India News (इंडिया न्यूज़), Ajay Jandial, Chandrayaan 3 : कश्मीर से कन्याकुमारी और पूरी दुनिया में बसे भारतीयों के लिए 23 अगस्त एक महत्वपूर्ण तिथि है, जो किसी भी बड़े त्योहार से कम नहीं है। शायद यही कारण है कि हर कोई इस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहा है और दुआ कर रहा है कि चंद्रयान 3 की सुरक्षित लैंडिंग हो। देश में गांवों से लेकर शहरों और बड़े स्कूलों से लेकर इस्लामिक तालीम के लिए चल रहे मदरसों तक, सभी जगहों पर चंद्रयान 3 की ही चर्चा हो रही है।
आंध्र प्रदेश के सतीश धवन स्पेस सेंटर से हज़ारों किलोमीटर दूर, जम्मू कश्मीर के साम्बा जिले के जामिआ मस्जिद में, पिछले कई दिनों से इस्लामिक पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को चंद्रयान के बारे में बताया जा रहा है। लगभग डेड महीने से, बच्चे चंद्रयान कि खबर में काफी रूचि रख रहे हैं, जिसके बाद मदरसा कमेटी ने यहां पढ़ने वाले बच्चों को सही जानकारी देने के लिए खास प्रावधान किया और चंद्रयान की शिक्षा प्रारंभ की है।
मदरसे में बच्चों की शिक्षा देने वाले उस्ताद मौलवी हाफिज़ अहमद ने बताया “हालांकि मदरसों में धार्मिक शिक्षा दी जाती है, लेकिन बच्चों का चंद्रयान में रुझान हमें यह दिखाता है कि उन्होंने इसकी सही जानकारी देनी चाहिए इसी लिए हमने यह निर्णय लिया है। हम बच्चों को चंद्रयान मिशन और इससे होने वाले लाभों के बारे में सही से बता रहे हैं, क्योंकि यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण व ऐतिहासिक पल होने जा रहा है।
मदरसे में पढ़ने वाले मोहम्मद सलीम का कहना है कि “14 जुलाई को जब चंद्रयान 3 का प्रक्षिप्त होने के बाद से हमें इसके बारे में सुनने का मौका मिला, और मदरसे में भी मौलवी साहब रोज़ाना हमें इसकी जानकारी देते रहते हैं। अब जब उसका चांद पर उतरने का समय नजदीक आ रहा है, हम दुआ कर रहे हैं कि यह सुरक्षित रूप से सफलतापूर्वक उतरे।
मदरसे में ही पड़ने वाले दूसरे छात्र नाजिम ने कहा कि “चंद्रयान 3 जब चाँद पर उतरेगा, तो यह हमारे लिए महत्वपूर्ण दिन होगा। यह हमें चांद पर मौजूद चीजों के बारे में नए जानकारी प्रदान करेगा, और सबसे बड़ी बात यह होगी कि चंद्रयान के चांद पर पहुंचने से भारत उन चार देशों में शामिल हो जाएगा, जिनका झंडा चांद पर फहरायेगा, अर्थात् देश का तिरंगा चांद पर लहरायेगा।”
सिर्फ मदरसे ही नहीं बल्कि जम्मू कश्मीर के तमाम स्कूलों में यही हाल है जम्मू के छन्नी इलाके में स्थित जोधामाल पब्लिक स्कूल के छात्र पिछले एक महीने से चंद्रयान की अनुसंधान के साथ ही उसके और चांद की आगामी खोज में मॉडल तैयार कर रहे हैं, ताकि मिशन की सफलता के बाद वे एक विशेष प्रदर्शनी का आयोजन कर सकें। स्कूल के चेयरमैन नंदन कुटियाला का कहना है कि “जम्मू कश्मीर पिछले कुछ सालों में गलत दिशा में बदल गया है, और यहां के युवा अब देश के प्रगति के साथ आगे बढ़ने का संकल्प ले रहे हैं।”
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