India News (इंडिया न्यूज), China Curse of 35: कोरोना ने कई देशों की अर्थव्यवस्था को काफी प्रभावित किया है, इस वजह से काफी लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। इस वायरस ने बड़े-बड़े देशों को बर्बाद कर दिया। इन देशों की लिस्ट में सुपर पावर कहलाने वाला देश चीन भी शामिल है। चीन भले ही आर्थिक महाशक्ति कहलाने वाला देश है लेकिन इस वक्त ये आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। चीन की अर्थव्यवस्था की बर्बादी का कारण – बढ़ता कर्ज़, अमेरिका के साथ चल रहा व्यापार संघर्ष, बढ़ती जनसंख्या, सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई और 35 का अभिशाप है। अब आप सोच रहे होंगे कि ये 35 का अभिशाप क्य है तो चलिए आपको बताते हैं।
- क्या है यह 35 का अभिशाप?
- टेक इंडस्ट्री भी झेल रही है मंदी की मार
- कोरोना ने बढ़ाया भेदभाव
क्या है यह 35 का अभिशाप?
ज्यादातर देशों मे लोग 35 की उम्र में अपने करियर की शुरुआत करते है, लेकिन सुपर पावर कहलाने वाला देश चाइना में 35 की उम्र में लोगों का करियर ही खत्म माना जाता है। यहां इंसान को बुजुर्ग मान लिया जाता है। जिस वजह से 35 से ज्यादा उम्र के लोगों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। कई कंपनियों ने तो 35 साल की उम्र को फिक्स कर दी है। चाइना में ऐसा माना जाता है कि युवाओं को बुजुर्गों से ज्यादा अनुभव होता है।
टेक इंडस्ट्री भी झेल रही है मंदी की मार
टेक इंडस्ट्री को बेरोजगारों को प्यासे को कुएं जैसा होता है क्योंकि ज्यादातर युवा टेक इंडस्ट्री में ही नौकरी की तलाश करते है, लेकिन चाइना की टेक इंडस्ट्री भी मंदी की मार झेल रही है। अलीबाबा और टेनसेंट जैसी बड़ी कंपनियां भी लोगो को निकाल रही है। इसके अलावा रियल एस्टेट बाजार भी कर्ज में डूबा हुआ है।
छैय्या छैय्या से लेकर तौबा तौबा तक, Ambani की शादी में बॉलीवुड सितारों ने इन गानों पर लगाए ठुमके
कोरोना ने बढ़ाया भेदभाव
चीन में कोरोना महामारी के बाद 35 साल के लोगों के लिए भेदभाव काफी हद तक बढ़ गया है। काफी कंपनियों ने लोगों की काम करने की आयु 35 वर्ष रख दी है। जियाओ ने विदेश में काम करके चीनी नागरिकों के लिए एक उदाहरण सेट कर दिया है कि कामगार लोग मौकों की तलाश कर सकते है।