इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
Corona Cure Pills : देश दुनिया में कोरोना वायरस व उसका नया वेरिएंट ओमिक्रॉन संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है। पिछले एक माह में ओमिक्रॉन के 1900 से अधिक केस मिले हैं। कोरोना और ओमिक्रॉन के बढ़ते केसों को देखते हुए केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की ओर से भारत में पहली एंटी-वायरल कोविड-19 गोली मोलनुपिराविर को आपातकालीन मंजूरी मिलने के बाद बीते सोमवार को पूरे पांच दिन के कोर्स के साथ लॉन्च कर दिया गया। बता दें कि इस दवा को कोरोना के वयस्क रोगियों और जिनमें संक्रमण का ज्यादा खतरा होगा उनके इलाज के लिए मंजूरी दी गई है। इस दवा के साथ ही दो और कोवोवैक्स और कॉबेर्वैक्स वैक्सीन को भी भारत में मंजूरी दे दी गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के अनुसार भारत की लगभग 13 दवा निमार्ता कंपनियां घरेलू स्तर पर मोलनुपिरावीर बनाएंगी। इन कंपनियों में डाक्टर रेड्डीज लैबोरेट्रीज, नैटको फार्मा, सिप्ला, स्ट्राइड्स, हेटेरो और आॅप्टिमस फार्मा प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। बताया जा रहा है कि मोलनुपिरावीर को सबसे पहले इन्फ्लूएंजा के इलाज में इस्तेमाल किया गया था। (Corona Cure Pills)
मोलनुपिरावीर का इस्तेमाल कोविड-19 से संक्रमित मरीजों के इलाज में किया जाता है। ये एक पुनर्निर्माण दवा है, जिसे गोली का आकार दिया गया है। मरीज इसे आसानी से ले सकते हैं। ये गोली वायरस को शरीर में फैलने से रोकती है और जल्दी रिकवर होने में मदद करती है। संक्रमित मरीज को 12 घंटे के अंदर इसकी चार गोलियां लेनी होंगी। इलाज के दौरान मोलनुपिरावीर की गोलियों का पांच दिनों तक कोर्स लेना जरुरी है। (Corona Cure Pills)
मैनकाइंड फार्मा के चेयरमैन आरसी जूनेजा ने बताया कि, मोलनुपिरावीर दवा अब तक की सबसे सस्ती एंटीवायरल दवा है, जिसकी एक गोली 35 रुपए की मिलेगी और पांच दिन का कोर्स 1399 रुपए में मिलेगा। मरीज को 12 घंटे के अंदर चार गोलियां खानी होंगी, यानि 24 घंटे में आठ गोलियां। मोलनुपिरावीर का पूरा कोर्स 40 गोलियों का होगा।
बताया जा रहा है कि मोलनुपिरावीर की गोलियां बाजार में आसानी से उपलब्ध हो जाएंगी। दरअसल, मेडिकल स्टोर पर इसे बेचने की सिफारिश की गई है, लेकिन दुकानदारों को कुछ निर्देश दिए जा सकते हैं। दवा का इस्तेमाल उन मरीजों के लिए किया जाएगा, जो गंभीर कोरोना के शिकार हैं और अस्पताल में भर्ती हों।
आने वाले दिनों में मोलनुपिरावीर के पांच दिन का कोर्स भले ही मेडिकल स्टोर पर मिल जाए, लेकिन इसे खरीदने के लिए डॉक्टर की पर्ची जरूरी है। केंद्र सरकार ने मोलनुपिरावीर के आपातकालीन उपयोग को मंजूरी दी है, जिसका मतलब है कि इसकी नियंत्रित बिक्री की जा सकती है। कोई भी अपने मन से इस दवा को नहीं खरीद सकता है। जब तक डॉक्टर किसी मरीज के लिए इस दवा को पर्ची पर नहीं लिख देता, तब तक इसे नहीं खरीदा जा सकता है। (Corona Cure Pills)
एक्सपर्ट्स का कहना है कि (आरएनए) मैकेनिज्म के जरिए कोरोना वायरस हमारे शरीर में दस्तक देता है और संक्रमण फैलने लगता है। जैसे-जैसे वायरस और संक्रमण फैलता है वैसे-वैसे मरीज की हालात गंभीर हो जाती है। मोलनुपिरावीर की गोलियां आरएनए मैकेनिज्म को ठीक करती है और वायरस को शरीर में फैलने से रोकती हैं। जब दवा का असर शुरू होता है और वायरस कमजोर पड़ता है तो मरीज की हालात सामान्य हो जाती है। वो गंभीर संक्रमण से बच जाता है।
मोलनुपिरावीर को इन्फ्लूएंजा के इलाज के लिए अमेरिका के जॉर्जिया स्थित इमॉरी यूनिवर्सिटी में तैयार किया गया था। जिसे नवंबर 2021 में यूनाइटेड किंगडम ने और दिसंबर 2021 में अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने मान्यता दी थी। भारत में 28 दिसंबर को ड्रग कन्ट्रोलर जनरल आॅफ इंडिया (डीजीसीआई) ने इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मान्यता दे दी। बीते सोमवार को इसे भारत में लॉन्च किया गया। (Corona Cure Pills)
कोरोना के डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ काम करती है?
जी हां, भारत में दवा बनाने वाली 13 फार्मा कंपनियों में से एक मैनकाइंड की तरफ से बताया गया है कि मोलनुपिरावीर कोरोना के डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ भी कारगर है।
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