इंडिया न्यूज, मुंबई :

Ayushman khurana : बॉलीवुड एक्टर आयुष्मान खुराना ने कहा कि एक कलाकार के तौर पर उनका मकसद लोगों को लगातार ये बताना है कि वो खुद को या दूसरों को स्टीरियोटाइप न करें। वो अपनी फिल्मों के माध्यम से ऐसा करते हैं जिसका हिस्सा बनना उन्हें पसंद है। वो लगातार ऐसी कंटेंट वाली फिल्में करना चाहते हैं जो अलग हटकर हों और समाज में पॉजिटिव मैसेज दें। आयुष्मान का कहना है कि उनकी ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘ड्रीम गर्ल’, आज अपनी रिलीज की दूसरी सालगिरह पूरी कर रही है, इसका मकसद भी बस यही करना था।
आयुष्मान ने कहा कि जानबूझकर या अनजाने में हम लगातार अपने आस-पास की हर चीज को स्टीरियोटाइप करने के लिए बाध्य होते हैं। कभी-कभी, हमें यह भी पता नहीं होता है कि हम या तो स्टीरियोटाइप हो रहे हैं या दूसरों को स्टीरियोटाइप कर रहे हैं।
फिल्म के माध्यम से इस महत्वपूर्ण संदेश को व्यक्त करने की कोशिश करने के लिए स्टार ने अपने निर्देशक राज शांडिल्य और उनकी निमार्ता एकता कपूर को श्रेय दिया।
अभिनेता ने कहा कि मुझे ‘ड्रीम गर्ल’ की स्क्रिप्ट पसंद आई क्योंकि इसने हमें खुद को स्टीरियोटाइप नहीं करने के लिए कहा था। इसने हमें बताया कि जब हम इस चक्र को तोड़ते हैं, तो हम समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
उन्होंने कहा कि जब मैंने पूजा बनने का फैसला किया तो मेरे किरदार करमवीर ने खुद को रूढ़िबद्धता से अलग कर दिया। मेरे लिए, यह एक ताजा और विघटनकारी विचार था। मैं लगातार ऐसे विषयों की तलाश में रहता हूं, जो अलग हों, और दर्शकों को एक संदेश देते हों। आयुष्मान ने खुलासा किया कि अगर वह रूढ़ियों को तोड़ने के मिशन पर बने रहे तो एक अभिनेता के रूप में उन्हें संतुष्टि मिलेगी।