इंडिया न्यूज।
Do These Measures in Small Diseases of Children : सर्दी हो या गर्मी अगर ठीक से स्वास्थ्य का ध्यान ना रखा जाए तो इसका असर बड़ों के साथ-साथ बच्चों में जल्दी पड़ता है। छोटे बच्चों को सर्दी, खांसी व जुकाम के साथ ऐसी कई बीमारियां हो जाती हैं कि वो किसी को बता भी नहीं सकते। बच्चे को रोता देख माता-पिता भी नहीं समझ पाते कि बच्चा क्यों रो रहा है। जब बच्चों के दांत निकलते हैं तो उन्हें बहुत परेशानी होती है। वहीं कब्ज होने पर वो किसी को ठीक से बता नहीं पाते हैं कि उन्हें क्या परेशानी है। बच्चों की कुछ बीमारियां को घरेलू उपचार से ठीक की जा सकती हैं।
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* कच्चे आंवले या कच्ची हल्दी का रस मसूड़ों पर मलने से दांत आसानी से निकलते हैं।
* अनार के रस में तुलसी का रस मिलाकर बच्चे को चटाने से दांत आसानी से निकल आते हैं।
* शहद में सुहागा पीसकर मसूड़ों पर मलने से दांत आराम से निकलतें हैं।
* भुना हुआ सुहागा और मुलहठी 2-2 ग्राम बारीक पीसकर बच्चों के मसूड़ोेंं पर एक हफ्ते तक मलने से दांत आसानी से निकल आते हैं।
* सर्दी के मौसम में एक से एक ग्राम सौंफ पानी में उबालकर छान लें। इसे रात को सोने से पहले बच्चे को पिला दें। इससे नींद में डरने की शिकायत दूर होगी।
* गर्मी के मौसम में छोटी इलायची का एक ग्राम अर्क सौंफ के उबले हुए पानी के साथ पिलाएं। नींद में डरने की आदत छूट जाएगी।
* बच्चे को रात में सोने से दो घंटा पहले खाना खिला दें। ताकि उसका खाना भलीभांति पच जाए।
* मतली की समस्या होने पर एक-एक टी स्पून अदरक का रस। नींबू का रस और शहद को मिलाकर बच्चे को चटाएं।
* आधा-आधा टीस्पून अदरक व प्याज का रस मिलाकर बच्चे को पिलाएं।
* चुटकीभर अजवायन और लौंग का चूर्ण शहद के साथ मिलाकर बच्चे को चटाएं।
* छोटी इलायची को भूनकर उसका चूर्ण बनाएं। चुटकीभर चूर्ण आधा चम्मच नींबू के रस में मिलाकर बच्चे को खिलाएं।
* इलायची के छिलकों को जलाकर उसकी भस्म चटाने से भी मतली में लाभ होता है।
* बड़े बच्चे को रोजाना सुबह आंवला चबाने को दें और रात को सोते समय एक टी स्पून आंवला पाउडर कुनकुने पानी के साथ दें।
* यदि 2-3 साल का होने के बाद भी बच्चा तुतलाए तो ब्राह्मी के हरे पत्ते (अगर वह खा सके तो) खिलाएं। इससे जीभ का मोटापन व कड़ापन दूर होगा और वह साफ बोलने लगेगा।
* खसरों के दानों में खुजली और जलन होने पर चंदन को पत्थर पर घिसकर लेप लगाएं।
* 100 ग्राम नारियल के तेल में 20 ग्राम कपूर मिलाकर शरीर पर तीन-चार बार लगाएं। इससे खसरे में राहत मिलती है।
* खसरा निकलने के कारण अगर शरीर में खुजली या जलन हो तो सूखे आंवले को पानी में उबालकर। उसे ठंडा कर लें और फिर उसमें कपड़ा भिगोकर शरीर में फेरें। बच्चे को आराम मिलेगा।
* आंवले को पीसकर उसका लेप लगाने से भी लाभ होता है।
* एक लीटर पानी उबालें. 250 मि.ली. पानी शेष रहने पर उतार कर और ठंडा कर बच्चे को थोड़ा-थोड़ा पिलाएं। इससे खसरे में बार-बार लगने वाली प्यास शांत होगी।
* ब्राह्मी के रस में शहद मिलाकर पिलाने से भी लाभ होता है।
* नीम के तेल का फाहा बच्चे के गुदामार्ग में लगाने से कब्ज की शिकायत दूर होती है।
* रात को भिगोए हुए छुहारे का पानी बच्चे को आवश्यकतानुसार तीन-चार बार पिलाएं। इससे कब्ज की शिकायत दूर होगी।
* बड़ी हरड़ को पानी के साथ घिसकर उसमें मूंग के दाने के बराबर काला नमक मिलाएं। इसे कुछ गुनगुना करके आवश्यकतानुसार दिन में दो-तीन बार दें। अवश्य लाभ होगा।
* अदरक की 2-3 बूंद रस में चुटकी भर पीसी हुई सोंठ। काली मिर्च और दो बूंद नींबू का रस मिलाकर बच्चे को चटाएं, तुरंत आराम मिलेगा।
* नारियल के ऊपर का भाग (जटा) जलाकर उसकी थोड़ी-सी राख एक-एक ग्राम पानी में घोलकर उसे छानकर बच्चे को पिलाने से हिचकी बंद हो जाती है।
Do These Measures in Small Diseases of Children
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