इंडिया न्यूज़(गांधीनगर):प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 28 जुलाई को साबरकाँठा ज़िले में साबर डेयरी के 3 नए प्लांटों का शिलान्यास व लोकार्पण करेंगे,जो गुजरात के पशुपालकों की आय बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण क़दम सिद्ध होंगे.
इससे साबरकाँठा के पशुपालकों को वार्षिक 700 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय होगी,भूपेंद्र पटेल सरकार का यह कदम किसानों तथा पशुपालकों की आय बढ़ाने के महत्वपूर्ण साबित होने वाला है.
5 एकड़ में क्षेत्र में चीज़ प्लांट का निर्माण
5 एकड़ क्षेत्र में 600 करोड़ रुपए के निवेश से यह प्लांट स्थापित किया जाएगा,गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फ़ेडरेशन (GCMMF) के अनुसार चीज़ की मांग 15 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है,इसलिए यह प्लांट स्थापित होने से वर्ष 2023-24 की अवधि में मांग से निपटने में सहायता मिलेगी.
यहाँ शेडर,मोज़रेला तथा प्रोसेस्ड चीज़ का निर्माण किया जाएगा,इस प्लांट का निर्माण वर्ष 2024 तक पूर्ण कर ली जाएगा,साबरकाँठा के पशुपालकों को वार्षिक 700 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय होगी.
जीसीएमएमएफ़ के प्रबंध निदेशक आर. एस. सोढी ने कहा कि नई चीज़ फ़ैक्टरी में वार्षिक 1.2 करोड़ लीटर दूध का उपयोग होगा और इससे जुड़े पशुपालकों को वार्षिक 700 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय होगी,भारत में चीज़ का बाज़ार 3 हज़ार करोड़ रुपए का है,जिसके आगामी पाँच वर्षों में 6 हज़ार करोड़ रुपए तक पहुँचने की संभावना है.
गुजरात के अमूल का हाल में भारत के चीज़ मार्केट में 70 प्रतिशत मार्केट शेयर के साथ शीर्ष स्थान पर है,
गुजरात में दूध का वार्षिक व्यवसाय 60 हज़ार करोड़ रुपए का,गुजरात में 24 सहकारी डेयरियों द्वारा हाल में दैनिक 250 लाख लीटर दूध प्रोसेस किया जाता है.इसमें 5वें हिस्से का दूध प्रवाही के रूप में उपयोग में लिया जाता है,जबकि शेष दूध का उपयोग पाउडर, बटर, पनीर चॉकलेट आदि उत्पाद बनाने में होता है,सहकारी ढाँचे के माध्यम से गुजरात में दूध का वार्षिक व्यवसाय 60 हज़ार करोड़ रुपए का है.
पिछले दस वर्षों में चीज़ की मांग में 5 गुना वृद्धि हुई है,यह प्लांट स्थापित होने से आगामी दिवसों में किसानों को दूध के अधिक दाम मिलेंगे और उनकी आय में वृद्धि होगी,गुजरात में हाल में चीज़ के तीन प्लांट हैं,जिनमें भाट-गांधीनगर स्थित अमूल फ़ेड डेयरी प्लांट,खात्रज-खेडा स्थित खेडा ज़िला दूध उत्पादक संघ तथा दियोदर-साबरकाँठ स्थित बनास डेयरी का दियोदर प्लांट शामिल है,साबर डेयरी के इस प्लांट से गुजरात में चीज़ उत्पाद बढ़ जाएगा और इससे राज्य की अर्थ व्यवस्था को भी लाभ होगा.
प्रधानमंत्री श्री मोदी साबरकाँठा ज़िला मुख्यालय हिम्मतनगर में स्थित साबर डेयरी के मुख्य डेयरी प्लांट के बराबर में 600 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित होने वाले दैनिक 30 मैट्रिक टन क्षमता वाले चीज़ प्लांट का शिलान्यास व भूमिपूजन करेंगे,प्रधानमंत्री 125 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित होने वाले दैनिक 3 लाख लीटर कैपेसिटी वाले अल्ट्रा हाई ट्रीटमेंट (UHT) टेट्रा पैक प्लांट का ई-लोकार्पण तथा सुकन्या समृद्धि योजनांतर्गत पाँच बालिकाओं को बैंक खाते की पासबुक एवं डेयरी की ओर से प्रथम क़िश्त के भुगतान के प्रमाणपत्र भी प्रदान करेंगे.
लोकार्पण तथा भूमिपूजन का विवरण
1. मुख्य डेयरी प्लांट के बराबर में 600 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित होने वाले दैनिक 30 मैट्रिक टन दैनिक कैपेसिटी वाले चीज़ प्लांट का शिलान्यास तथा भूमिपूजन.
2. 125 करोड़ रुपए ख़र्च से निर्मित 3 लाख लीटर कैपेसिटी वाले अल्ट्रा हाई ट्रीटमेंट (UHT) टेट्रा पैक प्लांट का लोकार्पण.
3. 305 करोड़ रुपए के ख़र्च से निर्मित दैनिक 120 टन कैपेसिटी वाले पाउडर प्लांट का लोकार्पण.
साबर डेयरी 58 वर्षों से कार्यरत है,साबर डेयरी दूध उत्पादकों को पोषक भाव देने तथा सरकार की योजनाएँ पहुँचाने के लिए कार्यरत है,वर्ष 2001-02 में डेयरी के साथ 2,50,000 पशुपालक जुड़े हुए थे,यह संख्या वर्ष 2021-22 में बढ़ कर 3,85,000 तक पहुँच गई है,साबर डेयरी का वार्षिक टर्नओवर वर्ष 2001-02 में 351 करोड़ रुपए था जो हाल में बढ़ कर 6805 करोड़ रुपए पर पहुँच गया है,हाल में यहाँ दैनिक 33 लाख लीटर दूध का प्रसंस्करण किया जाता है.
सरकार पशु प्रजाति सुधार द्वारा उत्पाद बढ़ाने को प्रयत्नशील
आगामी दिवसों में दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए राज्य सरकार द्वारा पर्याप्त प्रयास किए जा रहे हैं,पंजाब जैसे राज्यों से पशुओं की अच्छी प्रजातियों को लाकर गुजरात के पशुपालकों को मुहैया कराई जा रही हैं,कृत्रिम वीर्यदान तथा गर्भाधान के लिए सरकार पर्याप्त सहायता प्रदान कर रही है.
अच्छी प्रजाति के बच्चों के जन्म के लिए आणंद,वडोदरा,सूरत,मेहसाणा,भरूच,बनासकाँठा सहित बड़ी डेयरियों ने रिसर्च व डेवलपमेंट केन्द्र बनाए है,जहाँ यह कार्य किया जाता है,इसके अतिरिक्त ब्राज़ील एवं डेनमार्क जैसे देशों से मार्गदर्शन लेकर आवश्यक प्रयोग किए जा रहे हैं.
सहकारी मानदंड पर यह कार्य किया जा रहा है और राज्य के लगभग 25 लाख किसानों/पशुपालकों को इसका लाभ मिल रहा है,वेटरनरी डॉक्टर की सुविधा के लिए भी एक विशेष हेल्पलाइन द्वारा मौक़े पर ही सहायता प्रदान की जा रही है.