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Coronavirus Omicron Variant Effect on Children In India पांच साल से कम उम्र के बच्चों में ज्यादा खतरा

Coronavirus Omicron Variant Effect on Children In India ओमिक्रॉन: पांच साल से कम उम्र के बच्चों में ज्यादा खतरा

इंडिया न्यूज । नई दिल्ली

दक्षिण अफ्रीका से कोरोना वायरस (Coronavir) का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron COVID-19 Variant) का पहला केस आने के महज एक माह के अंदर ये वेरिएंट दुनिया के 100 से अधिक देशों में फैल चुका है। भारत में भी ओमिक्रॉन के 300 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक अब तक ओमिक्रॉन से पांच साल से कम उम्र के बच्चे ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं। ओमिक्रॉन की वजह से कुछ देशों में बच्चों के हॉस्पिटलाइजेशन की दर भी बढ़ी है। आइए जानते हैं ओमिक्रॉन से बच्चों को कितना खतरा है।

Coronavirus Third Wave Vs Omicron Variant: 100 से ज्यादा देशों में फैला ओमिक्रॉन, कई देशों में बनता जा रहा डॉमिनेंट वेरिएंट

कोविड का बच्चों में कितना असर? Omicron COVID-19 Variant and Kids

Patna, Dec 23 (ANI): A healthcare worker wearing a Santa Claus mask collects a nasal swab sample of a woman for the COVID-19 testing, at Patna Junction railway station, in Patna on Thursday. (ANI Photo)

कोरोना (COVID) वायरस महामारी ने पूरी दुनिया को बुरी तरह प्रभावित किया है, लेकिन वयस्कों और बुजुर्गों की तुलना में कोरोना का असर बच्चों पर कम नजर आया है। अब तक डेल्टा या अन्य किसी भी वेरिएंट (Omicron Variant) का बच्चों पर काफी कम प्रभाव पड़ा है, लेकिन ओमिक्रॉन की वजह से बच्चों के हॉस्पिटलाइजेशन की दर डेल्टा की तुलना में 20 फीसदी अधिक होना। इस वेरिएंट से बच्चों के स्वास्थ्य के प्रभावित होने की आशंका को बढ़ा रही है।

Coronavirus Omicron Variant In Kids

COVID News: यूनाइटेड नेशंस इंटरनेशनल चिल्ड्रन एमर्जेन्सी फंड के मुताबिक, भारत समेत दुनिया के 82 प्रमुख देशों में कोरोना से अब तक हुई कुल 34 लाख मौतों में से 0.4 फीसदी (करीब 12 हजार) मौतें बच्चों की हुई हैं।
इस आंकड़े में 20 साल से कम उम्र के किशोरों और बच्चों को शामिल किया गया है। इन 12 हजार मौतों में से 58 फीसदी मौतें 10-19 साल की उम्र के किशोरों की हुई हैं। वहीं, 42 फीसदी मौतें 0-9 साल की उम्र के बच्चों की हुई हैं। 22 दिसंबर तक दुनिया में कोविड के कुल 27 करोड़ से अधिक केस आए और 53 लाख से अधिक मौतें हुई थीं।

बच्चों के लिए भी वैक्सीनेशन शुरू करने की जरूरत?

अब तक की रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओमिक्रॉन (Omicron virus) आने के बाद 5 साल से कम उम्र के बच्चे ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं। इनमें से कई बच्चे ऐसे हैं, जिनके माता-पिता को वैक्सीन की एक भी डोज नहीं लगी है। देश में करीब 40 फीसदी आबादी को अभी तक कोरोना की एक भी डोज नहीं लगी है।

ऐसे में अगर ओमिक्रॉन देश में फैलता है तो एक बड़ी आबादी के बच्चों के इससे संक्रमित (Coronavirus Outbreak) होने का खतरा बढ़ जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि ओमिक्रॉन जैसे खतरों को टालने के लिए बच्चों के लिए भी कोरोना वैक्सीनेशन शुरू करने की जरूरत है। अमेरिका, ब्रिटेन समेत दुनिया के 30 से अधिक देश बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू कर चुके हैं, लेकिन भारत में अब तक बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू नहीं हुआ है।

बताया जा रहा है कि भारत में जल्द ही 2-17 साल के बच्चों का कोरोना वैक्सीनेशनल शुरू होने को गाइडलाइन आने वाली है। इसके तहत सबसे पहले सात राज्यों-महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पंजाब, झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल में बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू होगा। यानी देश में ओमिक्रॉन का कहर बढ़ने पर न केवल भारतीय वयस्कों, बल्कि बच्चों के भी संक्रमित होने का खतरा रहेगा।

हर उम्र के बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता होती अलग-अलग?

आंकड़े दिखाते हैं कि बच्चों में कोरोना का असर अब तक काफी कम नजर आया है। रिसर्चर्स के अनुसार, ज्यादातर बच्चों का इम्यून सिस्टम कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडीज तैयार करने में वयस्कों की तुलना में जल्दी काम करता है। बच्चों की एंटीबॉडीज का टारगेट वायरस की स्पाइक प्रोटीन होती है।

स्पाइक प्रोटीन के जरिए ही वायरस सेल में प्रवेश के द्वार खोलता है। हालांकि हर उम्र के बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता अलग होती है, जैसे-गोद में रहने वाले बच्चे की तुलना में चलने-फिरने वाले बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा मजबूत होती है। अधिकतर मामलों में बच्चों में कोरोना के हल्के लक्षण या कोई लक्षण नहीं दिखते। हालांकि, बच्चे वायरस को फैलाने में कैरियर की भूमिका निभा सकते हैं।

अमेरिका में बच्चों के हॉस्पिटलाइजेशन में बढ़ौतरी?

दक्षिण अफ्रीका के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कम्युनिकेबल डिजीज की रिपोर्ट के मुताबिक, ओमिक्रॉन आने के बाद सभी उम्र के बच्चों में संक्रमण की दर में बढ़ौतरी हुई लेकिन इसका सबसे ज्यादा प्रभाव पांच साल से कम उम्र के बच्चों पर पड़ा।

IIT Professor Maninder Agrawal

अमेरिका के टेक्सास से भी ओमिक्रॉन से बच्चों के संक्रमित होने की रिपोर्ट्स है। एक मीडिया के मुताबिक, पिछले एक हफ्ते के दौरान उनके अस्पताल में 18 साल से कम उम्र के लोगों के भर्ती होने की रफ्तार दोगुनी हो गई है। ओमिक्रॉन फैलने के बाद अमेरिका में पांच साल से कम उम्र के बच्चों के हॉस्पिटलाइजेशन रेट में बढ़ौतरी हुई है। डॉक्टरों ने पाया कि हॉस्पिटल में भर्ती होने वाले बच्चों में एक कॉमन बात ये है कि ज्यादातर बच्चों के पेरेंट्स अनवैक्सीनेटेड थे।

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Amit Gupta

Managing Editor @aajsamaaj , @ITVNetworkin | Author of 6 Books, Play and Novel| Workalcholic | Hate Hypocrisy | RTs aren't Endorsements

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