Drug Cases High court will soon hear in drug cases
मंगलवार को जल्द सुनवाई की मांग की याचिका मंजूर हुई
इंडिया न्यूज, चंडीगढ़:
सरहदी राज्य होने के चलते पंजाब शुरू से ही नशा तस्करी व हथियार तस्करी के मामलों से जूझता रहा है। पिछले कुछ दशकों से पड़ौसी देशों से बड़े स्तर पर प्रदेश में नशा तस्करी की गई। जिससे जहां प्रदेश का युवा नशे की दलदल में धंस गया वहीं प्रदेश को राजस्व हानि भी हुई। प्रदेश में फैलते नशा तस्करी को लेकर मामला आठ साल से अधिक समय से पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में विचाराधीन है। लगभग दो साल से इस मामले में सुनवाई नहीं हो पाई है। जिसको लेकर समाजसेवियों और प्रबुद्धजीवियों में निराशा की लहर है। अब उम्मीद की जा रही है कि इस मामले में जल्द सुनवाई हो सकेगी।
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Drug Cases : हाईकोर्ट ने स्वीकार की याचिका
मंगलवार को हाईकोर्ट ने जल्द सुनवाई की मांग की एक अर्जी स्वीकार करते हुए इस मामले में 13 अक्टूबर को सुनवाई करने का फैसला लिया है। पहले इस मामले की सुनवाई 15 नवंबर को तय थी। इस मामले में जस्टिस एजी मसीह एवं जस्टिस अशोक कुमार वर्मा की खंडपीठ सुनवाई करेगी।
मोहाली निवासी ने 2013 में दायर की थी याचिका
पंजाब में नशीले पदार्थों के खतरे से जुड़ा मामला मोहाली निवासी तरलोचन सिंह की ओर से दायर एक याचिका के जरिए हाई कोर्ट में पहुंचा था। तरलोचन सिंह को जब किसी अपराध के सिलसिले में रोपड़ जेल में बंद किया गया था, तो उन्होंने 2013 में हाई कोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर कर रोपड़ जेल में जेल अधिकारियों की मिलीभगत से नशीले पदार्थों की बिक्री का खुलासा किया था।
पूर्व पुलिस महानिदेशक ने भी लिखा था पत्र
हाईकोर्ट ने इसे जनहित का एक गंभीर मुद्दा मानते हुए इस मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लिया था और पंजाब सरकार से स्पष्टीकरण मांगा था। इसी मामले में पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक (जेल) शशिकांत ने भी हाई कोर्ट को एक पत्र लिखा था, जिसमें पंजाब में राजनेताओं के साथ माफियाओं की साठगांठ का आरोप लगाया गया था। 10 सितंबर, 2013 को हाई कोर्ट के समक्ष रिपोर्ट में शशिकांत ने दावा किया कि पंजाब में सालाना 6000 करोड़ रुपए से अधिक की ड्रग की तस्करी होती है और पैसा राज्य में चुनावों में प्रयोग होता है।