इंडिया न्यूज:
इस भागदौड़ से भरी life में लोगों के पास इतना समय नहीं कि वे जिन या व्यायामशाला में जाकर exercise कर सकें। इसके लिए लोगों ने website ही खंगालनी शुरू कर दी है और आधी अधूरी तैयारी के साथ शुरू कर देते हैं व्यायाम। आईये जानते हैं इस तरह के व्यायाम की कमियां और सावधानियां। कई ऐसे व्यायाम हैं, जिन्हें हम trainer की सलाह लिए बगैर करते हैं और जानकारी के अभाव में अपने शरीर को नुकसान पहुंचा लेते हैं। आज विस्तार से जानते हैं उन व्यायामों के बारे में, जिन्हें अगर आप विशेषज्ञ से advise लिए बगैर करते हैं, तो लाभ से ज्यादा नुकसान उठा सकते हैं। जिम में कई लोग बिना ट्रेनर के ही व्यायाम करते हैं। याद रखें कि एक गलत व्यायाम आपकी बॉडी को गलत शेप दे सकता है। इसलिए किसी अनुभवी trainer की देखरेख में ही exercise करें। अगर आप व्यायाम start कर रहे हैं, तो आपके लिए यह बेहद जरूरी है। एक बार व्यायाम के बारे में सीख लेने पर आप खुद भी वर्कआउट कर सकते हैं और इससे होने वाले नुकसानों से बचे रह सकते हैं।
दौड़ने के समय अगर आप शुरुआत तेज दौड़ से करते हैं, तो यह गलत तरीका है, क्योंकि इससे अपर बॉडी को नुकसान हो सकता है। ऐसे में फेफड़े भी लंबे समय के लिए सपोर्ट नहीं कर पाते। इससे पूरे शरीर में आक्सीजन का संचार ठीक से नहीं हो पाता। दौड़ने के लिए पैरों पर दबाव न डालें। ऐसा करने से इंजरी हो सकती है।
sitting exercise
सही आकार और ताकत बढ़ाने के लिए स्क्वाट्स प्रमुख व्यायामों में से एक है। यदि आप स्क्वाट्स सही तरीके से करते हैं, तो आप इसके नकारात्मक दुष्प्रभावों से बच सकते हैं। इस व्यायाम के दौरान घुटनो में चोट लगना, कमर में चोट लग जाना, लचीलापन खो देने आदि की समस्या हो सकती है।
पैर फैलाना (leg extension)
अगर आपको घुटनों में दर्द रहता है, तो gym जाकर machine से दूरी बनाए रहना ही बेहतर होगा। leg press का use करते वक्त इसका दबाव घुटनों पर पड़ता है। आपकी हैमस्ट्रिंग वजन को संभालने में सक्षम नहीं होती है। leg extension से आपकी क्वाड्रीसेप्स मसल्स मजबूत होती है। ये मसल्स घुटने से कूल्हे तक होती है। अगर ये मसल्स छोटी और टाइट हो, तो लैग एक्सटेंशन करने पर घुटनों के जोड़ों पर दवाब पड़ता है।
तिरछा मुड़ना (slant)
इस मशीन में weight लगाकर आपको सही वेट का अंदाजा नहीं हो पाता और आप ज्यादा वेट लगाकर व्यायाम करते हैं, तो इसका गलत प्रभाव आपकी रीढ़ की हड्डी और कंधों पर पड़ता है। इस व्यायाम से आपके कोर मजबूत नहीं होते, क्योंकि इसे करने पर कोरों में मूवमेंट होता रहता है, जबकि इसके लिए कोरों में धीरे-धीरे घुमाव होना चाहिए। इसकी बजाय आप प्लैंक का सहारा ले सकते हैं। साइड प्लैंक, वन आर्म प्लैंक और single leg lift plank जैसे कई प्लैंक वेरिएशंस आपकी कोरों की मजबूती के लिए काफी बेहतर हैं।
यह उन लोगों के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है, जिनके पास कंधों के जोड़ों की समस्याएं हैं। यह mislegament, कंधे की चोट या कंधे के जोड़ में चोट, गर्भाशय ग्रीवा कशेरु के फ्रैक्चर का कारण बन सकता है। पैरों को सीधे रख कर sit-up लगाना बेकार होता है। इससे आपको कोई फायदा नहीं होता है। इस तरह से सिट-अप्स लगाने से कमर में चोट लगने की आशंका भी अधिक हो जाती है। जब भी सिट-अप्स करें, तो पैरों को कहीं फंसा लें। ध्यान रहे, जिम में training करते वक्त आप विशेषज्ञ से advice करने के बाद ही इस व्यायाम को करें, क्योंकि आपका शरीर कब किस व्यायाम के लिए तैयार है, यह ट्रेनर ही बता सकता है।
अगर आप पूरे सेट लगाकर पुल-डाउन कर रहे हैं, तो ध्यान रहे कि आप रॉड को आगे की ओर रखते हुए ही इस व्यायाम को करें। पीछे से पुल-डाउन करने पर आपकी गर्दन व कंधों में चोट आ सकती है। साथ ही पीछे से इस व्यायाम को करने पर उतना फायदा भी नहीं होता।
ओवर हैड ट्राइसेप प्रेस (overhead tri-shape press)
fitness एक्सपर्ट का मानना है कि यह व्यायाम कारगर तो है, लेकिन सही तरह से किया जाना जरूरी है। कभी-कभी गलत तरीके या जरूरत से ज्यादा वेट लगाकर इसको करने से लाभ तो नहीं होता, आपको नुकसान जरूर हो सकता है।
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