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Benefits Of Harsingar हरसिंगार (परिजात) के पेड़ को उगायें और अनगिनत लाभ पायें

नेचुरोपैथ कौशल
Benefits Of Harsingar  रूमेटॉयड अर्थराइटिस, रक्त शोधक, साइटिका, अस्थि भंग में, घाव को ठीक करने में, बवासीर, हृदय रोग में, बुखार में, सूखी खांसी में, वायरस, बैक्टेरिया एवं त्वचा बीमारियों के लिए, गंजापन, सिर की किसी भी बीमारी में, सुगर की बीमारी में, पाचन समस्याओं में जैसी अनेक बीमारियों का रामबाण प्राकृतिक उपचार
हरसिंगार एक दिव्य वृक्ष माना जाता है।

हरसिंगार या हरिश्रृंगार का पुष्प भगवान हरि के श्रृंगार एवं पूजन में प्रयोग किया जाता है। इसलिए इस मनमोहक व सुगंधित पुष्प को ‘हरसिंगार’ के नाम से जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि श्री भगवान कृष्ण इस दिव्य वृक्ष को स्वर्ग से धरती पर लाए थे।

(Benefits Of Harsingar)

हरिवंश-पुराण के अनुसार, यह दिव्य वृक्ष इच्छापूरक भी है। यह पारिजात के नाम से भी प्रसिद्ध है और प्रेमियों के हृदय में इसका एक खास स्थान है। इसके इस नाम के पीछे एक पौराणिक कथा है, जिसके अनुसार पारिजात नामक एक राजकुमारी को सूर्य देवता से प्रेम हो गया परन्तु सूर्य देवता द्वारा उसके प्रेम को स्वीकृति ना मिलने पर उसने निराश हो कर अपने प्राण त्याग दिए।

जिस स्थान पर राजकुमारी को जलाया गया उसी पावन भूमि की कोख से पारिजात वृक्ष का जन्म हुआ। इसीलिए इसके पुष्प केवल रात्रि में सूर्यास्त के बाद ही खिलते है और पूर्ण रात्रि अपनी मनोहर सुगंध से पृथ्वी को प्रलोभिक कर सूर्योदय के साथ अपने तन से विलग हो जमीन पर झड़ जातें हैं। इसलिए इसे “रात की रानी” भी कहा जाता है।

(Benefits Of Harsingar)

यह मूल रूप से दक्षिण एशिया में पाया जाता है। भारत में यह हिमालय, पूर्व जम्मू-कश्मीर, असम, बंगाल और त्रिपुरा में मिलता है। इसे “दुख का पेड़” भी कहा जाता है क्योंकि इसके फूल दिन की रोशनी में अपनी चमक खोने लगते हैं।
पारिजात का फूल पश्चिम बंगाल का आधिकारिक फूल है।
शेफालिका, शिवली, मल्लिका तथा स्वर्णमल्लिका इसके कुछ अन्य नाम है।
यह दिव्य पौधा केवल आस्था का ही प्रतीक नहीं है, अपितु यह एक औषधीय पौधा भी है।
इसका पुष्प सेहत के लिए अत्यंत फलदायी होता है

रक्त को साफ करने हेतु हरसिंगार के फायदे (Benefits Of Harsingar)

यह पवित्र औषधी रक्त में से सभी कीटनाशक प्रदार्थों का विनाश कर, रक्त को स्वच्छ करने का कार्य करती है। इसके पत्तों का जूस पीने से ना केवल रक्त साफ होता है अपितु रक्त संबंधी विकारों का भी विनाश होता है।

गठिया रोग का घरेलू उपचार है हरसिंगार (Benefits Of Harsingar)

हरसिंगार में एंटी-रूमेटिक गुण (रयूमेटाइड अर्थराइटिस जोड़ों को प्रभावित करने वाली बीमारी है) होते है। जिस की वजह से इसकी पत्तिया गठिया के इलाज में लाभकारी होती है।
गठिया बच्चो से लेकर बूढ़ो तक किसी भी उम्र के लोगो को सकता है आमतौर पर यह परेशानी बढ़ती उम्र के साथ अधिक हो जाती है।
पारिजात का तेल दर्द, चोट और सूजन को कम करने के लिए बहुत गुणकारी होता है।
इतना ही नहीं, यह गठिया, तनाव, मांसपेशी में तनाव, संधिशोथ और मांसपेशियों के दर्द को भी कम कर देता है।
हरसिंगार के पत्तों, पुष्पों व टहनियों का मिश्रित रस रोज पीने से जोड़ों के दर्द व सूजन से राहत मिलती है।
इसके पुष्पों का लेप जोड़ों पर लगाने से सूजन पर काफी असर पड़ता है।
इसके साथ ही एक कटोरे में नारियल तेल और पारिजात के तेल की 5-6 बूंदों को मिलाएं।
फिर इसे गर्म करें और सूजन वाले क्षेत्र पर मालिश इस मिश्रण से मालिश करें। इससे भी आपको दर्द से राहत पाने मदद मिलेगी।

घाव का इलाज है हरसिंगार (Benefits Of Harsingar)

इसके पत्तों का लेप घाव पर लगाने से घाव थोड़े ही समय में भर जाते हैं।

बवासीर की अचूक दवा है हरसिंगार (Benefits Of Harsingar)

आमतौर पर बवासीर गुदा और उसके आसपास रक्त वाहिकाओं में सूजन के कारण होता है।
हरसिंगार के बीज बवासीर का एक अचूक उपाय है। प्रतिदिन इसके बीज का सेवन करने से आंत्र निकासी में सहायता मिलती है और थोड़े से वक्त में बवासीर जैसी गंभीर दर्दनाक बीमारी से छुटकारा मिल जाता है।

हृदय रोग के उपचार में हरसिंगार से लाभ (Benefits Of Harsingar)

इसके ताजा फूलों के रस का सेवन करने से हृदय रोग मानव शरीर से मीलों दूर चला जाता है।
हरसिंगार का पुष्प आमतौर पर सितंबर नवंबर माह में खिलता है।

सूखी खाँसी का घरेलू उपाय है हरसिंगार (Benefits Of Harsingar)

हरसिंगार अस्थमा, शुष्क खांसी, ब्रोंकाइटिस इत्यादि के कारण होने वाले रक्त-संकुलन से राहत दिलाने में मददगार है।
खांसी से आराम पाने के लिए, हरसिंगार के सूखे पत्ते या उसकी छाल के पाउडर को पान के पत्ते के रस में मिलाकर 2-3 ग्राम ही प्रयोग करें।
यदि आप सूखी खाँसी से परेशान है तो इसके पत्तों के रस का शहद के साथ सेवन करें।

हरसिंगार का उपयोग दे त्वचा संबंधित विकारों से छुटकारा (Benefits Of Harsingar)

हरसिंगार एक शक्तिशाली एंटी बैक्टीरिया और एंटीवायरल जड़ी बूटी है।
यह विभिन्न प्रकार के त्वचा संक्रमण, एलर्जी और चकत्ते का इलाज करता है।
यह न केवल बैक्टीरिया के खिलाफ लड़ता है, बल्कि यह सेम्लिकी वन वायरस, और कार्डियोवायरस के खिलाफ लड़ने में भी मदद करता है। जो एन्सेफलोमाकार्डिटिस का कारण है।
हरसिंगार का तेल त्वचा संबंधित विकारों के लिए बहुत उपयोगी है। यह दाग-धब्बों को भी मिटाता है और त्वचा को चमकदार बनाता है। इसके पत्तों का लेप भी त्वचा पर लगाया जा सकता है। इसका फेस-पैक चहरे पर लगाने से रंग साफ होता है।

हरसिंगार का उपयोग लंबे व मजबूत बालों के लिए (Benefits Of Harsingar)

हमारे व्यस्त जीवन में हमारे पास हमारे बालों के देखभाल की कमी के कारण हम विभिन्न प्रकार की बालों की समस्याओं से ग्रस्त हैं। आयुर्वेद में बालों की समस्याओं के लिए कई प्रकार की जड़ी बुटिया है। पारिजात का वृक्ष भी उन में से एक है। यह गंजापन, स्कार्वी और सिर की त्वचा के संक्रमण के इलाज में उपयोगी है। यह जूँ खत्म करने, डैंड्रफ का इलाज करने और सफेद बालों से छुटकारा पाने में मदद करता है।
हरसिंगार के सुगंधित पुष्पों का रस पीने से बाल मजबूत व लंबें होते हैं।
यह सूखे व बेजान बालों को पोषित कर उन्हें लंबे, चमकदार व घने बनाता है। यह रूसी का भी एक प्रभावी उपचार है।

मधुमेह का घरेलू उपचार है हरसिंगार का पेड़ (Benefits Of Harsingar)

इस मधुमय पेड़ के पत्तों का रस मधुमेह का भी एक प्रबल उपचार है।
इस पत्तों के रस का सेवन करने से रक्त में शर्करा का स्तर स्वस्थ रहता है और मधुमेह में सुधार आता है।

पाचन शक्ति बढ़ाने का उपाय है हरसिंगार (Benefits Of Harsingar)

हरसिंगार के पत्तो का जूस पीने से ना केवल पाचन शक्ति में सुधार आता है, अपितु आंत के कीड़ों का भी नाश होता है जिससे पाचन शक्ति बेहतर होती है

महिलाओं के लिए स्वास्थ्यवर्धक है हरसिंगार का फूल (Benefits Of Harsingar)

महिलाओं के लिए स्वास्थ्य-वर्धक है। हरसिंगार पुष्प की कलियों का सेवन यदि काली-मिर्च के साथ किया जाए तो स्त्री-संबंधित रोगों पर सकारात्मक असर पड़ता है।

मलेरिया की दवा है हरसिंगार (Benefits Of Harsingar)

परिजात फूल की पत्तियों का उपयोग अक्सर मलेरिया के बुखार में इलाज के लिए किया जाता है। इसका बुखार के प्राकृतिक उपचार के रूप में किया जा सकता है। इसकी पत्तियों का जूस दोनों प्रकार के मलेरिया के इलाज में प्रभावी होता है। खासतौर पर यह प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम के खिलाफ अधिक उपयोगी होता है इसकी पत्तियों के रस मलेरिया के परिजीवों को मारने में लाभकारी होता है। हरसिंगार के पत्तों के जूस में मलेरिया जैसे गंभीर विकार से लड़ने की भी क्षमता है।

तनाव को दूर करने का उपाय है हरसिंगार (Benefits Of Harsingar)

मात्र इसकी सुगंध सूंघने से मन प्रफुल्लित हो उठता है और सारे तनाव दूर हो जातें है। इसकी जादुई महक नकारात्मक सोच को भी दूर रखती है।
इस दिव्य वृक्ष के कोई ज्ञात दुष्प्रभाव नहीं हैं। आप इसे अपने घर के आँगन में भी उगा सकते हैं जिससे ना केवल आपका घर सुगंधित हो उठेगा और जीवन में खुशहाली छा जाएगी अपितु आपका शरीर भी रोग एवं तनाव-मुक्त रहेगा।
हरसिंगार या पारिजात को एक शुभ और इच्छ पूर्ति करने वाला पेड़ माना जाता है। धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण होने के अलावा यह औषधीय गुणों का भी खजाना है।

हरसिंगार का उपयोग (Benefits Of Harsingar)

हरसिंगार के पेड़ की विभिन्न भागो का उपयोग

हरसिंगार की पत्तियां –
आयुर्वेद में हरसिंगार की पत्तियों का बुखार, खांसी, साइटिका, संधिशोथ, कब्ज आदि जैसी बीमारियों के उपचार में उपयोग किया जाता है। पत्तियों का रस स्वाद में कड़वा होता है और एक टॉनिक के रूप में काम करता है।
पत्तियों से तैयार पेस्ट बुखार, उच्च रक्तचाप और मधुमेह में उपयोगी है।
इसकी पत्तियों का रस खांसी के इलाज में उपयोग किया जाता है।
बुखार, खांसी में शहद के साथ हरसिंगार की पत्तियों के रस को दिन में तीन बार सेवन करने से आराम मिलता है।
इसकी पत्तियों का रस आंतों के रोगों के लिए चीनी के साथ दिया जाता है।

हरसिंगार के फूल –
हरसिंगार के फूल सफेद-नारंगी रंग के सुगंधित फूल होते है। जो अपनी सुगंध के साथ अपने औषधीय गुणो के लिए भी जाने जाते हैं। यह पेट से सम्बन्धी कई बीमारी जैसे गैस, अपाचन आदि को कम करते हैं। साथ ही यकृत द्वारा अतिरिक्त पित्त स्राव को भी रोकते हैं। इनका प्रयोग खांसी ठीक करने के लिए भी किया जाता है।

हरसिंगार का तना –
तने की छाल का पाउडर संधिशोथ, जोड़ो के दर्द और मलेरिया के इलाज में उपयोगी होता है। इसका पाउडर मलेरिया को ठीक करने के लिए उपयोगी माना जाता है। इसके साथ ही इसके अनेक औषधीय गुण है।

(Benefits Of Harsingar)

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Mukta

Sub-Editor at India News, 7 years work experience in punjab kesari as a sub editor, I love my work and like to work honestly

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