इंडिया न्यूज, कोलकाता:
केद्रं सरकार के बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र (BSF Jurisdiction) का दायरा बढ़ाए जाने के खिलाफ पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने विधानसभा में मंगलवार को प्रस्ताव पास कर दिया है। इसके बाद भाजपा के विधायकों ने ममता सरकार के प्रस्ताव का विरोध किया है। पंजाब के बाद बंगाल दूसरा ऐसा राज्य है, जिसने केंद्र के बीएसएफ का अधिकार बढ़ाने के फैसले के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पास किया है। प्रस्ताव पास होने से पहले इसके पक्ष में 112 और इसके विरोध में 63 वोट पड़े।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में इस प्रस्ताव को राज्य के संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने पेश किया था। प्रस्ताव पेश करते समय उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि इस फैसले को तुरंत वापस लिया जाए, क्योंकि बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाना देश के संघीय ढांचे पर सीधा हमला है।
टीएमसी विधायक उदयन गुहा की टिप्पणी का हुआ विरोध BSF Jurisdiction
विधानसभा में प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान टीएमसी विधायक उदयन गुहा ने कहा कि सरहदी इलाके में रहने वाला बच्चा कभी भी देशभक्त नहीं हो सकता है, अगर वह बीएसएफ को शव की तलाशी की आड़ में अपनी मां को गलत तरीके से छूता हुआ देखता है। टीएमसी विधायक के इस कमेंट के बाद भाजपा विधायकों ने इसका विरोध किया और इसे हटाने की मांग की।
टीएमसी विधायक की टिप्पणी के जवाब में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि बीएसएफ जैसी फोर्स के खिलाफ इस तरह की भाषा का इस्तेमाल पूरी तरह से अस्वीकार्य है। जब केंद्र सरकार जंगलमहल से केंद्रीय बलों को वापस लेने की कोशिश करती है, तो यही राज्य सरकार इस कदम का विरोध करती है और अब यह सरकार बीएसएफ की गतिविधियों का विरोध कर रही है। इस नए नियम से राज्य पुलिस और बीएसएफ के बीच विवाद का कोई सवाल ही नहीं है।
तीन राज्यों में हुआ बीएसएफ के अधिकार में बदलाव BSF Jurisdiction
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बीएसएएफ के अधिकार क्षेत्र में बदलाव करते हुए बीएसएएफ एक्ट 1968 की धारा 139 (1) के तहत किए प्रावधानों के आधार पर किए गए हैं। जिसका असर 12 राज्यों गुजरात, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, असम, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय, केंद्रशासित जम्मू-कश्मीर और लद्दाख पर पड़ेगा।
इन 12 राज्यों में से सिर्फ 3 राज्य असम, पश्चिम बंगाल और पंजाब ऐसे हैं, जहां बीएसएएफ का अधिकार क्षेत्र पहले के मुकाबले बहुत ज्यादा बढ़ जाएगा। इन राज्यों में पहले बीएसएएफ बॉर्डर से 15 किलोमीटर अंदर तक कार्रवाई कर सकती थी लेकिन इस प्रस्ताव के बाद अब बीएसएफ 50 किलोमीटर तक बिना मजिस्ट्रेट के आदेश या वारंट के कार्रवाई कर सकेगी।
गुजरात में घटा बीएसएफ की कार्रवाई का दायरा BSF Jurisdiction
अगर बात करें देश के बाकी राज्यों की तो नॉर्थ-ईस्ट के 5 राज्यों जिनमें मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय में शामिल हैं, इन राज्यों में बीएसएफ को पूरे राज्य में कार्रवाई का अधिकार रहेगा। इसी तरह बीएसएफ को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में कहीं भी आॅपरेशन करने का अधिकार पहले की तरह रहेगा। लेकिन गुजरात में बीएसएफ की कार्रवाई का दायरा घट गया है। जहां पहले वो बॉर्डर से 80 किलोमीटर अंदर के दायरे में कार्रवाई कर सकती थी, वहीं अब ये घटकर 50 किलोमीटर हो गया है। राजस्थान में बीएसएफ की कार्रवाई क्षेत्र का दायरा बढ़ाने के प्रस्ताव का कोई असर नहीं होगा और यहां पहले की तरह ही बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का दायरा 50 किमी बना रहेगा।
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