होम / किस तरह के कपड़े पहनती हैं बिश्नोई समाज की कुंवारी लड़कियां? पुरूष भी धारण करते हैं इस तरह का आउटफिट

किस तरह के कपड़े पहनती हैं बिश्नोई समाज की कुंवारी लड़कियां? पुरूष भी धारण करते हैं इस तरह का आउटफिट

Nishika Shrivastava • LAST UPDATED : October 26, 2024, 4:24 pm IST

India News (इंडिया न्यूज), What Bishnoi Community Women and Men Wears: बिश्नोई इन दिनों किसी और वजह से लगातार चर्चा में बना हुआ हैं। लेकिन यहां हम बिश्नोई समाज की समृद्ध संस्कृति को दर्शाने वाले पहनावे की बात करने जा रहें हैं। दरअसल, राजस्थान से आने वाले इस समुदाय के लोग प्रकृति के बेहद करीब होते हैं। एक तरफ इनका रहन-सहन सादा होता है, तो दूसरी तरफ इनके पहनावे में रंग और कढ़ाई का खूबसूरत मिश्रण देखने को मिलता है। अविवाहित से लेकर विवाहित महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग तरह के कपड़े होते हैं, जिनमें मौके के हिसाब से बदलाव भी देखने को मिलते हैं। ये सभी कपड़े उनके समाज की पहचान का अहम हिस्सा होते हैं।

बिश्नोई महिलाएं क्या पहनती हैं?

बिश्नोई महिलाओं के पहनावे में वही चीजें शामिल होती हैं, जो आमतौर पर अन्य राजस्थानी महिलाओं के पहनावे में देखने को मिलती हैं। ऊपरी वस्त्र में कुर्ती होती है, जिसे पुथिया या कांचली भी कहते हैं। इसमें आमतौर पर छोटी या गहरी नेकलाइन होती है, जो यू-शेप की होती है। उनकी आस्तीन की लंबाई आधी या तीन-चौथाई रखी जाती है।

दूसरे ग्रह से आया ये खूंखार ‘शैतान’, इंसान के शरीर में घुसकर करवाता है अजीबो-गरीब काम, फिर भी कैसे लोगों को बना लिया फैन? – India News

कुर्तियों को ऐसे सजाया जाता है

महिलाओं की कुर्तियों को खूबसूरत बनाने के लिए उन्हें रंग-बिरंगे स्टोन और स्टार वर्क से सजाया जाता है। इसके साथ ही गोटा और रेशमी धागों का काम भी देखने को मिलता है। धागे से कुर्ती पर फूल या पारंपरिक पैटर्न देखने को मिलते हैं, जो इसे रिच लुक देते हैं।

घाघरा और रंग

घाघरा कुर्ती के नीचे पहना जाता है, जो कि फ्लेयर्ड होता है। इनमें प्लीट्स कम या ज्यादा हो सकती हैं। इनकी लंबाई टखने तक या उससे नीचे तक हो सकती है। घाघरे पर किया गया काम अलग-अलग तरह का होता है। कुछ पर ओवरऑल प्रिंट होता है, जबकि कुछ पर हल्की कढ़ाई के साथ हैवी या गोटा बॉर्डर होता है। कपड़ों के रंग की बात करें तो बिश्नोई समाज की महिलाएं गहरे या चमकीले रंग के घाघरे और कुर्ते में नजर आती हैं, जिसमें मुख्य रूप से नारंगी से लेकर गुलाबी, लाल और पीले रंग शामिल हैं।

ओढ़नी पहनावे का एक हिस्सा

लंबी चोली और घाघरे के साथ महिलाएं सिर पर दुपट्टा भी पहनती हैं, जिसे ओढ़नी कहते हैं। समुदाय की अविवाहित लड़कियाँ पोथरी/पारा, ओढ़ना और पुठिया पहनती हैं। विवाहित महिलाएँ घाघरा, कांचली, कुर्ती और ओढ़नी पहनती हैं। कॉटन से लेकर जॉर्जेट जैसे हल्के कपड़ों से बनी ओढ़नी पर अलग-अलग प्रिंट और काम हो सकते हैं। कुछ लोग इसके किनारे पर गोटा वर्क करवाते हैं, जबकि अन्य इसे सादा ही रखते हैं।

दूध में से मक्खी की तरह बॉलीवुड से बाहर फेंक दी गईं ये 8 एक्ट्रेसेस, जो कभी इंडस्ट्री में मचा चुकी थीं धमाल – India News

बिश्नोई पुरुषों की पोशाक

बिश्नोई पुरुषों की पोशाक में कुर्ता या चोला और उसके साथ धोती शामिल होती है। यह कुर्ता जांघ या घुटने तक होता है और इसमें पूरी आस्तीन होती है। ऊपर अंगरखा या बंडी पहनी जाती है, जो आमतौर पर चौड़ी होती है। हालांकि, पुरुष आमतौर पर इसके बिना कुर्ते में देखे जाते हैं। धोती को पैरों के चारों ओर से जांघों के बीच तक पीछे की ओर टक किया जाता है। इसकी लंबाई टखने तक होती है। ये कपड़े आमतौर पर सूती कपड़े से बने होते हैं और सफेद रंग के होते हैं।

पगड़ी भी पुरुषों की पोशाक का एक अभिन्न अंग है

बिश्नोई समाज के पुरुषों में पगड़ी पहनने की परंपरा है, जिसे पोटिया भी कहा जाता है। अन्य कपड़ों की तरह, यह आमतौर पर सूती कपड़े से बनी सफेद रंग की होती है। हालांकि, विशेष अवसरों पर, पुरुष जॉर्जेट या शिफॉन से बनी पगड़ी भी पहने हुए दिखाई देते हैं, जिस पर ज़री या अन्य पारंपरिक कढ़ाई की गई होती है। वो जो पोटिया पहनते हैं वह 8 इंच चौड़ा और 80 फीट लंबा होता है।

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.