India News (इंडिया न्यूज) Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के एक गांव में बिना दूल्हे की मौजूदगी में अनोखी बारात सजाई गई. परिवार में किसी के बीमार होने के चलते रिश्ते दारों की मौजूदगी में वर्चूल शादी हुई । लड़के के पिता गांव में ठेकेदार और समाज सेवी हैं, जिन्होंने नई सोच और रूढ़िवादिता को पीछे छोड़ देते हुए एक नई सोचा का परिचय दिया है।
अचानक लड़की की दादी की तबीयत खराब
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के गांव के दो परिवारों ने रूढ़िवादी विचारों को पछाड़ते हुए एक नई मिसाल पेश की है। दो घरानों के द्वारा लिया गया फैसला ये बिलासपुर जिले के साथ साथ पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल कनैड गांव के निवासी महबूब अख्तर की बेटी फरहीन का निकाह लगभग डेढ़ साल पहले रोड़ा वासी मोहम्मद रफी के पुत्र मोहम्मद अदनान से तय हुआ था.लेकिन अचानक लड़की की दादी की तबीयत खराब हो गई और उसने अपनी पोती के निकाह देने की परिवार को इच्छा जताई , जिसके चलते दोनों घरानों ने शादी को जल्द से जल्द करने का फैसला किया.
सोशल मीडिया के माध्यम से निकाह का कबूल
लड़का तुर्की की कम्पनी में नौकरी करता है , जिसके चलते शादी को करवाने के लिए वर्चुअल तरीके से करने का फैसला किया गया. लड़के पक्ष के कुछ लोगों लड़की के यहां जाकर सोशल मीडिया के माध्यम से निकाह का कबूल नाम पढ़वाया और विवाह को संपन्न करवाया. लड़के के पिता ,जो कि एक समाज सेवी हैं उन्होंने इस मौके पर कहा की इस तरह की शादी में समय और फिजूल खर्ची दोनों की बचत है और समाज में अब ऐसी ही शादियों की जरूरत है।
अनोखे विवाह की बधाई
उन्होंने आगे कहा की अब बच्चों की शादी हो चुकी है, इसलिए लड़की की विदाई का कोई कांसेप्ट नहीं रह जाता है, वह अब जितना समय चाहे तब तक पढ़ सकती है. और बाकी जरूरी रिवाजों को लड़के के घर वापिस लौटने पर पूरा किया जाएगा. आपको बता दें कि इस वर्चुअल शादी के अवसर क्षेत्र और समाज के प्रतिष्ठित लोग भी मौजूद रहे, जिन्होंने दोनों परिवारों को इस अनोखे विवाह की बधाई दी और साथ ही खुशी भी जाहिर की।
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