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Dussehra 2022: रावण के 10 सिर इन 10 बातों के हैं प्रातीक, जानें दशहरे पर्व जुड़ी ये खास बातें

Divyanshi Bhadauria • LAST UPDATED : October 3, 2022, 5:54 pm IST

(इंडिया न्यूज़, 10 heads of Ravana are symbolic of these 10 things): विजया दशमी, जिसे दशहरा भी कहा जाता है। यह भारत में मनाए जाने वाले महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

दशहरा नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्रि उत्सव के ठीक बाद मनाया जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, दशहरा नवरात्रि के बाद इसलिए मनाया जाता है क्योंकि भगवान राम ने रावण को हराने के लिए अपनी यात्रा शुरू करने से पहले देवी दुर्गा की पूजा की थी। यह त्योहार लंका के राजा रावण पर भगवान राम की जीत का प्रतीक है। एक लंबी लड़ाई के बाद, भगवान राम ने दशहरे पर रावण को हराया था। मान्यताओं के मुताबिक रावण के सिर 10 अलग-अलग बुराइयों की ओर इशारा करते हैं।

रावण के सिर इन दस बातों के हैं प्रतीक

रावण का पहला सिर वासना, दूसरा भय, तीसरा मोह, चाैथा अहंकार, पांचवां ईर्ष्या, छठा लोभ, सातवां धोखा, आठवां व्यभिचार, नाैवां घृणा, दसवां क्रोध को दर्शाता है। वहीं दशहरा शब्द संस्कृत के दो शब्दों से बना है – दशा जिसका अर्थ है दस (रावण का प्रतिनिधित्व करना) और हारा का अर्थ है हार या उखाड़ फेंकना। इसके अलावा इस दिन ही देवी दुर्गा ने राक्षस राजा महिषासुर का भी वध किया था, जिसका सिर भैंस जैसा था। ऐसे में यह उत्सव देवी की बुराई पर जीत की याद भी दिलाता है। उत्तर भारत में दशहरा का त्योहार रामलीला, रामायण के नाट्य आदि का आयोजन करके मनाया जाता है। भगवान राम के भक्त उत्सव के रूप में रावण, कुंभकरण और मेघनाद के बड़े पैमाने पर पुतले भी जलाते हैं.

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