Benefits Of Parijat-Harsingar आयुर्वेद के अनुसार पारिजात या हरसिंगार एक औषधीय पौधा है। इसके पत्ते में कई गुण मौजूद होते हैं। भारत में इस पौधे को पवित्र माना जाता है। मान्यता के अनुसार पारिजात पौधे को देवराज इंद्र ने स्वर्ग में लगाया था। पारिजात का दूसरा नाम हरसिंगार है।
हरसिंगार के फूल बेहद सुगन्धित, छोटे पखुड़ियों वाले और सफेद रंग के होते हैं। फूल के बीच में चमकीला नारंगी रंग इसकी खूबसूरती को और बढ़ा देता है। यह फूल सिर्फ रात को ही खिलता है, इसलिए इसे नाइट ब्लूमिंग जैस्मीन भी कहते हैं।
इसे रात की रानी भी बोला जाता है। इस पौधे के पत्ते, फूल और छाल में कई गुण पाए जाते हैं। इससे साइटिका और ऑर्थराइटिस के दर्द को ठीक किया जा सकता है। इसके अलावा इसके पत्ते में पेट के कीड़ों की मारने की क्षमता होती है।
साथ ही इसके पत्ते सर्दी-खांसी में बेहद फायदेमंद होते हैं। पारिजात में एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं, जो कई बीमारियों से लड़ने में मददगार होते हैं। तो आइए जानते हैं पारिजात से किस-किस चीज का इलाज किया जा सकता है।
पारिजात के पत्ते को पीसकर इसे गर्म पानी के साथ उबालें। इसके बाद इसे छानकर पी लें। दिन में दो बार खाली पेट इसे पीने से साइटिका का दर्द खत्म हो सकता है।
पारिजात के पत्ते को पीस लें और इसमें शहद मिलाकर इसे खाएं। आप चाहें तो पारिजात के पत्ते को पीसकर इसे छान लें और शहद में मिलाकर जूस की तरह बना लें। दिन में दो बार इसका सेवन करें।
सूखी खांसी खत्म हो जाएगी। सर्दी-खांसी के लिए आप इसे चाय की तरह बनाकर पी सकते हैं। पारिजात के पत्ते को पानी के साथ उबालें। इसमें कुछ तुलसी के पत्ते भी दे दें। इसे रोजाना पीएं, सर्दी-खांसी दूर हो जाएगी।
पारिजात के पत्ते, छाल और फूल तीनों को एक साथ लें। 5 ग्राम इन सामग्रियों में 200 ग्राम पानी मिलाएं। इसका काढ़ा बनाएं। इसे आग पर तब तक रखें, जब तक कि पानी का दो तिहाई भाग सूख न जाए। सिर्फ एक चौथाई पानी ही बचना चाहिए। अब इसका सेवन करें।
पारिजात के पत्ते को पानी में उबाल कर काढ़ा बनाएं, इसका दो बार सेवन करें। सूजन खत्म हो जाएगी और इससे हो रहे दर्द से भी राहत मिलेगी।
पेट में किसी भी तरह के कीड़े को मारने में पारिजात के पत्ते बेहद कारगर होते हैं। इसके लिए ताजे पत्ते को पीसकर इससे रस निकाल लें और इसमें चीनी मिलाकर इसे पीए। इससे पेट और आंतों में रहने वाले हानिकारक कीड़े खत्म हो जाते हैं।
पारिजात में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण पाया जाता है, इसलिए यह किसी भी तरह के घावों को भरने में सक्षम है। इसके लिए पारिजात के बीज का पेस्ट बनाएं। इसे फोड़े-फुन्सी या अन्य सामान्य घाव पर लगाएं। इससे घाव ठीक हो जाता है।
(Benefits Of Parijat-Harsingar)
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