इंडिया न्यूज, नई दिल्ली।
Delhi Power Demand : पिछले कई सालों की तुलना में मार्च 2022 में बहुत ज्यादा तापमान बढ़ गया है। वहीं मौसम विभाग ने भी इस बार प्रचंड गर्मी पड़ने की भविष्यवाणी की है। साथ ही ऐसा भी माना जा रहा है कि इस बार दिल्ली में बिजली की मांग भी बढ़ने की संभावना है।
इसके दो कारण माने जा रहे हैं। एक तो मार्च के महीने में ही बहुत ज्यादा गर्मी पढ़ना है तो दूसरा कोरोना काल के बाद से कोविड-19 की सभी बंदिशों को हटा दिया गया है। जिस कारण से सभी उद्योग धंधों ने भी रफ्तार पकड़ ली है।
जैसा कि आप जानते ही हैं कि मार्च के तीसरे हफ्ते में ही पारा 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच गया है।
दिल्ली में बिजली की डिमांड भी अचानक बढ़ गई है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल पिछले साल की अपेक्षा करीब 677 मेगावाट अधिक बिजली की मांग रहेगी।
पिछले साल की तुलना में इस साल पावर डिमांड 9.2 प्रतिशत अधिक होगा। उत्तरी दिल्ली और बाहरी दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग 2250-2350 मेगावाट तक हो सकती है। पिछले वर्ष नार्थ एवं बाहरी दिल्ली में अधिकतम पावर डिमांड 2106 मेगावाट दर्ज किया गया।
बिजली वितरण कंपनी बीएसईएस (BSES) और टाटा पावर डीडीएल (DDL) के अधिकारियों के अनुसार कोरोना संक्रमण से उबरने के बाद दिल्ली में जनजीवन समान्य हो गया है। फैक्ट्रियां फुल स्विंग में हैं।
सभी बाजार भी पहले की तरह खोल दिए गए हैं। इसके अलावा पिछले कुछ सालों की तुलना में इस साल मार्च के तीसरे हफ्ते में ही तापमान 40 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। इन्हीं कारणों के चलते पावर डिमांड में बढ़ोतरी हो गई है।
बीते साल गर्मी के पीक आवर्स में अधिकतम बिजली खपत 7323 मेगावाट दर्ज की गई थी। अनुमान है कि इस साल अधिकतम डिमांड 8000 मेगावॉट तक पहुंच सकती है, जो पिछले साल की तुलना में करीब 677 मेगावाट अधिक है। यानी पिछले साल की तुलना में इस साल पावर डिमांड 9.2 प्रतिशत अधिक हो सकती है।
क्या है पावर बैंकिंग स्कीम? Delhi Power Demand
बिजली वितरण कंपनी के अधिकारियों ने बताया है कि बिजली की अधिकतम मांच को पूरा करने के लिए कंपनी ने कई राज्यों से ‘पावर बैंकिंग’ के जरिए बिजली सप्लाई के लिए एग्रीमेंट किया गया है।
हिमाचल प्रदेश, मेघालय, सिक्किम, गोवा, अरुणाचल प्रदेश और तमिलनाडु से पावर बैंकिंग स्कीम के जरिए 690 मेगावाट बिजली मिलेगी। साथ ही सोलर एनर्जी कारपोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड की 600 मेगावाट सौर, 300 मेगावाट पवन ऊर्जा, वेस्ट टु एनर्जी प्लांट से 31 मेगावाट बिजली बीएसईएस के पास उपलब्ध है।
इसके अलावा एसईसीओआई (SECOI) से 210 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की भी व्यवस्था की जाएगी। Delhi Power Demand
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