वैसे तो लोकसभा के चुनाव में लगभग 2 साल दूर है लेकिन सभी राजनीतिक पार्टियां मिशन 2024 के लिए मैदान में कूद चुकी हैं। सत्तापक्ष की ओर से खुद प्रधानमंत्री मोदी समय -समय पर अप्रत्यक्ष रूप से जनसभा के जरिए अपनी ताकत का अहसास करते रहते हैं की उनके सामने 2024 में कोई टक्कर में नहीं है। प्रधानमंत्री के कामकाजों से जनता कितना संतुष्ट है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हाल में ही जो गुजरात चुनाव के सर्वे आए उसकी माने तो बीजेपी 27 सालों से लगातार शासन के बावजूद एक बार फिर से गुजरात में वापसी करती नजर आ रही है,हालाँकि सर्वे और नतीजों में अंतर होता है। राजनीती में सबकुछ अप्रत्याशित होता है कई बार चुनाव जीता हुआ दल भी सत्ता से बाहर हो जाता है।भाजपा हो या कांग्रेस दोनों के लिए 2024 का चुनाव अहम है।
बात सम्पूर्ण विपक्ष की करे तो इनके सियासी घटनाक्रम को देखकर लगता है,ये बातें सिर्फ एकजुटता की करते हैं लेकिन जमीनी हकीकत पर देखा जाए तो विपक्ष खुद अपनी ही पार्टी के अंदर के बिखराव से जूझता नजर आता है। इन दिनों कांग्रेस की 2024 में कांग्रेस की नैया पार लगाने के लिए भारत जोड़ो यात्रा पर है वहीं पार्टी के अंदर पद और प्रतिष्ठा के लिए घमासान मचा हुआ है। भारत जोड़ो यात्रा के जरिए राहुल सरकार की नीतियों पर हमलावर है तो सत्तापक्ष राहुल को अध्य्क्ष पद को लेकर मचे घमासान के बीच पार्टी को जोड़ने की सलाह दे रहा। राहुल के भारत जोड़ो यात्रा से अच्छी तस्वीरें तो आ रही हैं वहीं पार्टी के अंदर पद और प्रतिष्ठा की भूख उन समीकरणों को ही तहस -नहस कर देते हैं जो कांग्रेस के लिए नुकसान के आलावा राहुल के मेहनतों पर पानी फेरने जैसा है।
दूसरी तरफ विपक्ष में क्षेत्रीय पार्टियों के सीएम खुद 2024 के चुनाव में खुद पीएम पद की लालसा में हैं,विपक्ष में पीएम पद की रेस लगी है। दिल्ली के सीएम केजरीवाल चाहते हैं विपक्ष उनके नेतृत्व तले आगामी लोकसभा का चुनाव लड़े तो इस रेस में बिहार के सीएम नितीश कुमार और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी पीछे नहीं दिखती। विपक्ष की एकजुटता सिर्फ पीएम पर टिपण्णी और भाजपा को घेरने में नजर आती है वही बात चुनाव की आती है एक-दूसरे को ही नुकसान पहुंचाते नजर आते हैं। सीधे तौर पर कहा जाए तो विपक्ष में एक अनार और सौ बीमार वाली हालात नजर आती है। वहीं भाजपा के लिए सर्वमान्य नेता नरेंद्र मोदी हैं जिनके अगुवाई में ही वो 2024 का चुनाव लड़ने वाली है।
अभी तो अंदाजा लगाना मुश्किल है 2024 लोकसभा चुनाव में किसके सर सेहरा सजेगा लेकिन साथ ही ये अंदाजा लगाना भी मुश्किल है 2024 में विपक्ष का संयुक्त उम्मीदवार कौन होगा। विपक्ष गठबंधन के भरोसे नजर आता है तो सत्तापक्ष पीएम के कामकाज पर। अब देखना होगा राहुल की भारत जोड़ो यात्रा रंग लाती है या भारत जोड़ो यात्रा एक इवेंट बनकर रह जाता है।