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पुलिस की वर्दी पर आस्तीन में क्यों लगी होती है छोटी सी रस्सी? वजह जानकर घूम जाएगा दिमाग!

Preeti Pandey • LAST UPDATED : October 9, 2024, 1:42 pm IST

India News (इंडिया न्यूज़), Uniform of Indian Police: किसी भी आपातकालीन स्थिति में हम सबसे पहले पुलिस को याद करते हैं। इतना ही नहीं, समाज में शांति बनाए रखने में भी पुलिस अहम भूमिका निभाती है। देश के सभी राज्यों में अलग-अलग पुलिस होती है, जो राज्य सरकार के अधीन काम करती है। कुछ राज्यों में पुलिस की वर्दी भी अलग होती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि पुलिस के कंधों पर रस्सी क्यों होती है? आइए आज हम आपको बताते हैं कि पुलिस की वर्दी में रस्सी क्यों होती है और इसका क्या काम होता है।

इस रस्सी का नाम क्या है?

पुलिस की वर्दी के कंधे पर बंधी इस रस्सी का एक खास काम होता है। पुलिस की वर्दी पर बंधी इस रस्सी को लैनयार्ड कहते हैं। आपको बता दें कि अगर आपने इस रस्सी को ध्यान से देखा होगा तो आपको पता चल गया होगा कि यह रस्सी पुलिसवालों की जेब में जाती है। दरअसल, इस रस्सी पर एक सीटी बंधी होती है, जिसे वे अपनी छाती के सामने वाली जेब में रखते हैं।

कई रंगों की होती हैं डोरियाँ

पुलिस के अलावा भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों समेत सभी सुरक्षाकर्मियों की वर्दी में डोरियाँ होती हैं। पुलिस और अर्धसैनिक बलों में राजपत्रित अधिकारियों (डीएसपी/एसएसपी और उससे ऊपर) की वर्दी में आमतौर पर काले रंग की डोरियाँ होती हैं। जबकि निचले रैंक के अधिकारियों की वर्दी में खाकी रंग की डोरियाँ होती हैं। हालाँकि, अलग-अलग राज्यों में यह रंग अलग-अलग हो सकता है। सेना के जवानों द्वारा पहनी जाने वाली डोरी का रंग संबंधित रेजिमेंट पर निर्भर करता है।

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सीटी का काम

पुलिस या अन्य सुरक्षाकर्मी किसी भी आपात स्थिति में इस सीटी का इस्तेमाल करते हैं। उदाहरण के लिए, अगर किसी पुलिसकर्मी को आपात स्थिति में कोई वाहन रोकना है या फिर उसे अपने साथी पुलिसकर्मियों को कोई संदेश भेजना है, तो वह इस सीटी का इस्तेमाल करता है। यह सीटी उनकी वर्दी पर लगी होती है, ताकि ज़रूरत पड़ने पर वे इसका आसानी से इस्तेमाल कर सकें। हालाँकि, ज़्यादातर पुलिसकर्मी इस सीटी का इस्तेमाल सिर्फ़ ट्रैफ़िक को नियंत्रित करने के लिए करते हैं। लेकिन आपात स्थिति में पुलिसकर्मी संदेश देने या भीड़ को सचेत करने के लिए भी इस सीटी का इस्तेमाल करते हैं।

वर्दी में कब जोड़ी गई डोरी?

जानकारी के अनुसार, 15वीं शताब्दी के अंत में फ्रांसीसी सैनिकों और जहाज़ के कर्मचारियों द्वारा पहली बार डोरी का इस्तेमाल किए जाने के प्रमाण मिले हैं। इसका इस्तेमाल जहाज़ पर चढ़ते समय या युद्ध के दौरान हथियारों को सुरक्षित रखने के लिए किया जाता था। डोरी शब्द की उत्पत्ति भी फ्रेंच शब्द डोरी से हुई है, जिसका अर्थ है बेल्ट या पट्टा।

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