इंडिया न्यूज़(मुंबई):बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका लगा कर यह मांग की गई थी की मुंबई क्रिकेट संघ,बीसीसीआई और नगर निकाय को यह आदेश दिया जाए की वह सार्वजनिक मैदानों पर पानी,टॉयलेट और स्वास्थ सुविधाएं उपलब्ध करवाएं, इसपर बॉम्बे हाई कोर्ट के मुख्यन्यायादीश ने याचिकाकर्त्ता से कहा की आप घर से पानी क्यों नही ले आते? आप क्रिकेट खेलन चाहते है क्या यह आपका खेल नहीं है?

बॉम्बे हाई कोर्ट ने आगे कहा की हम पहले यह सुनिश्चित करेंगे की महाराष्ट्र के गावों तक पानी पहुंचे,क्या आप जानते है की औरंगाबाद को हफ्ते में सिर्फ एक दिन पानी मिलता है,आप भाग्यशाली के आपके अभिभावक आपके लिए आकर्षक बैट,तरह तरह के गार्ड खरीद सकते है,अगर वो यह सब खरीद सकते है वो वह कुछ लीटर पानी भी खरीद सकते है.

कोर्ट ने जिला स्तर के क्रिकेटर याचिकाकर्ता से पूछा कि उसने ग्रामीणों के लिए क्या किया है? आपने अपने कर्तव्य के लिए क्या किया है? सहानभूति दिखाने के लिए पहले अपने मौलिक कर्तव्य का ध्यान रखें,अदालत ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह उस वैधानिक अधिकार को प्रदर्शित करने के लिए एक वरिष्ठ वकील की सहायता लें जिसके तहत एमसीए को निर्देश दिया जा सकता है.

अदालत ने आगे कहा कि वह लोगों के जीने के मौलिक अधिकार जैसे अनधिकृत निर्माण,चिपलून बाढ़ से जुड़े मामलों की सुनवाई कर रही है और फिर भी याचिकाकर्ता को सुनवाई का मौका दिया गया.