India News(इंडिया न्यूज़) धर्म डेस्क, Bhojan Mantra: सनातन धर्म में हर चीज के कुछ खास नियम बनाए गए है। ये नियम सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक के हैं। इन नियमों के पालन से व्यक्ति के व्यक्तित्व में निखार आता है, साथ ही उसके मन में शांति और प्रसन्नता का प्रवाह होता है। इसी प्रकार हिंदू शास्त्रों में भोजन संबंधी नियमों का भी वर्णन है। इन्हीं में से एक नियम है भोजन से पहले मंत्र बोलने का है।
हिंदू धर्म में भोजन में मां अन्नपूर्णा का वास माना गया है। इसलिए संस्कारों के हिसाब से भोजन करने से पहले मां अन्नपूर्णा को आशीर्वाद लेते हुए प्रणाम करना चाहिए। वहीं भोजन को प्रणाम करते हुए उसके प्रति सम्मान प्रकट करना चाहिए हैं। सनातन धर्म में इसके लिए कई मंत्र दिए है, जिन्हें भोजन से पहले बोलना शुभ माना जाता है।
भोजन के दौरान मंत्र उच्चारण से आती है मन में शांति
शास्त्रों के अनुसार, कुछ शुभ मंत्रों का सही उच्चारण भोजन करने से पहले और भोजन करने के बाद भोजन अत्यंत शुभ माना गया है। आप जानते है कि भोजन शरीर में ऊर्जा की तरह काम करता हैं। मंत्रों का उच्चारण करने से भोजन की ये ऊर्जा और अधिक बढ़ जाती है। साथ ही भोजन के दौरान मन में शांति बनी रहती है। जो शरीर के आसपास भी पॉजिटिव ऊर्जा बनाकर रखता है।
भोजन के बाद बोले ये मंत्र
भोजन ने के बाद बोलें ये मंत्र
अगस्त्यम कुम्भकर्णम च शनिं च बडवानलनम।
भोजनं परिपाकारथ स्मरेत भीमं च पंचमं ।।
अन्नाद् भवन्ति भूतानि पर्जन्यादन्नसंभवः।
यज्ञाद भवति पर्जन्यो यज्ञः कर्म समुद् भवः।।
भोजन से पहले बोलें ये मंत्र
ॐ सह नाववतु, सह नौ भुनक्तु, सह वीर्यं करवावहै ।
तेजस्वि नावधीतमस्तु मा विद्विषावहै ॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥
अन्नपूर्णे सदापूर्णे शंकर प्राण वल्लभे।
ज्ञान वैराग्य सिद्धयर्थ भिखां देहि च पार्वति।।
ब्रह्मार्पणं ब्रह्महविर्ब्रह्माग्नौ ब्रह्मणा हुतम् ।
ब्रह्मैव तेन गन्तव्यं ब्रह्मकर्म समाधिना ।।
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