इंडिया न्यूज, Delhi News (Agnipath Scheme Protest):
दिन प्रतिदिन केंद्र सरकार की अग्निपथ भर्ती योजना के विरोध का दायरा बढ़ता ही जा रहा है। उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, राजस्थान समेत अन्य राज्यों में प्रदर्शन हो रहे हैं। आइए जानें आखिर अग्निपथ योजना का विरोध क्यों और कहां-कहां बवाल मचा हुआ है।
दरअसल 2020 से आर्मी अभ्यर्थियों की कई परीक्षाएं हुई थीं। किसी का मेडिकल बाकी था तो किसी का रिटेन। ऐसे सभी अभ्यर्थियों की योग्यता एक झटके में रद्द कर दी गई। पहले ये नौकरी स्थाई हुआ करती थी। मतलब सरकारी नौकरी का ख्वाब इससे नौजवान पूरा करते थे। नई स्कीम की तहत बताया गया कि अब चार साल की नौकरी होगी। इसमें सिर्फ 25 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थाई किया जाएगा। 75 प्रतिशत चार साल बाद रिटायर हो जाएंगे। उनको पेंशन समेत बाकी सुविधाएं नहीं मिलेंगी।
4 साल की तैयारी के बाद 4 साल की नौकरी और फिर बेरोजगारी। कोरोना के नाम पर देश में भर्ती रैलियां नहीं हुईं, लेकिन इसी दौरान बंगाल, यूपी, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा जैसे राज्यों बड़ी चुनावी रैलियां भी हुईं और चुनाव भी। फिजिकल और मेडिकल के बावजूद कम से कम 10 रैलियों को अधूरा छोड़ दिया गया, अब उन्हें रद्द कर दिया गया है। अग्निवीरों की बिल्ले, बैज और चिह्न समेत रैंक भी अलग होगा। युवाओं को डर है कि इससे भेदभाव बढ़ेगा। जिन 25 फीसदी अग्निवीरों को आगे 15 साल के चुना जाएगा उसका भी कोई साफ पारदर्शी तरीका नहीं।
दिल्ली: यूथ कांग्रेस ने गुरुवार को रैली निकाली। उनकी रैली केरल हाउस से जंतर मंतर तक थी, लेकिन पुलिस ने रास्ते में ही रोक दिया। इसके अलावा कनॉट प्लेस में भी कुछ लोगों ने प्रदर्शन करने की कोशिश की। पुलिस ने बताया कि कुछ लोगों ने बिना अनुमित के कनॉट प्लेस में प्रदर्शन करने की कोशिश की, जिसके बाद 6 लोगों को हिरासत में लिया गया। वहीं एहतियातन तौर पर राजीव चौक मेट्रो स्टेशन के दो गेट बंद कर दिए गए थे।
उत्तर प्रदेश: यहां भी प्रदर्शनकारियों ने न सिर्फ नारेबाजी की। बल्कि सड़कों पर जाम लगाया और पत्थरबाजी भी की। अधिकारियों के मुताबिक अलीगढ़ और आगरा में प्रदर्शनकारियों ने बसों पर पत्थरबाजी की। इसके अलावा बुलंदशहर, मथुरा, फिरोजाबाद और बलिया में भी प्रदर्शन हुए। यूपी के बलिया में एक ट्रेन जला दी गई। वहीं, वाराणसी में एक बस में तोड़फोड़ की गई।
बिहार: 15 मार्च 2021 को केंद्र सरकार ने राज्यसभा में बताया था कि तीनों सेनाओं में 13.40 लाख से ज्यादा जवान हैं। आर्मी में 11.21 लाख, एयरफोर्स में 1.47 लाख और नेवी में 84 हजार जवान और अफसर हैं। इनमें सबसे ज्यादा 2.18 लाख से ज्यादा जवान उत्तर प्रदेश से आते हैं। दूसरे नंबर पर बिहार है। यहां से 1.04 लाख जवान आते हैं। यही सबसे बड़ी वजह है कि अग्निपथ योजना का बिहार में सबसे तीखा और हिंसक विरोध हो रहा है।
झारखंड: रांची में सेना भर्ती के दफ्तर के बाहर सैकड़ों युवाओं ने प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। रांची में रेलवे स्टेशन के बाहर भी सैकड़ों युवाओं ने धरना दिया था।
पश्चिम बंगाल: अग्निपथ योजना का विरोध हावड़ा ब्रिज तक जा पहुंचा है। हावड़ा ब्रिज पर सैकड़ों प्रदर्शनकारी हाथ में तिरंगा लेकर पहुंच गए। यहां उन्होंने ब्रिज पर जाम लगा दिया। बाद में पुलिस ने इन्हें हटाया।
उत्तराखंड: बीते दिनों पिथौरागढ़ के सीतम चौक में शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुआ, लेकिन इस वजह से कुछ समय के लिए यातायात प्रभावित हुआ। हल्द्वानी में प्रदर्शन हो रहे हैं यहां भारी पुलिस तैनात कर दी गई है। इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने नेशनल हाईवे भी जाम कर दिया था। कुछ जगहों पर पुलिस के साथ भी झड़प होने की खबरें हैं।
हरियाणा: पलवल में डिप्टी कमिश्नर के घर के बाहर पत्थरबाजी हुई। इसमें 17 पुलिसकर्मी घायल हो गए। पलवल के अलावा गुरुग्राम, रेवाड़ी, चरखी दादरी, हिसार और रोहतक में भी हिंसा हुई। पुलिस ने बताया कि पलवल में हुई हिंसा के मामले में 20 से ज्यादा युवाओं को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बताया कि सरकारी गाड़ियों पर पत्थरबाजी की गई और कइयों को आग के हवाले कर दिया गया।
मध्य प्रदेश: ग्वालियर और इंदौर में हिंसक प्रदर्शन हुए. ग्वालियर में रेलवे स्टेशन के पास बनी एक दुकान में प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी। इंदौर में अग्निपथ योजना के विरोध में 150 से ज्यादा युवा सड़क पर उतर आए। ग्वालियर के एसपी अमित सांघी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि शहर के गोला का मंदिर इलाके में प्रदर्शनकारियों ने सड़क को जाम कर दिया और पुतला फूंका। उन्होंने बताया कि सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश: कांगड़ा और हमीरपुर जिले में अग्निपथ योजना के विरोध में प्रदर्शन हुए। कांगड़ा में यूथ कांग्रेस नेता पंकज कुमार के नेतृत्व में प्रदर्शन हुआ। पंकज कुमार ने धर्मशाला जाने की कोशिश की, जहां पीएम मोदी का रोडशो होना था। हालांकि, पुलिस ने उन्हें कई किलोमीटर पहले ही रोक लिया।
राजस्थान: सेना की तैयारी कर रहे युवाओं और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के नेताओं ने कई जगहों पर प्रदर्शन किया। इस योजना के विरोध में जयपुर, जोधपुर, सीकर, नागौर, अजमेर और झुंझनू में नारेबाजी की गई। हिंसा से निपटने के लिए कई इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। सीएम अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार युवाओं के भविष्य के साथ खेल रही है।
इस साल अप्रैल में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में बताया था कि देशभर में हर साल आर्मी की औसतन 90 से 100 भर्ती रैली होती हैं। 2020-21 में 97 रैली होनी थीं, लेकिन सिर्फ 47 हो पाईं। वहीं 2021-22 में 87 रैली प्लान हुईं और सिर्फ 4 हुईं। कोरोना की वजह से कॉमन एंट्रेंस एग्जाम नहीं हुआ, इसलिए भर्ती भी नहीं हुई। लेकिन आंकड़ों पता चलता है कि 90 से 100 भर्ती रैलियों के जरिए हर साल करीब 60 हजार जवानों की भर्ती होती है।
इनमें से करीब 40 फीसदी रैलियां उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में होती हैं। हिमाचल को छोड़ दें तो ज्यादा आबादी वाले इन राज्यों में होने वाली हर रैली में 1 से 1.5 लाख नौजवान हिस्सा लेते हैं। इस युवा आबादी का एक बड़ा हिस्सा अग्निपथ योजना का जबरदस्त विरोध कर रहा है।
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