुभव हो सकता है, जिसे न्यूरोपैथी कहा जाता है।

दर्द और कमजोरी:

पैरों में दर्द, जलन, या कमजोरी महसूस हो सकती है, जो लंबे समय तक बनी रह सकती है।

चोटों का धीरे-धीरे ठीक होना:

हाथ-पैर में चोट लगने पर घाव का धीरे-धीरे ठीक होना।

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आंखें:

दृष्टि में धुंधलापन:

आंखों में धुंधलापन या दृष्टि में कमी आ सकती है, जिसे डायबिटिक रेटिनोपैथी कहा जाता है।

आंखों में दर्द और सूजन:

आंखों में दर्द या सूजन हो सकती है, जो विशेष रूप से लंबे समय तक अनियंत्रित डायबिटीज के कारण होती है।

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सामान्य लक्षण:

अधिक प्यास और भूख:

अत्यधिक प्यास लगना और भूख बढ़ जाना।

अत्यधिक पेशाब आना:

बार-बार पेशाब आना, विशेष रूप से रात में।

थकान और कमजोरी:

अत्यधिक थकान और कमजोरी महसूस करना।

वजन कम होना:

बिना कोशिश के वजन कम होना।

त्वचा की समस्याएं:

त्वचा पर घाव या संक्रमण, जो धीरे-धीरे ठीक होते हैं।

मूत्र में ग्लूकोज:

मूत्र में ग्लूकोज का पाया जाना।

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अन्य संभावित लक्षण:

मसूड़ों में समस्याएं:

मसूड़ों में सूजन, रक्तस्राव या दर्द हो सकता है।

यौन समस्याएं:

पुरुषों और महिलाओं दोनों में यौन समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि इरेक्टाइल डिसफंक्शन।

हृदय और रक्त वाहिकाओं के जोखिम:

हृदय रोग और स्ट्रोक का बढ़ा हुआ जोखिम।

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उपाय और प्रबंधन:

स्वस्थ आहार:

संतुलित और पौष्टिक आहार का पालन करें, जिसमें कम चीनी और उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थ शामिल हों।

नियमित व्यायाम:

नियमित व्यायाम और शारीरिक गतिविधि को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

मेडिकल चेकअप:

नियमित रूप से ब्लड शुगर स्तर की जांच कराएं और डॉक्टर के परामर्श का पालन करें।

दवाएं और इंसुलिन:

डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएं और इंसुलिन का सही तरीके से उपयोग करें।

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धूम्रपान और शराब से परहेज:

धूम्रपान और अत्यधिक शराब के सेवन से बचें।

टाइप-2 डायबिटीज के लक्षणों को पहचानकर और समय पर उचित उपचार और जीवनशैली में बदलाव करके इस स्थिति को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है।

Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।