Aam Aadmi Party Emerged As Largest Party
रोहित रोहिला, चंडीगढ़:
Aam Aadmi Party Emerged As Largest Party: पंजाब में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) की झाडू की सुनामी के आगे दूसरे राजनैतिक दलों के बडे बडे दिग्गज भी नहीं टिक पाए। कभी भी चुनाव नहीं हारने वाले नेताओं को भी आप की आंधी के आगे हार का सामना करना पडा। इतना ही नहीं इन चुनावों में सीएम का चेहरा बताने वाले दलों के नेता भी टिक नहीं आए। पंजाब के 117 विधानसभा चुनावों (assembly elections) की मतगणना के बाद सूबे में आम आदमी पार्टी सबसे बडी पार्टी बन कर उभरी है।
आप ने चुनावी नतीजों में कांग्रेंस को पछाडते हुए सबसे ज्यादा 92 सीटे जीतते हुए अपना परचम लहराया। जबकि कांग्रेस (Congress) को 18, शिअद (SAD) को 3 और बीजेपी (BJP) को 2 ही सीटों पर संतोष करना पडा। जबकि अन्य को 1 एवं बहुजन समाज पार्टी (Bahujan samaj party) को 1 सीट मिली है। सूबे में सरकार बनाने के लिए 59 विधायक चाहिए थे। लेकिन आप ने 92 सीटे जीतते हुए बहुमत के आंकडे से 33 अधिक सीटें जीती है। आप ने इस बार वर्ष 2017 के चुनाव में कांग्रेंस की बंपर 77 सीटों से भी अधिक के आंकडे को पार कर लिया।
मतों की गिनती का काम शुरू होने के साथ ही स्थिति स्पष्ट हो गई थी कि सूबे में आप की प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनेगी। शाम होते होते स्थिति पूरी तरह से साफ हो गई। दिल्ली के बाद पंजाब ऐसा दूसरा राज्या होगा जहां आप की सरकार बनेगी। इन चुनावों में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लडने वाले कई मंत्री और विधायक अपनी सीटे नहीं बचा सकें। कांग्रेंस और शिअद का ऐसा हाल हुआ कि वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों में जीती सीटों तक को नहीं बचा सकें।
इन हाट सीटों पर हारे दिग्गज
जिन सीटों पर दूसरे राजनैतिक दलों के नेता चुनाव लड थे वहां उन्हें हराने में वाले आप के उम्मीदवार ही थे। इस चुनाव में सूबे में पांच बार मुख्यमंत्री रहे परकाश सिंह बादल,शिअद प्रधान सुखबीर सिंह बादल, अमृतसर ईस्ट से बिक्रम मजीठिया,पंजाब कांग्रेंस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू, मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी दोनों सीटों और कैप्टन अमरिंदर सिंह पटियाला सीट से चुनाव हार गए। इसके अलावा कांग्रेस सरकार के कई मंत्री अभी अपनी कुर्सी नहीं बचा सकें। चन्नी को श्री चमकौर साहिब से चरनजीत सिंह नाम के आप उम्मीदवार ने ही हराया।
यह थे अपनी पार्टी के सीएम चेहरा
शिअद की ओर इस इस चुनाव में सुखबीर बादल सीएम पद के दावेदार थे। वहीं कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी सीएम पद के चेहरा थे। लेकिन चन्नी भदौड और श्री चमकौर साहिब दोनों सीटों से ही हार गए। भदौड सीट पर चन्नी को आप के उम्मीदवार लाभ सिंह ने शिकस्त दी। लाभ सिंह दुकान चलाते है। इसी तरह से कांग्रेंस प्रधान सिद्धू और शिअद नेता मजीठिया को आप की उम्मीदवार जीवनज्योत कौर ने दोनों दिग्गज नेताओं को हरा दिया। श्री चमकौर साहिब से चन्नी वर्ष 2007 से लगातार चुनाव जीतते हा रहे थे। लेकिन इस सीट पर इस बार बार चन्नी को हार का मुंह देखना पडा।
कांग्रेंस और शिअद को हुआ बडा नुकसान
वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में सबसे बडा नुकसान कांग्रेस को उठाना पडा है। जहां कांग्रेंस ने वर्ष 2017 के चुनाव में 77 सीटे जीती थी वहीं वर्ष 2022 के चुनाव में महज 18 सीटों पर ही संतोष करना पडा। कांग्रेस को 2017 के चुनावों की तुलना में वर्ष 2022 में 59 सीटों का नुकसान हुआ है। इसी तरह वर्ष 2017 के चुनाव में शिअद को 15 सीटे मिली थी। लेकिन इस बार महज 3 सीट जीतते हुए 12 सीटों का नुकसान और भाजपा ने वर्ष 2017 के चुनाव में 3 सीटे जीती थी इस बार 2 सीटे जीतते हुए एक सीट का नुकसान झेलना पडा है।
केजरीवाल ने किया था चन्नी के हारने का दावा
चुनाव प्रचार के दौरान दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने दावा किया था कि चन्नी (channi) श्री चमकौर साहिब और भदौड सीट से चुनाव हारेंगे। तब केजरीवाल ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि पार्टी की ओर से दोनों विधानसभा सीट पर सर्वे कराया गया था। जिससे चन्नी दोनों सीटों से हारते हुए बताया गया था। तब केजरीवाल ने एक नहीं तीन बार दोनों सीटों का सर्वे कराया था और तीनों सर्वे के दौरान चन्नी को दोनों सीटों से हारते हुए बताया गया था।
लोग आप को मौका देने का पहले ही बना चुके थे मन
पंजाब में आप को मिले प्रचंड बहुमत से साफ जाहिर होता है कि सूबे के लोग इस बार पहले से ही मन बना चुके थे कि इन चुनाव में आप को एक मौका दिया जाए। क्योंकि सूबे के लोग शिअद और कांग्रेंस को कई बार मौका दे चुके है। जिन सीटों पर शिअद और कांग्रेंस के नेताओं के हारने की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी उन सीटो पर आम के साधारण उम्मीदवारों ने इन बडे एवं दिग्गज नेताओं को करारी शिकस्त दी है।
जीत के बाद अब दावों पर खरा उतरने की चुनौती भी
बेशक पंजाब में आप को भारी बहुमत मिला हो। लेकिन इसके साथ ही आप के सामने अब सूबे के लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने की चुनौती भी होगी। आप सूबे में कांग्रेंस और शिअद को नशे, रोजगार एवं माफिया के मुद्दों पर हमेशा घेरती आई है। लेकिन अब आप की सरकार बनने के बाद पार्टी के नेताओं और भगवंत मान को ऐसे मुद्दों पर जमीनी स्तर पर काम होना होगा। आप के लिए सबसे बडी चुनौती सूबे को कर्ज से बाहर निकालने के साथ आर्थिक हालात ठीक करने पर भी जोर देना होगा।
सीएम चेहरा घोषित करने से मिला फायदा
आप को सूबे में विधानसभा चुनाव के दौरान अपने सीएम पद के चेहरे पर भगवंत मान (bhagavant maan) को घोषित किए जाने का भी फायदा मिला है। वर्ष 2017 के चुनाव के दौरान आप ने सीएम पद का चेहरा घोषित नहीं किया था। जिसकी वजह से आप की हवा होने के बावजूद पार्टी को 20 सीटों पर ही संतोष करना पडा था। लेकिन इस चुनाव में आप की ओर से अब ऐसी गलती नहीं की और मान को अपने सीएम पद का चेहरा घोषित कर दिया। जिसका पार्टी को काफी फायदा मिला। मान की पंजाब में फैन फालोलिंग भी काफी है।
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