तिरंगे का करता है अपमान, खालिस्तान का है ध्वजारोहक : वही शैली, वही वेशभूषा… यूं ही नहीं अमृतपाल को कहा जा रहा दूसरा भिंडरेवाला

इंडिया न्यूज़ :  पंजाब में इन दिनों एक ही नाम ही गूंज है वो नाम है ‘अमृतपाल’। वो अमृतपाल जो भिंडरेवाला को अपना आदर्श मानकर पंजाब को भारत से अलग कर खालिस्तान बनाने की मंसूबे रखता है। वो अमृतपाल जिसे ढूंढने में अब तक पंजाब की 80000 पुलिस अब तक नाकाम साबित हुई है। वो खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल जिसपर पंजाब पुलिस ने NSA के तहत मुकदमा दर्ज किया है। अमृतपाल को दूसरा भिंडरेवाला इसलिए यहां कहा जा रहा क्योंकि उसके एक इशारे पर पूरा पंजाब बंधक बना नजर आता है। वो भारत से इतना नफरत करता है कि देश में रहकर भिंडरेवाला की तरह देश तोड़ने की बात करता है। वो खालिस्तान का प्रबल समर्थक बताया जाता है। इतना ही नहीं वो भिंडरे वाला का अनुयायी भी माना जाता है। बता दें, इतना ही नहीं अमृतपाल पर अक्सर ये आरोप लगते हैं कि वो तिरंगे का करता है अपमान करता है। खालिस्तान का है ध्वजारोहक है। अमृतपाल आतंकी भिंडरावाले की शैली को अपनाता है और वैसी ही वेशभूषा बनाकर घूमता है।

खालिस्तान का पैरोकार है अमृतपाल

बता दें, अमृतसर के जलालपुर खेड़ा गाँव का रहने वाला अमृतपाल सिंह तब सुर्खियों में आया, जब उसने ‘वारिस पंजाब दे’ नाम के संगठन की बागडोर संभाली। वह सिर्फ 12वीं तक पढ़ा है। ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन अभिनेता और एक्टिविस्ट दीप सिद्धू ने शुरू किया था। संदीप सिंह उर्फ़ दीप सिद्धू वही था, जिसने 26 जनवरी, 2021 को लालकिले पर खालसा पंथ का झंडा फहराया था। इसके बाद देश भर में उसकी आलोचना हुई थी। पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी किया था।

मालूम हो, 15 फ़रवरी, 2022 को एक सड़क हादसे में दीप सिद्धू की मौत हो गई थी। उसकी मौत के बाद ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन का मुखिया अमृतपाल सिंह को बनाया गया। लगभग दो महीने पहले 29 सितंबर को मोगा जिले में ही अलगाववादी जरनैल सिंह भिंडरावाले के गाँव रोडे में अमृतपाल सिंह की दस्तारबंदी हुई। इस समारोह में खुलकर ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ और ‘हमें क्या चाहिए ‘आजादी’ जैसे नारे लगाए गए। पगड़ी पहनते ही अमृतपाल सिंह ने मंच से ‘भविष्य की जंग’ शुरू करने की घोषणा की। वह खुलेआम खालिस्तान की मांग करने लगा।

तिरंगे का अपमान करता है अमृतपाल

रिपोर्ट के मुताबिक, अमृतपाल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वीडियो अपलोड कर सरेआम राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करता है। वह कहता है, “तिरंगा हमारा झंडा नहीं है क्योंकि इस झंडे ने हमारे ऊपर बेइंतहा जुल्म किए। इसे बदल डालो, मिटा डालो।”

भिंडरावाले से इसलिए होती है अमृतपाल की तुलना

बता दें, अमृतपाल सिंह ने खालिस्तानी आतंकी भिंडरावाले को प्रेरणा बताते हुए उसके रास्ते पर चलने की बात कही थी। इतना ही नहीं, अमृतपाल की वेशभूषा भी खालिस्तानी आतंकी भिंडरावाले से मिलती-जुलती है। अमृतपाल, भिंडरावाले की शैली में ही हर संवेदनशील मुद्दे पर नौजवानों को उकसाने और अलगाववाद को हवा देने की कोशिश करता है। अमृतपाल न सिर्फ जंग, खालिस्तान, आजादी, कुर्बानी और मरजीवड़े (आत्मघाती दस्ते) की बातें कर रहा है, बल्कि कानून को चुनौती देते हुए पुलिस और अदालतों को छोड़कर पंथ के दोषियों को अपने दम पर दंडित करने जैसी बातें करता है।

Ashish kumar Rai

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