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Why is BJP Silent On Action Against Malik And Teni: मलिक और टेनी के खिलाफ कार्रवाई को लेकर क्यों चुप है भाजपा?

इंडिया न्यूज, चंडीगढ़:
Why Is BJP Silent On Action Against Malik And Teni: मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक पिछले कुछ समय से लगातार किसानों के मुद्दे पर सरकार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की लाइन से हटकर बोल रहे हैं। अब उन्होंने सीधे-सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। मलिक ने एक वीडियो में कहा कि जब किसानों के विरोध प्रदर्शन पर चर्चा करने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से बात की थी तो मोदी घमंड में थे, और इसी वजह से उनकी प्रधानमंत्री के साथ बहस भी हो गई थी।

वहीं लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के कारण भी भाजपा को लगातार शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही है। आइए जानते हैं कि आखिर क्या मजबूरी है भाजपा की कि वह सत्यपाल मलिक और अजय मिश्रा टेनी को बर्दाश्त कर रही है, और उन दोनों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है।

क्या है अजय मिश्रा टेनी का मामला

तीन अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में दाखिल चार्जशीट में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे को मुख्य आरोपी बनाया गया है। चार्जशीट में बेटे आशीष का नाम आने से अजय टेनी के चलते पार्टी को भी काफी फजीहत झेलनी पड़ रही है, क्योंकि अजय मिश्रा टेनी का कहना था कि अगर कोई हिंसा वाली जगह पर मेरे बेटे की मौजूदगी का सबूत दे दे तो मैं अपने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा। वहीं विपक्ष और किसान नेता भी लगातार अजय मिश्रा टेनी को हटाने की मांग कर रहे हैं।

क्या है भाजपा के खामोशी की वजह?

माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में जातिगत समीकरण के चलते राज्यपाल सत्यपाल मलिक और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी पर कार्रवाई में देरी हो रही है। क्योंकि दोनों नेताओं पर कार्रवाई से उत्तर प्रदेश की दो बड़ी जाति के लोग भाजपा से दूरी बना सकते हैं। इसकी वजह से भाजपा को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में नुकसान पहुंच सकता है। इसी के चलते भाजपा अभी कोई रिस्क नहीं लेने के मूड में है।

जाट समुदाय को नाराज नहीं करना चाहती भाजपा

सत्यपाल मलिक जाट समुदाय से आते हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के (Jat community of 14 percent population in 22 districts) 22 जिलों में 14 फीसदी आबादी जाट समुदाय की है। ऐसे में भाजपा जाट समुदाय को नाराजगी का कोई मौका नहीं देना चाहती है। क्योंकि कृषि कानूनों को लेकर 13 महीने तक चले किसान आंदोलन के चलते भाजपा को पहले ही नुकसान हो चुका है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट समुदाय की पावरफुल खाप भी किसान आंदोलन के साथ थी। इसके साथ ही सत्यपाल मलिक की भी किसानों में काफी पैठ है। ऐसे में मलिक के खिलाफ कोई भी कार्रवाई जाट समुदाय को भाजपा के खिलाफ कर सकती है।

टेनी को हटाने में आड़े आ रहे ब्राह्मण वोट: भाजपा

  • बता दें सत्यपाल मलिक की तरह केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी का भी मामला है। टेनी ब्राह्मण समुदाय से आते हैं। ब्राह्मणों को भाजपा का कोर वोट बैंक माना जाता है। इसलिए भाजपा ब्राह्मणों को नाराज नहीं करना चाहती है, क्योंकि टेनी की समुदाय में पहले से ही काफी गहरी पैठ है। साथ ही ब्राह्मण समुदाय के कुछ लोग उत्तर प्रदेश सरकार से पहले से नाराज चल रहे हैं।
  • इसी के चलते हाल में भाजपा ने एक समिति बनाई है। यह समिति राज्य में ब्राह्मण समुदाय तक पहुंचने का पूरा खाका तैयार करेगी। ब्राह्मण वोट उत्तर प्रदेश में काफी मायने रखते हैं। (11 percent of Brahmins population in UP) उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों की आबादी 11 फीसदी है। बता उत्तर प्रदेश विधानसभ की 403 सीटों में से 77 में इसकी अहम भूमिका है। माना जाता है कि ब्राह्मणों का झुकाव जिस पार्टी की ओर हो गया उसका सत्ता में आना तय माना जाता है।

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Suman Tiwari

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