-अब तक रिकॉर्ड 7,000 टन सेब की खरीद
-पिछले एक हजार टन बनाम 300 टन की पहले दिन की खरीद
-मंडियों में सेब की कीमतों में गिरावट
-किसानों को सीधा फायदा, कोई बिचौलिया शामिल नहीं
-डायरेक्ट डेबिट के माध्यम से रोजाना सुनिश्चित भुगतान
इंडिया न्यूज, शिमला:
सुधार के माध्यम इस देश में कृषि क्षेत्र को खोलने के लिए चल रही भारी बहस के बीच जमीनी स्तर पर क्या हो रहा है? जमीनी हकीकत के अनुसार अडानी एग्री फ्रेश सेब की खरीद रिकॉर्ड स्तर पर है। कारण है कि बेहतर कीमतों, बेहतर सुविधाओं और बेहतर व्यवहार है। इसी वजह से किसान उनके पास आ रहे हैं। अनेक किसानों ने बातचीत में बताया कि सबसे बड़ी बात यह है कि उन्हें मात्र कुछ दिनों में ही आॅनलाइन भुगतान मिल जाता है। अब महीनों और वर्षों तक बिचौलियों के पीछे भागने की जरूरत नहीं। पहले भी हजारों किसान किसी न किसी बहाने बकाया के चक्कर में फंस चुके हैं।
अब नहीं है भुगतान की कोई चिंता: सेब उत्पादक
हिमाचल गांव निवासी सेब उत्पादक ने नरवीर सिंह ने बताया कि आज अगर आप सेब को बाजार में बेचना चाहते हैं तो आपको पैकेजिंग, परिवहन, बिक्री से निपटना होगा। फिर भुगतान प्राप्त करने का प्रमुख मुद्दा भी है। जब भी हम बाहर बेचते हैं तो हमें कभी भी पूरा भुगतान नहीं मिलता। हमेशा एक कमीशन होता है, जिसे काट लिया जाता है। हमें यहां उस तरह की परेशानी नहीं है। अपने सेब लेकर यहां लाएं। 15 दिनों में आपको खाते में आॅनलाइन भुगतान मिल जाएगा। हमें उम्मीद है कि जब हम सेब उगा रहे होंगे, अदानी एग्री फ्रेश यहीं रहेगा।
आढ़ती के पचड़े में पड़ने की जरूरत नहीं
मंजीत शीलू शिमला के पास कोटगढ़ के गांव रेवाली से अडानी के लिए अग्रिम पंक्ति का खरीदार है। वे बताते हैं कि किसान हमारे पास आ रहे हैं, क्योंकि यहां पर आने से वे सीधे रूप से बिचौलियों के चंगुल से बच जाते हैं। बता दें कि आढ़तियों के पास किसानों के करोड़ों रुपए का भुगतान अभी भी अटका हुआ है। हमारी सुविधा पर उन्हें 10 दिनों के भीतर एक सुनिश्चित भुगतान मिलता है, जो सीधे उनके खातों में डिजिटल रूप से जमा हो जाता है।’
एक अन्य स्थानीय उत्पादक सुरेंद्र महिपाल ने बताया कि वे 2006 से यहां आ रहा हैं। हमें 2006 से अच्छी कीमत मिल रही है। हम पैकेजिंग पर 200-250 रुपए भी बचाते हैं। इसलिए हम पिछले 15 साल से यहां आ रहे हैं। एक अन्य उत्पादक चुकीदार सिंह ने हमें बताया कि मैं यहां पिछले 8 सालों से आ रहा हूं। हमें कोई समस्या नहीं हो रही है।
हम 6 साल से अदानी टीम के साथ काम कर रहे
एक अन्य सेब किसान रणधीर सिंह ने हमें बताया कि हम पिछले 6 साल से अदानी टीम के साथ काम कर रहे हैं। हमने व्यवसाय, उत्पादन, गुणवत्ता और विपणन के बारे में बहुत कुछ सीखा है। हमें अच्छे स्वास्थ्य और स्वच्छता बनाए रखने के लिए भी शिक्षित किया गया है। जब हमें ओलावृष्टि की समस्या होती थी, तो वे दूसरों के साथ मिल जाते थे और हमें अपनी उपज की रक्षा के लिए जाल प्रदान करते थे। यह बहुत बड़ी मदद थी। इसने एक रिश्ता बनाया है। हमें उन पर ईमान है, उन्होंने हम पर ईमान रखा है।’ जब ओलावृष्टि होती है तो अडानी टीम किसानों को सेब की सुरक्षा के लिए जाल उपलब्ध कराने में मदद करती है।