इंडिया न्यूज़, मुंबई :
Deception A Family That Deceived the Whole Nation हिन्दू टेरर या भगवा आतंकवाद एक षड्यंत्र है इसका खुलासा सबसे पहले किया गृह मंत्रालय में अंडर सेक्रेटरी रहे श्री आर वी एस मणि ने। और वे आज भी अपनी बातों पर अडिग हैं। उनकी पहली पुस्तक ‘The Myth of Hindu Terror: Insider account of Ministry of Home Affairs 2006-2010’ में उन्होंने इस षड्यंत्र का पर्दाफाश बड़ी निडरता और साक्ष्यों के आधार पर किया है। इस पुस्तक को पढ़ने के बाद पता चलता है कि सब कुछ फिक्स था। मणि को किस तरह के संकटों और टॉर्चर से गुजरना पड़ा लेकिन उन्होंने सत्य का साथ नहीं छोड़ा और हिन्दू आतंकवाद का षड्यंत्र विफल हो गया।
श्री आर वी एस मणि ने अब एक और पुस्तक लिखी है जिसका शीर्षक है Deception: A Family That Deceived the Whole Nation. यह पुस्तक फिक्शन पर आधारित है। पर मैं पुस्तक पढ़ने के बाद यह मानता हूँ कि यह फिक्शन नहीं बल्कि सच्चाई से भरी हुई पुस्तक है। इस पुस्तक का मुख्य पात्र कल्याण नामक गृह मंत्रालय का एक अधिकारी है। अनेक सनसनीखेज खुलासे इस पुस्तक में फिक्शन के रूप में किये गए हैं। मैं जब यह पुस्तक पढ़ रहा था तब ऐसा लग रहा था मानों की मूवी चल रही है। आप ये पुस्तक जब पढ़ना शुरू करेंगे मेरा दावा है आप इसे पूरा पढ़कर ही रुकेंगे। क्योंकि इसे इतने अच्छे तरीके और संवाद शैली में लिखा गया है मानों यह पुस्तक आपसे बात कर रही है। कल्याण ने कई जगह बड़ी गंभीरता के साथ फ़िल्मी भाषा में कहूं तो कॉमेडी का प्रदर्शन भी किया है।
पुस्तक का मुख्य पात्र कल्याण अन्य अधिकारीयों के साथ अपने संवाद में इस बात का खुलासा या पर्दाफास कई बार करता है कि किस तरह से महत्वपूर्ण इनपुट्स और सूचनाएं, जिनकी पुष्टि भारत की खुफिया एजेंसियों द्वारा कई बार की जाती है, को सरकार द्वारा गंभीरता से नहीं लिया गया और उनमें हेरफेर किया गया। और अपने वोट बैंक के रूप में केवल अल्पसंख्यकों को खुश करने और बहुसंख्यकों के विरूद्ध एक षड्यंत्र रचा गया।
पुस्तक में कल्याण हालांकि गृह मंत्रालय का अधिकारी है लेकिन भारत की ख़ुफ़िया एजेंसी रॉ के अधिकारी और अपने विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के आग्रह पर वह गुप्त रूप अपने प्राण संकट में डालकर पाकिस्तान जाता है और वहां की जेल में बंद एक कैदी (जो शायद रॉ का गुप्तचर है) से रॉ के लिए गुप्त जानकरी लाता है। जिस जानकारी के अनुसार भारत पाकिस्तान के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस में धमाके का षड्यंत्र था। अपने प्राण संकट में डालकर कल्याण यह जानकारी लाता है लेकिन सरकार के ढुलमुल रवैये के कारण कुछ काम न होता। और समझौता एक्सप्रेस में सच में बम्ब विस्फोट होता है। बहुत जानमाल की हानि होती है। जबकि सरकार के पास सुचना पहले से ही थी और यह दुर्घटना रोकी जा सकती थी।
इस पुस्तक में एक संवाद में यह खुलासा होता है कि हिन्दू आतंकवाद के षड्यंत्र के तहत सन 1953 में समाप्त हो चुके अभिनव भारत नामक संगठन को 2005 में दोबारा पुनर्जीवित किया गया और उसके बैंक खाते में मंत्री के ऑफिस से 70 लाख रूपए जमा किये गए। पुस्तक में कल्याण, एक राजनेता और पुलिस अधिकारी का संवाद भी है जहाँ कल्याण पर उस समय देश में हुए आतंकी घटनाओं हिन्दुओं का हाथ होने की बात स्वीकार करने का दबाब बनया गया था।
बाद में वह पुलिस अधिकारी मुंबई में हुए 26 /11 हमले में मारा गया था। पुस्तक में यह विस्तार से लिखा गया है कि मुंबई में 26/11 के हमले से पहले भारत का एक शिष्टमंडल पाकिस्तान गया था लेकिन उसमें आखिरी क्षणों में एक एहसान खान नामक अधिकारी को शामिल किया गया था जिसको कायदे से उस दल में नहीं होना चाहिए था। उसी अधिकारी के कारण भारतीय दल को पाकिस्तान में तय समय अवधि से एक दिन ज्यादा रुकना पड़ा था। उसी समय मुंबई में हमला हुआ था। कल्याण के अनुसार 26 /11 हमले से बहुत पहले भारत एजेंसियों ने सुचना दे दी थी। लेकिन सरकार आँखे बंद करके बैठी रही। यहाँ तक कि घटना के बाद देश के तत्कालीन गृहमंत्री ने CISF को मोर्चा संभालने में भी कराई।
(Deception A Family That Deceived the Whole Nation)
पुस्तक एक सनसनीखेज खुलासा करती है कि वर्ष 2008 में देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री के हस्ताक्षर से प्रधानमंत्री आवास का सौदा लंदन में रहने वाले किसी सिक्ख निहाल सिंह के साथ किया गया था। इस मामले को सुलझाने के लिए कल्याण को लंदन भेजा गया था और निहाल की डिमांड पूरी करने के बाद यह मामला सुलझाया गया था। हो न हो यह धन खालिस्तानियों या ISI ने उपयोग किया होगा।
सितंबर 2008 को मालेगांव में ब्लास्ट हुआ था। प्रारंभिक जानकरी के अनुसार यह ब्लास्ट इंडियन मुजाहिदीन और अहले हदीस ने किया था। लेकिन महाराष्ट्र ATS ने अभिनव भारत नामक संगठन के लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया था। ध्यान देने योग्य बात है कि अभिनव भारत संगठन जो 1953 में समाप्त हो गया था उसको 2005 में ही दोबारा जिन्दा किया गया था। यहीं से शुरू हुआ हिन्दू आतंकवाद के षड्यंत्र बीजारोपण।
(Deception A Family That Deceived the Whole Nation)
पुस्तक में स्पष्ट रूप से यह बताने का प्रयास किया गया है कि किस तरह देश के एक राजनितिक परिवार ने देश के साथ धोखा किया है। यह पुस्तक भारत के बहुसंख्यक हिन्दू समाज को जगाने का एक प्रयास है कि राजनितिक पार्टी अपने वोट बैंक के लिए कैसे कैसे षड्यंत्र कर सकती है। उसके लिए लोगों के जीवन का कोई महत्व नहीं है। इस पुस्तक में यह भी संकेत किया गया है कि कैसे बड़े बड़े अधिकारी राजनितिक पार्टियों या नेताओं के कठपुतली होते हैं।
इस पुस्तक के माध्यम से श्री आर वी एस मणि द्वारा किया गया प्रयास अद्भुत है। यह पुस्तक हिंदी में भी प्रकाशित हो तो भारत की साधारण जनता भी खुद को जागरूक कर पायेगी।
(Deception A Family That Deceived the Whole Nation)
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