बिमस्टेक के महासचिव आएंगे भारत के दौरे पर

इंडिया न्यूज़ (दिल्ली): बिमस्टेक के महासचिव एचई तेंजिन 22 -25 अगस्त के बीच भारत के दौरे पर आएंगे, वह विदेश सचिव सौरभ कुमार के निमंत्रण पर आ रहे है.

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, श्रीलंका में आयोजित 5वें बिम्सटेक शिखर सम्मेलन (30 मार्च 2022) में, 7 बिम्सटेक सदस्य देशों (बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड) के नेताओं ने बिम्सटेक चार्टर को अपनाया था जो बंगाल के तट पर है या उस पर निर्भर है। इस से ग्रुप की प्रसार को मान्यत मिली थी । इन देशो ने माना की बिम्सटेक एक विशिष्ट अंतरराष्ट्रीय व्यक्तित्व के साथ पूर्ण क्षेत्रीय संगठन है.

तेनज़िन लेकफेल वरिष्ठ भारतीय अधिकारियों के साथ चर्चा करेंगे कि बिम्सटेक संगठन और बिम्सटेक नेताओं के जनादेश को ध्यान में रखते हुए सहयोग को कैसे आगे बढ़ाया जाए। भारत बिम्सटेक प्लेटफॉर्म पर सुरक्षा सहयोग स्तंभ का नेतृत्व करता है जिसमें आपदा प्रबंधन, समुद्री सहयोग और ऊर्जा सुरक्षा शामिल है, जो सभी क्षेत्र में एसडीजी लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण हैं.

बिमस्टेक एक क्षेत्रीय बहुपक्षीय संगठन है तथा बंगाल की खाड़ी के तटवर्ती और समीपवर्ती क्षेत्रों में स्थित इसके सदस्य हैं,  जो क्षेत्रीय एकता का प्रतीक हैं। इसके 7 सदस्यों में से 5 दक्षिण एशिया से हैं, जिनमें बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल और श्रीलंका शामिल हैं तथा दो- म्याँमार और थाईलैंड दक्षिण-पूर्व एशिया से हैं.

बिमस्टेक न सिर्फ दक्षिण और दक्षिण पूर्व-एशिया के बीच संपर्क बनाता है है बल्कि हिमालय तथा बंगाल की खाड़ी की पारिस्थितिकी को भी जोड़ता है।इसके मुख्य उद्देश्य तीव्र आर्थिक विकास हेतु वातावरण तैयार करना, सामाजिक प्रगति में तेज़ी लाना और क्षेत्र में सामान्य हित के मामलों पर सहयोग को बढ़ावा देना है.

कैसे बना बिमस्टेक

यह उप-क्षेत्रीय संगठन, वर्ष 1997 में बैंकॉक घोषणा के माध्यम से अस्तित्व में आया। प्रारंभ में इसका गठन चार सदस्य राष्ट्रों के साथ किया गया था, जिसका संक्षिप्त नाम ‘BIST-EC’ (बांग्लादेश, भारत, श्रीलंका और थाईलैंड आर्थिक सहयोग) था। वर्ष 1997 में म्याँमार के शामिल होने के बाद इसका नाम बदलकर ‘BIMST-EC’ कर दिया गया। वर्ष 2004 में नेपाल और भूटान के इसमें शामिल होने के बाद संगठन का नाम बदलकर “बे ऑफ़ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी सेक्टरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक को-ऑपरेशन” कर दिया गया.

Roshan Kumar

Journalist By Passion And Soul. (Politics Is Love) EX- Delhi School Of Journalism, University Of Delhi.

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