India News (इंडिया न्यूज़), What Is Trigger Finger: आज के समय हर कोई मोबाइल फोन पर आश्रित हो गया है। यानी डिजिटल युग में हर किसी के हाथों में मोबाइल फोन दिखाई देता है। हर कार्य के लिए मोबाइल फोन का ही इस्तेमाल किया जाता है। चाहे वह बातचीत हो, खबरें पढ़ना हो या फिर ऑनलाइन शॉपिंग और इसके ज्यदा इस्तेमाल से कई बिमारियां पैदा होती हैं। लेकिन क्या आपको पता है इसके इस्तेमाल से इसका असर हमारी उंगलियों पर भी पड़ता है। मोबाइल फोन को ज्यादा इस्तेमाल करने से हाथ की उंगलियों में ‘ट्रिगर फिंगर’ नामक समस्या दिखने लगती है, जिससे उंगलियों में दर्द, सूजन और कड़ापन का कारण बनती है। दुनिया में लगभग 2% लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं। ऐसे में मोबाइल के कम इस्तेमाल करने की हमें विशेष जरूरत है। तो चलिए जानते हैं कि ट्रिगर फिंगर आखिर क्या होता है साथ ही इसके लक्षण, इनके कारणों और इससे बचने के उपाय के बारे में भी चर्चा करेंगे।
ट्रिगर फिंगर के क्या हैं लक्षण?
- सुबह में उंगलियों में कड़ापन सा महसूस होता है।
- उंगली के हिलाने पर टिक-टिक की आवाज़ आती है।
- प्रभावित उंगली के नीचे हथेली में दर्द या फिर गांठ महसूस होती है।
- कभी-कभी उंगली अपने से अचानक मुड़ जाती है और फिर खुल जाती है।
- कुछ समय के लिए उंगली मुड़ी हुई स्थिति में हो जाती है।
- ये लक्षण किसी भी उंगली या अंगूठे में आ सकती है और यह सुबह में अधिक होते हैं।
ट्रिगर फिंगर होने की वजह?
- हम लगातार अगर उंगलियों को मोड़ते-सीधा करते रहें या फिर ज़ोर से उंगलियों का इस्तेमाल करें, तो उंगलियों की नसों में सूजन हो जाती है।
- उंगलियों की नसों को एक आवरण ढका रहता है जो उन्हें आसानी से हिलने देता है। कभी-कभी वो आवरण सूज भी जाता है।
- नसों के आवरण को लगातार परेशान होने की वजह से वहां घाव-धब्बे बन जाते हैं और वो मोटा हो जाता है।
- लेकिन ऐसे में जब हम उंगली मोड़ते हैं तो वह सूजी हुई नस उस पतले आवरण से निकलते समय टिक-टिक की आवाज करती है।
ट्रिगर फिंगर के उपाय
- आराम- हाथ को आराम देना और ऐसे कामों से बचना जो इस समस्या को बढ़ा सकते हैं।
- स्प्लिंट- रात में स्प्लिंट पहनकर प्रभावित उंगली या अंगूठे को सीधा रखना।
- व्यायाम- हाथों के लिए हल्के स्ट्रेचिंग व्यायाम करना जो कड़ापन कम करेंगे।
- दवाएं- पैरासिटामोल जैसी दवाएं दर्द और सूजन कम कर सकती हैं।
- स्टेरॉयड इंजेक्शन- कॉर्टिकोस्टेरॉयड इंजेक्शन जो सूजन कम करता है, प्रभावित उंगली के नीचे दिया जा सकता है। इससे आराम नहीं मिलता है तो इसका सर्जरी करना पड़ता है यह आखिरी उपाय है।
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